In this Article
दुनिया भर में बच्चों में वजन की समस्या पेरेंट्स की चिंता का एक बड़ा कारण है। इससे बचपन में डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ऑस्टियोपोरोसिस, फैटी लीवर, अस्थमा, हृदय रोग आदि बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। आमतौर पर वयस्कों में देखी जाने वाली ये बीमारियां अब बच्चों में भी दिखाई दे रही हैं। ओबीस यानी मोटापे के शिकार बच्चे बुलइंग, बॉडी इमेज एंग्जायटी, असुरक्षा और डिप्रेशन भी शिकार होने के मामले भी दिखाई देने लगे हैं।
बच्चों का अधिक वजन बड़ी ही सावधानी और देखरेख के साथ कम किया जाना चाहिए। पेरेंट्स को ऐसे में बाल रोग विशेषज्ञ और डाइट विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ की सलाह से एक वजन घटाने का सुरक्षित और संवेदनशील प्लान बनाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अचानक वजन घटाने की योजना बच्चे के पोषण, विकास और तनाव के स्तर में बाधा डाल सकती है। इसके अलावा, बड़ों के लिए जो चीजें काम करती है वह बच्चों के लिए काम नहीं करती हैं क्योंकि उनका शरीर अभी भी बढ़ रहा है।
बच्चों में वजन की समस्या की पहचान कैसे करें
यह समझना कि क्या आपके बच्चे को वजन की समस्या है, यही एक प्रॉपर प्लान का पहला कदम है। यह जरूरी है क्योंकि सभी बच्चे अलग-अलग गति से बढ़ते हैं। बच्चे के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की जांच के लिए उसके पीडियाट्रिशियन से सलाह लेना सबसे अच्छा है, जो उसकी हाइट, लिंग और उम्र के हिसाब से उनके वजन को मापते हैं। यहां एक क्विक गाइड दी गई है कि बीएमआई का कौन सा प्रतिशत यह संकेत देता है कि आपके बच्चे को वजन की समस्या है:
- 5वें और 84वें पर्सेंटाइल के बीच बीएमआई: स्वस्थ
- 85वें और 94वें पर्सेंटाइल के बीच बीएमआई: ओवरवेट
- बीएमआई 95वें पर्सेंटाइल या उससे अधिक पर: मोटापा (ओबीस)
बच्चों का वजन घटाने के लिए जरूरी टिप्स
पीडियाट्रिशन आपके बच्चे को बचपन में वजन कम करने की सलाह देते हैं। साथ में आप एक पर्सनल योजना भी बना सकती हैं जो बच्चे के लिए उपयुक्त हो। यहां वजन घटाने की 10 जरूरी टिप्स दी गई हैं:
1. कैलोरी काउंट
आपको बच्चे की डाइट से कैलोरी को अचानक से खत्म नहीं करना चाहिए क्योंकि उनसे उसे एनर्जी मिलती है और अन्य आवश्यक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। आपको यह जानने की जरूरत है कि बच्चे को उचित विकास के लिए कितनी कैलोरी की जरूरत है। इससे ज्यादा कुछ भी वजन घटाने में बाधक बन सकता है। एक बच्चे को जितनी कैलोरी की जरूरत होती है, वह उसकी उम्र, लिंग, बीएमआई, एक्टिविटी आदि के अनुसार अलग-अलग होती है। घर पर रोज वजन की जांच करके बच्चे को तनाव में न डालें क्योंकि यह रोज के आधार पर बदलता रहता है।
2. लो ग्लाइसेमिक डाइट
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) – ब्लड शुगर को बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट की क्षमता को जीआई कहा जाता है। स्टडीज से पता चला है कि कम ग्लाइसेमिक खाना अधिक समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है क्योंकि इसे पचने में समय लगता है या कम गति से पचता है और ब्लड ग्लूकोज भी स्थिर रहता है। वह अधिक फाइबर से भरपूर और कम प्रोसेस्ड या रिफाइन होते हैं।
आपको अपने बच्चे की डाइट से कार्ब्स को पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत नहीं है। आपको बस ब्रोकली, गाजर, सेब, जामुन, बीन्स, नट्स, पीनट बटर, शहद और फलों के साथ दही, दूध, चीज, अनानास, शकरकंद, केला, सूखे मेवे, पास्ता हाई फाइबर सीरियल, ब्राउन राइस और आइसक्रीम जैसे निम्न या मध्यम-ग्लाइसेमिक कार्ब्स को चुनना है। मकई, आलू, सफेद चावल, फ्रेंच फ्राइज, चिप्स, जूस, जैम, मीठा और जमी हुई दही, ब्रेड, पेनकेक्स, वेफल्स, पिज्जा, पॉपकॉर्न, इंस्टेंट ओट्स और मैदा जैसे रिफाइंड हाई ग्लाइसेमिक कार्ब्स से बचें।
3. अधिक फल व सब्जियां
आमतौर पर, आप अपने बच्चे की डाइट में रंगीन सब्जियां और फल शामिल कर सकती हैं। फलों के जूस के बजाय साबुत फल खाने को दें। इसका कारण यह है कि रस में पूरे फल की तुलना में कम फाइबर होता है क्योंकि यह अपनी फाइबर सामग्री को खो देता है और इसमें चीनी डालने से अतिरिक्त अधिक कैलोरी जुड़ जाती है, जबकि साबुत फल अधिक पौष्टिक और फाइबर युक्त होते हैं जो पाचन के लिए अच्छे होते हैं। हालांकि, सभी फल और सब्जियां वजन घटाने के लिए अच्छी नहीं होती हैं। कुछ हाई ग्लाइसेमिक हो सकते हैं, जिनके बारे में हमने ऊपर बताया है।
4. भरपूर पानी
प्यास लगने पर बच्चे को जूस, एनर्जी ड्रिंक और कोल्ड-सॉफ्ट ड्रिंक्स, सोडा आदि न पीने दें क्योंकि इससे उनका वजन और अधिक बढ़ता है। सबसे अच्छी प्यास बुझाने वाला पेय पानी है।
5. अच्छी नींद
सही मायने में, बच्चों को 9 से 11 घंटे की नींद की जरूरत होती है और टीनएजर्स को 8 से 10 घंटे की नींद की जरूरत होती है। सही तरह से बढ़ने और मेटाबोलिज्म के लिए जल्दी सोने और अच्छी नींद आवश्यक है जो उनके शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद करती है।
6. चीनी और नमक का सेवन कम से कम
कैंडीज, स्वीट ब्रेकफास्ट सीरियल, फ्लेवर ड्रिंक और दही, स्वीट ड्रिंक्स, फलों का रस, सोडा, आदि जैसे हाई शुगर वाले खाने को कम करें। घर में बनी फ्रूट प्यूरी, फ्रूट आइस पॉप, साबुत गेहूं, फलों के सलाद आदि से बने कुकीज, पिज्जा, सैंडविच जैसे कम चीनी वाले विकल्प चुनें। यहां तक कि नमक को भी कम से कम इस्तेमाल करें। नमक में मौजूद सोडियम शरीर में पानी को भर देता जिससे यह फूलता है। सफेद नमक और डिब्बाबंद व फ्रोजेन फूड खाने से बचें जो सोडियम से भरपूर होते हैं।
7. अधिक प्रोटीन
एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि प्रोटीन एक ग्रोथ हार्मोन को उत्तेजित करता है जो शरीर के अतिरिक्त फैट को एनर्जी में कन्वर्ट करने में मदद करता है। इसे खाने से भी पेट अधिक भरा रहता है। इसलिए अंडे, प्लांट प्रोटीन – जैसे दालें (सभी प्रकार की दालें जैसे लाल चना, काला चना, आदि) और फलियां (चना, राजमा, चने की दाल, आदि), मछली और चिकन जैसे लीन मीट खिलाएं। मिल्क प्रोटीन के लिए लो-फैट दही, मक्खन, चीज, नॉन प्रोसेस्ड चीज, मार्जरीन आदि का सेवन बच्चे को करवाएं।
8. मील प्लान
खाना खाने के बीच लंबे अंतराल से बचें क्योंकि लंबे समय तक खाली पेट खाने के दौरान पेट भरे हुए होने का कारण होता है। स्टडीज में पाया गया है कि रोजाना तीन छोटे मील और दो छोटे स्नैक्स परफेक्ट होते हैं।
9. रोजाना व्यायाम/खेल
बच्चों को रोजाना कम से कम 60 मिनट के लिए व्यायाम या कुछ स्पोर्ट्स एक्टिविटी का हिस्सा जरूर बनाएं। रोजाना 15-20 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय को बढ़ा दें। अपने बच्चे के दोस्तों को शामिल करके या डांस और संगीत सेशन आयोजित करके, पालतू कुत्ते के साथ रनिंग, फैमिली स्विमिंग सेशन आदि आयोजित करके इसे मनोरंजक बनाएं। यह बच्चे को उत्साहपूर्वक हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। बच्चों का वजन कम करने के लिए कुछ अच्छे व्यायाम ये हैं:
- जिमिंग
- तैरना
- साइकिल चलाना
- डांस
- दौड़ना
- रोलर स्केटिंग
- एरोबिक्स
- स्कूल के बाद किसी भी तरह का खेल
10. फैट के तथ्यों को समझना
सभी फैट हानिकारक नहीं होते हैं। कोशिका झिल्ली बनाने के लिए शरीर को हेल्दी फैट की आवश्यकता होती है। खराब ढंग से फैट को खत्म करना आपके बच्चे के इम्यून सिस्टम, नर्वस सिस्टम और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। उन्हें अनसैचुरेटेड तेल (जैतून, कैनोला, सोयाबीन, आदि), सामन, एंकोवी, बादाम, तिल के बीज, कद्दू और सन आदि जैसे फैट का सेवन करने की आवश्यकता होती है। फैट भी पाचन को धीमा कर देता है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करवाता है।
क्या करें और क्या नहीं करें
अपने बच्चे के वजन घटाने की जर्नी के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
क्या करें
- रोज व्यायाम, अनहेल्दी खाने का कम सेवन करना और अधिक खाने से बचने के लिए टीवी देखते समय खाना नहीं खाना आदि जैसी आदतें शामिल करें।
- उनके लिए सपोर्टिव बनें। स्टडीज से पता चला है कि कम चीनी स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाती है और बच्चे को कर्कश बनाती है। वजन घटाने की उपलब्धियों के लिए बच्चे को मूवी शो, खिलौना आदि इनाम दें। हालांकि, इसके लिए उन्हें उनका पसंदीदा खाना बतौर प्राइज न दें।
- उनके रोज के शेड्यूल में कामों को शामिल करें, उन्हें लिफ्ट के बजाय सीढ़ियां चढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें, पास में जाने के लिए कार या स्कूटर से जाने के बजाय बच्चे को चलने के लिए कहें आदि। बूट कैंप, नेचर वॉक जैसे मजेदार एक्टिविटीज करवाएं।
- खाने के हिस्से को कम करें, पूरी तरह से खत्म न करें। बैटन रूज में पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के एक शोधकर्ता का सुझाव है कि महत्वपूर्ण यह नहीं है जो आप खाते हैं, लेकिन वजन कम करने की कोशिश करते समय खाने की मात्रा मायने रखती है।
- घर में बने हेल्दी स्नैक्स जैसे स्प्राउट्स, सलाद, बेक्ड पापड़, रागी डोसा, ग्रिल्ड चिकन स्ट्रिप्स, मखाना आदि का इस्तेमाल करें। कटा हुआ गाजर, ककड़ी, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, तरबूज आदि स्वस्थ खाने के ऑप्शन हो सकते हैं।
क्या न करें
- अवास्तविक प्लान न बनाएं। इसलिए, यदि आपका बच्चा कुछ ऐसा खाना पसंद करता है जो वजन घटाने के प्लान के खिलाफ है, तो इसे पूरी तरह से समाप्त न करें। इससे बच्चे पर दबाव पड़ता है और उसका वजन बढ़ सकता है। इसे धीरे-धीरे करें। वजन घटाने का लक्ष्य भी निर्धारित करें। वजन घटाने की एक अच्छी, अनुशंसित दर प्रति सप्ताह एक पाउंड (लगभग 0.453592 किग्रा) है।
- बच्चों को टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने और घंटों सोफे पर बैठने की अनुमति न दें। आदर्श रूप से, इसे दिन में एक से दो घंटे तक सीमित रखें।
- केवल बच्चों के लिए खाना न बनाएं, एक टीम की तरह काम करें। परिवार और दोस्तों को भी इसमें शामिल करें। आप खाने की उन चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं जो उसके लिए फायदेमंद हैं। बच्चे को प्रेरित रखने के लिए उसके लिए एक उदाहरण स्थापित करें। आप हेल्दी स्नैक्स खिलाकर बर्थडे पार्टी भी कर सकती हैं और एक नया ट्रेंड सेट कर सकती हैं।
- ऐसे में हिम्मत मत हारें! बच्चे को समझाएं कि चीजें रातों रात नहीं बदलेंगी।
- कभी भी वजन कम करने की जल्दी न करें! फास्ट ट्रैक वेट लॉस प्रोग्राम के लिए मत जाएं। यह आपको भले से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
बच्चों के लिए तेजी से वजन घटने के खतरे क्या हैं?
बच्चे का वजन घटाने के लिए, इस विषय पर सावधानी और संवेदनशीलता के साथ काम करें। यह एक खुला संवाद होना चाहिए जो बच्चे के वजन से संबंधित चिंताओं और असुरक्षाओं को बताता हो। ऐसा देखा गया है कि कई बच्चे, खासकर लड़कियां वजन घटाने के लिए खुद ही एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश करती हैं। यह अवैज्ञानिक और बुरा अनुभव साबित हो सकता है। इस पर ध्यान दें और उन्हें इस बात के लिए समझाएं।
इस बात का भी खयाल रखें कि कहीं आपके बच्चे में कोई छुपी हुई मेडिकल समस्या तो नहीं है, जिससे उसका वजन बढ़ गया हो, जैसे कुशिंग सिंड्रोम, हाइपोथायरायडिज्म, दवा के दुष्प्रभाव आदि। वजन घटाने की जर्नी शुरू करने से पहले कृपया पीडियाट्रिशियन से सलाह जरूर लें।
यह भी पढ़ें:
बच्चों में सोरायसिस
बच्चों में माइग्रेन की समस्या
बच्चों में हकलाने की समस्या