शिशु

स्तनपान कराते समय शहद का सेवन

स्तनपान कराने वाली माओं की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है उनकी खानपान की आदतें। स्तनपान के दौरान वह अपनी बहुत सारी आदतों में बदलाव लाती हैं, जैसे चाय-कॉफी का सेवन, शराब, खट्टे फल और इत्यादि। किंतु ऐसे कौन से खाद्य पदार्थ हैं जो इस दौरान खाने के लिए स्वास्थ्यप्रद और सुरक्षित हैं? स्तनपान के दौरान शहद एक स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थ है। इसमें मौजूद अनेक पोषक तत्वों के कारण इसे ‘पिघला हुआ सोना’ भी कहा जाता है। क्या स्तनपान कराते समय महिलाओं के लिए शहद का सेवन करना सुरक्षित है? तो उत्तर है हाँ, लेकिन कुछ नीचे बताए गए सावधानियों के साथ।

क्या दूध पिलाने वाली माएं शहद का सेवन कर सकती हैं?

हाँ, स्तनपान के दौरान शहद का सेवन करना सुरक्षित है और स्वस्थ भी। शहद में बोटुलिजज्म बीजाणु पाए जाते हैं जो एक हल्का विषाक्त पदार्थ है, और यही कारण है कि दूध पिलाने वाली माओं को शहद के सेवन के बारे में सोचना पड़ता है। यह नवजात शिशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है अगर इसे बच्चे को सीधे खिलाया जाए। हालांकि यह बीजाणु स्तनपान के दौरान शिशु में नहीं जाते हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बीजाणु एक व्यस्क के शरीर में पहुँचते ही विभाजित होकर नष्ट हो जाते हैं। इस प्रकार से शारीरिक रक्त में किसी भी प्रकार के विषाक्त पदार्थ नहीं पहुँचते हैं। स्तनपान के दौरान दूध के माध्यम से शिशु तक इन बीजाणुओं को पहुँचने में लंबा समय लगता है और इतने समय में यह बीजाणु नष्ट हो जाते हैं। इसलिए शिशु को स्तनपान कराने वाली माएं शहद का सेवन तब तक कर सकती हैं जब तक वे इसके लिए पूरी सावधानी बरतती हैं और अपने बच्चे को इसके सीधे संपर्क से दूर रखती हैं।

शहद का सेवन करते समय बरतने योग्य सावधानियां

  • अपने हाथों को नियमित रूप से सैनिटाइजर से कीटाणुमुक्त करें। शहद का सेवन करने के बाद अपने हाथों को स्वच्छ रखने के लिए अधिक सावधानी बरतें ताकि शिशु के हाथ और होंठ इस खाद्य पदार्थ के संपर्क में बिलकुल भी न आएं।
  • अपनी त्वचा या स्तन में शहद न लगाएं क्योंकि यह आपके शिशु के संपर्क में आ सकता है।
  • बच्चे को एक वर्ष का होने तक किसी भी प्रकार से शहद न दें यहाँ तक कि धार्मिक कारणों पर भी।
  • कच्चे शहद के बजाय आप फिल्टर किया हुआ शहद अपनाएं जो बाजारों में आसानी से उपलब्ध है।
  • आप शहद का सेवन संयमित रूप से करें। यदि आपका परिवार मिठास के रूप में शहद को नियमित रूप से उपयोग करता है तो आप कुछ खाद्य पदार्थों में अन्य विकल्प, जैसे गुड़ का उपयोग कर सकती हैं।
  • शहद का सेवन गुनगुने पेय पदार्थ के साथ करें और बहुत गर्म पेय पदार्थों में इसका उपयोग न करें क्योंकि गर्म पानी शहद में मौजूद पोषण तत्व व स्वस्थ एंजाइम को बाधित कर सकता है।

शहद का सेवन करने के फायदे

  • यह प्राकृतिक रूप से मीठा होता है और चीनी से अधिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी है।
  • शहद में मौजूद गुणों के कारण यह सर्दी व खांसी के लिए एक सर्वोत्तम उपचार है।
  • यदि शहद को किसी और खाद्य पदार्थ के साथ मिलाकर खाया जाए तो यह बेहतर कार्य करता है, जैसे रात में दूध और शहद मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।
  • शहद में मौजूद ग्लूकोज व फ्रुक्टोज का उच्च स्तर सहनशीलता व ऊर्जा प्रदान करता है।
  • इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देते हैं।

शहद का सेवन कब करना चाहिए

शहद एक स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थ होता है और स्तनपान कराते समय यह आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है। विज्ञान के अनुसार स्तनपान के दौरान किसी विशेष समय शहद न खाने का कोई भी प्रमाणित तथ्य नहीं है। हालांकि इसका सेवन कुछ शर्तों के अनुकूल करने की सलाह दी जाती है, वे इस प्रकार हैं;

  • शिशु के आसपास बैठकर शहद का सेवन न करें। यह बच्चे को शहद के सीधे संपर्क में आने से बचाव कर सकता है।
  • ‘पागल मह’, नेपाल का एक शहद है जो रोडोडेंड्रोन फूलों की एक प्रजाति से आता है। इसमें ग्रेअनोटॉक्सिन होते हैं जो इसे स्वास्थ्यप्रद और प्रभावी बनाते हैं, इस शहद का सेवन नियमित रूप से करना बेहतर माना जाता है। इस शहद को खरीदने से पहले पैकेट में लिखे इसके इंग्रीडिएंट को ध्यान से पढ़ लें।
  • प्रसिद्ध ब्रांड के शहद का उपयोग तब तक न करें जब तक यह डॉक्टर द्वारा आपके आहार की जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्धारित न किया गया हो, इसके बजाय आप आपके शहर में उपलब्ध शहद का उपयोग कर सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या स्तनपान कराने वाली माओं को शहद और दालचीनी देना सुरक्षित है?

दूध के गुणों को उत्तेजित करने के लिए शहद, दालचीनी और दूध का मिश्रण सर्वोत्तम है। इसलिए शहद और दालचीनी सिर्फ स्वास्थ्यप्रद ही नहीं हैं बल्कि यह माँ के दूध उत्पादन के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

2. क्या स्तनपान कराने के दौरान अदरक और शहद की चाय पीना सही है?

हाँ, अदरक और शहद की चाय सर्दी व खांसी के लिए एक प्राकृतिक उपचार है जो विशेषकर स्तनपान कराते समय एलोपैथी दवाओं के सेवन से बेहतर है।

3. क्या मैं मनुका शहद का सेवन कर सकती हूँ?

मनुका शहद न्यूजीलैंड में पाए जाने वाले मनुका के पौधे से निकाला जाता है। यह अद्भुत खाद्य पदार्थ के नाम से लोकप्रिय है क्योंकि इसमें उपचार के लिए अनेक गुण मौजूद हैं। यह शहद का एक सर्वोत्तम प्रकार है नई मांओं द्वारा सेवन किया जा सकता है। हालांकि कुछ भी खाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

4. बोट्युलिनम बीजाणु मेरे बच्चे के लिए कैसे हानिकारक है?

जब 1 वर्ष से कम उम्र का बच्चा शहद के सीधे संपर्क में आता है या इन बीजाणुओं का सेवन करता है, तो ऐसे जटिल बैक्टीरिया को पचाने में असमर्थता से बड़ी आंत में कोलोनाइजेश और बोटुलिनम नामक विषाक्त पदार्थ का उत्पादन होता है। शुरूआती चरणों में इससे कमजोरी आती है और यह मांसपेशियों को नुकसान पहुँचाता है। यदि यह समस्या गंभीर हो जाती है तो अस्पताल में भर्ती होने की संभावना और मांसपेशियों की स्थायी रूप से क्षति हो सकती है। हालांकि यह हमेशा नहीं होता है।

5. क्या शहद को फिल्टर करते समय उसके बोट्युलिनम बीजाणु नष्ट हो जाते हैं?

नहीं, बोट्युलिनम बीजाणु शहद में बहुत कम मात्रा में मौजूद होते हैं। यह न तो ऐसे दिखाई देते हैं और न ही प्रोसेस करते वक्त इसे नष्ट किया जा सकता है।

6. मैं अपने बच्चे को बोट्युलिनम से सुरक्षित कैसे रखूं?

शिशु को बोट्युलिज्म की समस्या खाद्य पदार्थ से होती है बच्चों में यह समस्या दूषित मिट्टी से भी हो सकती है। आप अपने बच्चे को सिर्फ रोकथाम व सुरक्षा से स्वस्थ रख सकती हैं। 12 महीने से कम उम्र के बच्चे को शहद (कच्चा या पैकेट का) का सेवन न कराएं। बच्चे को गंदगी व धूल से भी दूर रखें।

शहद एक अच्छा खाद्य पदार्थ है जिसमें स्तनपान कराने वाली माँ की आवश्यकतानुसार सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। परंतु यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि इसके स्थान पर किसी भी खाद्य पदार्थ को रखा जा सकता है। यदि शहद का सेवन करने के विचार से भी आपको चिंता होती है तो इससे बचना सर्वोत्तम है और इसकी जगह पर किसी और खाद्य पदार्थ का सेवन करें। स्तनपान बच्चे को कभी भी नुकसान नहीं पहुँचाता है किंतु यह सलाह दी जाती है कि यदि वह बोट्युलिज्म से संक्रमित है तो शिशु को कभी-कभी स्तनपान करवाएं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह याद रखने की आवश्यकता है कि बच्चे को सुरक्षित रखने व पोषित करने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है।

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सुरक्षा कटियार

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