अपने बच्चे को सोते हुए देखने से ज्यादा खूबसूरत और सुकून भरा पल और कुछ नहीं हो सकता है। आप उसके चेहरे पर मुस्कान देखती हैं तो लगता है जैसे वो कोई सुंदर सपना देख रहा हो। लेकिन क्या शिशु सच में ठीक से सो रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं कि आपका बेबी गलत स्लीपिंग हैबिट विकसित कर रहा हो, जो उसकी हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है! क्या ऐसा संभव है?
एक बच्चे के पालन-पोषण का हर वक्त ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, जिसमें बच्चे का ठीक से सोना भी शामिल है! छोटे बच्चों को रात में नींद न आना, उनका बार-बार जागना या सोने से इंकार करना कुछ ऐसी आम समस्याएं हैं जिनका हमें सामना करना पड़ता है।
बच्चे की नींद की समस्याओं को समाप्त करने के लिए हमे अक्सर ऐसी चीजों का सहारा लेना पड़ता है, जो उनके लिए हेल्दी ऑप्शन नहीं होता है। क्या आपने अपने बेबी को सुलाने के लिए नीचे बताई गई गलतियां की हैं, अगर आपका जवाब हां है, तो आपको विचार करने की जरूरत है ।
बच्चे का परेशान होना और मां का थका हुआ होना अगर इन दोनों चीजों को एक साथ देखा जाए, तो स्थिति कैसी होगी, आप खुद ही इस बात का अंदाजा लगा सकती होंगी? ऐसे में बच्चा अपने स्ट्रोलर, कार, आपके सोफे, यहां तक कि अपनी हाई चेयर पर भी सोता है। ऐसे वातावरण में बच्चे का सोना जो उसकी आदत में न हो, तो वह सहज होकर नहीं सो पाता है और बेडरूम में जाकर रिलैक्स करने से जुड़ी उसकी मानसिकता भी खत्म हो जाती है। इससे बच्चे के अंदर सोने की गलत आदत पड़ने लगती है, इसलिए आपको ऐसा करने से बचना चाहिए और बच्चे को रोजाना उसके कमरे में ही सुलाना चाहिए।
समाधान: शुरुआत में भले ही यह थोड़ा मुश्किल हो, लेकिन आप बच्चे को उसके बेडरूम में ही रोजाना सुलाएं। आप एक ही जगह पर बच्चे को दिन में भी नैप लेने दें और रात को भी उसी जगह पर सुलाएं।
बेबी स्लीप शेड्यूल? बच्चों का स्लीप शेड्यूल बनाने की जरूरत होती है या नहीं? बड़ों की तरह, बच्चों को भी एक स्लीप शेड्यूल की जरूरत होती है। ऐसा करने से बेबी एक ही समय पर रोजाना नींद आने का अनुभव कर सकता है। बच्चे को सही समय सुलाना बहुत जरूरी है, क्योंकि जब वह खेलने के मूड में होता है, उसे सुलाना सही नहीं होगा और न ही उसे बहुत देर सुलाना चाहिए, खासतौर पर जब वो हद से ज्यादा थका हुआ हो।
समाधान: बच्चे की स्लीप साइकिल में फ्लेक्सिबिलिटी रखना ठीक है, लेकिन कोशिश यही करें कि जितना कम हो सके इसमें बदलाव न करें।
बच्चे बहुत छोटे होते हैं, तो उन्हें शांत रखने के लिए बेड टाइम रूटीन का होना क्यों जरूरी है? आपको बता दें कि अगर आप बेबी में नींद की अच्छी डालना चाहती हैं, तो आपको बेड टाइम रूटीन फॉलो करना होगा, जो उसकी पूरी सेहत और विकास के लिए बहुत जरूरी है! हर दिन बेड पर जाने से पहले रूटीन का पालन करने से बच्चे को शांत रहने और रिलैक्स होने में मदद मिलती है, जो आगे चलकर उसके लिए तो अच्छा होगा ही साथ में मां के लिए काफी चीजें आसान हो जाएंगी।
समाधान: सुलाने से पहले बच्चे की हल्की मालिश करें, लोरी गाएं या बजाएं और लाइट्स को कम कर दें। ऐसा न करने से वह काफी परेशान रहता है जो रात में उसकी नींद को प्रभावित करता है।
बच्चे कई मायनों में बड़ों से अलग होते हैं, जिसमें उनके सोने का समय और आदतें शामिल हैं। जब बच्चे नींद और थकान महसूस करते हैं, तो वे कई संकेत देते हैं, जिनसे आप यह समझ सकें कि उन्हें किस चीज की आवश्यकता है।
समाधान: क्या बच्चा अपनी आंखें मल रहा है, रो रहा है या बिना किसी स्पष्ट कारण के परेशान हो रहा है? तो इस बात की काफी संभावना है कि वो नींद में है। इन संकेतों को नजरअंदाज करने का मतलब है कि बच्चा अपनी नेचुरल नींद नहीं ले पा रहा है और अब उसका शरीर कोर्टिसोल को रिलीज कर रहा है, जो एक स्ट्रेस संबंधी हार्मोन होता है और यह उसे और भी ज्यादा उत्तेजित कर सकता है!
आपका बच्चा निश्चित रूप से तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन क्या वह इतना बड़ा है कि उस बड़े बिस्तर पर सुलाया जा सके? बहुत जल्दी यह ट्रांजीशन करने से बच्चे की नींद प्रभावित होती है और यह उसके लिए खतरनाक भी हो सकता है, खासकर अगर उसे अपने आसपास की चीजों को एक्सप्लोर करना पसंद है!
समाधान: जब तक वह अपने क्रिब से खुद बाहर नहीं निकलने लगता है, जो कि अभी संभव नहीं है। कई बच्चे लगभग दो साल की उम्र के हो जाने तक बड़े बिस्तर पर सोने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
बच्चे हमारी तरह काम नहीं करते हैं। इसलिए उनका देर तक जागना आपको चिंतित कर सकता है, उनकी वेकिंग क्लॉक हर सुबह एक जैसी ही होती है। इसका मतलब यह है कि अगर आपका बेबी देर तक रात तक जागता है, तो सुबह अपने समय से उठ जाएगा, जिससे बच्चे की नींद पूरी नहीं होगी और वो अगले दिन बहुत थक जाएगा ।
समाधान: अगर शिशु सुबह सवेरे ही पूरे घर को जगा देता है, तो उसके सोने का समय एक या उससे ज्यादा घंटे पहले रखने की कोशिश करें। यदि आप यह जानना चाहती हैं कि बच्चे को कितनी देर सोना चाहिए, तो उसके लिए बेड टाइम चार्ट आपकी मदद कर सकते हैं। बच्चे में नींद की अच्छी आदतें बनाए रखने के लिए इनका इस्तेमाल करें।
आप क्या करें जब आपका बच्चा अकेले सोने से इंकार कर देता है, भले ही आपने उसकी मदद करने के लिए हर संभव तरीके को अपनाने की कोशिश कर चुकी हों? अगर आप उसकी जिद के कारण उसे अपने साथ ही सुलाती हैं, तो आप बच्चे को सोने के लिए अपने ऊपर निर्भर बना रही हैं, ऐसा करने से वो और भी ज्यादा आपके बिना सोने को तैयार नहीं होगा।
समाधान: ऐसा करने से खुद को रोकें, बच्चे को शांत कराएं और ध्यान रहे कि वह जब तक सो न जाए आप उसे बिस्तर पर लिटाएं। इस प्रकार आपको अपने बच्चे के साथ मजबूर होके सोना नहीं पड़ेगा।
आप अपने बच्चे को कैसे सुलाएं? ज्यादातर माएं झूला झुलाकर, लोरी गाकर या पीठ की मालिश करके बच्चे को सुलाने का प्रयास करती हैं। जबकि ये समझ में आता है कि आधी रात में बच्चे को सुलाने के लिए आप इन्हीं सब चीजों का सहारा लेती हैं, क्या होगा अगर वह सोने के लिए इस पर ही निर्भर हो जाए? इन सब चीजों का आदी होने के बाद बच्चे को इसके बगैर सुलाना मुमकिन नहीं होगा और अचानक जागने पर वह खुद से दोबारा सोने का प्रयास नहीं करेगा।
समाधान: उम्र के हिसाब से बच्चे के सोने के तरीके भी बदलेंगे और आपको यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि वह सोने के लिए इन सब चीजों का आदी न हो जाए।
आपका बच्चा जाग गया है और वह बहुत रो रहा है! उसे शांत कराने और उसे फिर से सुलाने के लिए क्या करें? आपको यह बिल्कुल जानना चाहिए। लेकिन साथ में, आपको यह भी ध्यान में रखना होगा कि यह बच्चे के सोने के लिए बैसाखी का काम करे और न ही उन्हें इसका आदी बनाएं।
समाधान: अगर आप उसे खुद से शांत होने के लिए कुछ समय देना चाहती हैं और फिर उसे कम्फर्ट देती है, तो बच्चा समझ जाएगा कि आप आ गई हैं! बच्चे के रोते ही उसे तुरंत गोद में उठाने से वो आपके लिए और भी जिद करेगा।
अपने बच्चे के सोने के पैटर्न को फॉलो करना आसान नहीं है! आपको हर हाल में बच्चे में सोने की अच्छी आदत डालनी चाहिए, इससे वह खुद से शांत होना सीख जाता है और जल्दी सो जाता है।
समाधान: आपके और आपके पति के लिए यह समझना बहुत आवश्यक है कि आप दोनों ही अपने-अपने स्लीप टाइम रोल का पालन करें, हर दिन के लिए अपनी ड्यूटी बांट लें कि कौन झूला झुलाएगा और हफ्ते के किस दिन कौन आधी रात में बच्चे को शांत कराने के लिए उठेगा!
कई माएं मानती हैं और उन्होंने ऑब्जर्व भी किया है कि फीडिंग एकमात्र ऐसा तरीका है, जो बच्चे को जल्दी सोने में मदद करता है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि बच्चा फीडिंग के लिए तब जिद करता है, जब उसे पता होता है कि आप उसके लिए उपलब्ध रहेंगी, ऐसे में वह क्यों दूध पीने से इंकार करेगा।
समाधान: डॉक्टर से बात करें कि आप कब बच्चे को रात में फीड कराना बंद कर सकती हैं और डॉक्टर के सुझाव के बाद आप तुरंत इस पर काम करना शुरू कर दें।
यह शायद आपकी सबसे बड़ी गलती होगी अगर आप बच्चे की अनियमित नींद को लेकर समय पर एक्शन नहीं लेती हैं, तो इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि बच्चे के लिए सोने का पैटर्न विकसित करना और उसे फॉलो करना थोड़ा मुश्किल होता है और उसे एडजस्ट करने में थोड़ा समय लग सकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि जब तक वह थोड़ा बड़ा नहीं हो जाता है तब तक आपको ऐसी चीजों को फॉलो करना होगा!
समाधान: आपको धैर्य रखना होगा ताकि आप बच्चे में एक सही आदत डाल सकें। यह तभी होगा जब आप हार नहीं मानेंगी।
याद रखें – सोने की अच्छी आदत का मतलब है हैप्पी बेबी !
आपका अपने बच्चे के साथ स्लीप टाइम अनुभव कैसा रहा है? हमारे साथ अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
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