बच्चों में व्यवहार से संबंधित 10 आम समस्याएं और उपाय

बच्चों में व्यवहार से संबंधित 10 आम समस्याएं और उपाय

2 और 3 वर्ष की उम्र में या इसके बाद भी बच्चों के व्यवहार में कई तरह की समस्याएं दिखती हैं। हालांकि बढ़ते बच्चों में यह एक आम बात होती है, पर इसे नजरअंदाज करने से ऐसा व्यवहार आगे चलकर उनकी आदत बन सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है, कि यह व्यवहार टेंपरेरी यानी कुछ समय के लिए होता है और उम्र के साथ यह कम हो जाता है और धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। पेरेंट्स होने के नाते आप कुछ सरल और आसान समाधान अपनाकर बच्चों में व्यवहार संबंधी दिक्कतों को मैनेज कर सकती हैं। 

टॉडलर्स में व्यवहार संबंधी समस्याएं और इन्हें संभालने के तरीके

2 साल की उम्र के बच्चों के व्यवहार के बारे में हमेशा से कुछ न कुछ कहा जाता रहा है। बच्चे के साथ-साथ उसके पेरेंट्स के लिए भी यह समय विशेष रूप से कठिन होता है। इस उम्र में बच्चे जितना समझते हैं और महसूस करते हैं, उतना वे शब्दों के द्वारा बताने में सक्षम नहीं होते हैं। इसलिए उनकी भावनाएं उन पर हावी हो जाती हैं, जिसके कारण चीखना-चिल्लाना, रोना जैसी हरकतें दिखती हैं। जब बच्चे की भावनाएं उस पर हावी हो जाती हैं, तब जो आम व्यवहार नजर आते हैं, वे नीचे दिए गए हैं: 

टॉडलर्स में व्यवहार संबंधी समस्याएं और इन्हें संभालने के तरीके

1. चिल्लाना

आपके नन्हे से बच्चे में इस उम्र में काफी एनर्जी होती है और उसे अभी-अभी यह पता चला होता है, कि वह चीख-चिल्ला भी सकता है। साथ ही हर बार चीखने पर आप जहां कहीं भी होती हैं, दौड़कर उसके पास आ जाती हैं, उस पर ध्यान देती हैं। एक बच्चे के लिए चीखने का मतलब गुस्सैल व्यवहार नहीं होता है, क्योंकि उसे अब तक यह पता नहीं होता है, कि चिल्लाना अच्छी बात नहीं है। 

इसे कैसे संभालें 

बच्चे के चिल्लाने पर अगर आप भी उस पर चीखती हैं, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है, क्योंकि इससे बच्चे को ऐसा महसूस हो सकता है, कि चिल्लाना एक सामान्य बात है। आप उसे तेज आवाज और धीमी आवाज के बीच अंतर समझा सकती हैं। तेज आवाज में चीखें और उसे ऐसा ही करने को कहें। फिर अपनी आवाज को धीमा करें और उसे दोहराने को कहें। इसलिए जब बच्चा अगली बार चिल्लाए, तो उसे धीमी आवाज का इस्तेमाल करने को कहें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें, कि आप भी धीमी आवाज में बात करें। 

2. किक करना और काटना

2 या 3 वर्ष की उम्र में हमेशा शांत रहने वाला आपका बच्चा, अपने आसपास के लोगों को काटकर और किक करके गुस्सा दिखा सकता है। हो सकता है, कि वह आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा कर रहा हो। ऐसे में वह जितनी बार भी ऐसा करता है, आपको उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। क्योंकि इससे ऐसा करना उसकी आदत बन जाएगी। हालांकि इससे मिलती-जुलती अन्य आदतों की तरह उसकी यह आदत भी समय के साथ चली जाएगी। 

इसे कैसे संभालें 

अगर आपका बच्चा नियमित रूप से इस तरह से गुस्सा दिखाता है, तो इस बात का ध्यान रखें, कि उसे इन हरकतों का नतीजा पता होना चाहिए। घर में एक कुर्सी को ‘नॉटी’ कुर्सी बना दें। जब वह लोगों को पैर से मारता है या काटता है, तो इस बात पर उसे डांटने के बजाय उस कुर्सी पर तब तक बिठाकर रखें, जब तक उसका गुस्सा ठंडा न हो जाए। 

3. गुस्सा दिखाना

1 साल से 3 साल की उम्र के बीच आपका नन्हा सा बच्चा कई तरह की भावनाओं के संपर्क में आता है। वह आपकी सभी बातों को समझ सकता है, लेकिन अपनी भावनाओं को सही तरह से व्यक्त नहीं कर पाता है। इसके कारण उसे गुस्सा आ सकता है और वह गुस्सैल व्यवहार दिखा सकता है। इसमें जोर से चीखना, चिल्लाना, चीजें फेंकना जैसी हरकतें आम होती हैं। 

इसे कैसे संभालें 

बच्चे के ऐसे व्यवहार से निपटने का एक बहुत ही आसान तरीका है और वह है खुद को शांत रखना। अगर आप भी चीखेंगी और गुस्सा दिखाएंगी, तो बातें बिगड़ सकती हैं। बच्चे को चुप कराने के लिए अपनी आवाज ऊंची न करें। नीचे बैठ जाएं और बच्चे की आंखों में आंखें डाल कर उसके हाथ को पकड़ें। उसे उठाने से और बाहों में भरने से वह शांत हो सकता है, क्योंकि आपकी गोद में उसे आराम महसूस होता है। उसे यह महसूस होने दें, कि आप उससे प्यार करती हैं और सब कुछ ठीक हो जाएगा। अगर कुछ भी काम न करे, तो बच्चे को उसकी हरकतें करने दें और फिर उसे शांति से सारी बातें समझाएं। 

4. ‘ना’ कहना

शायद आपके बच्चे ने ‘ना’ कहने के नतीजे के बारे में अभी अभी जाना है। चूंकि उसने इस शब्द को आपसे अक्सर सुना है, ऐसे में, आपको प्रतिक्रिया देते समय वह इसे इस्तेमाल करने की हर कोशिश करता है। न केवल इस शब्द के इस्तेमाल से उसे आपकी प्रतिक्रिया मिलती है, बल्कि इससे बच्चे को एक दूसरा विकल्प भी मिल जाता है। 

'ना' कहना

इसे कैसे संभालें 

बच्चे के व्यवहार से संबंधित समस्याएं संभालते समय आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, कि वह आपका बच्चा है और आप से छोटा है। ऊंची आवाज में प्रतिक्रिया देने से पहले से ही बिगड़ी हुई स्थिति और भी बिगड़ सकती है। बच्चे के लिए शांत रहने का एक उदाहरण बनें, ताकि वह भी शांत रहने की कोशिश कर सके। यह उसका एक तरीका होता है, जिसके माध्यम से वह आपका ध्यान आकर्षित करता है या अपने एनर्जी को बाहर निकालता है। 

5. बीच में बोलना

आपके बच्चे की शॉर्ट टर्म मेमोरी अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है। जिसका मतलब है, कि वह कुछ भी भूल जाए इसके पहले ही आपको बता देना चाहता है। यह आपको उसके टोकने या बीच में बोलने जैसा महसूस हो सकता है। हालांकि बच्चा इसे नहीं समझता है। इस उम्र में वह यह समझने के काबिल नहीं होता है, कि आपको दूसरे लोगों और स्थितियों पर रिस्पॉन्ड करना होता है और मैनेज करना होता है। लेकिन वह 4 साल की उम्र या उसके बाद इसे समझ पाएगा। 

इसे कैसे संभालें 

ऐसी स्थिति में सबसे अच्छा यही है, कि ऐसी स्थितियों को कम कर दिया जाए जिससे बच्चा आपको डिस्टर्ब कर पाए और उसका ध्यान दूसरी और चला जाए। अपने दोस्तों के साथ ऐसी जगह पर प्लानिंग करें, जहां आप आराम से बात कर सकती हैं और आपका बच्चा दूसरे बच्चों के साथ या फिर खिलौनों के साथ खेल सकता है। बच्चे के सामने अपने पति के साथ भी इस व्यवहार को अपनाएं। 

6. झूठ बोलना

आपका बच्चा जब तक 3 या 4 साल का नहीं हो जाता, तब तक वह सच्चाई और कल्पना के बीच फर्क करने में सक्षम नहीं होता है। उसे यह नहीं पता होता है, कि झूठ क्या होता है या सच क्या होता है। इस उम्र में उसकी कल्पना शक्ति काफी जागरूक होती है और वह काल्पनिक लोगों और रचनाओं का निर्माण करता है और दीवार पर ड्राइंग बनाकर या दूध गिरा कर इसे मानने से इनकार कर सकता है। 

झूठ बोलना

इसे कैसे संभालें 

बच्चे पर किसी काम का इल्जाम लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। इसके बजाय ऐसी स्थिति पैदा करें या उसे कोई डायलॉग बताएं, ताकि उसके लिए झूठ बोलने या मना करने के बजाय अपनी बात को सामने रखना आसान हो जाए। अगर आप सही और गलत की लंबी लिस्ट का बोझ अपने बच्चे पर डाल देंगी, तो वह परेशान हो सकता है और झूठ बोलने को आसान समझ सकता है। विश्वास का एक वातावरण तैयार करें और बच्चे को बताएं कि आप उस पर भरोसा करती हैं और उसे भी आप पर भरोसा करना चाहिए। 

7. बाल खींचना

काटने और किक करने की तरह ही बाल खींचना भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का और अपने आसपास नियंत्रित वातावरण तैयार करने का एक तरीका होता है। बच्चों को अपने पेरेंट्स या भाई बहनों की प्रतिक्रिया पाना बहुत पसंद होता है और बाल खींचने से यह संभव हो जाता है। वह मजे के लिए भी दूसरों के बाल खींच सकता है, क्योंकि इससे मिलने वाली प्रतिक्रिया उसे पसंद होती है और अगर वह अपने भी बाल खींच रहा है तो यह एक इंपल्सिव कंट्रोल डिसऑर्डर हो सकता है। 

इसे कैसे संभालें 

बच्चे को बताएं, कि बाल खींचने का कोई फायदा नहीं है। वह जब भी ऐसा करे, तो उसे रोकें और उसे समझाएं, कि बाल खींचने से न तो उसे कोई फायदा होगा और न ही किसी और को। जब वह बाल न खींच रहा हो, तब इस व्यवहार के बारे में उससे बात करें। बच्चे को बताएं, कि बाल खींचने से दूसरे व्यक्ति का व्यवहार किसी भी तरह से नहीं बदलता है। 

8. लगातार रोना

कल्पना करें, आपका बच्चा जीवन के सभी जरूरी कामों के लिए आप पर निर्भर करता है, फिर चाहे वह खाना हो, पीना हो या फिर पॉटी करने के बाद सफाई हो। अगर वह आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता है, तो वह लगातार रोता है। उसे लगता है, कि ऐसा करने से उसकी मां उसकी जरूरतों को पूरा करेगी और फिर यह उसका व्यवहार बन जाता है। 

इसे कैसे संभालें 

अगर आप देखती हैं, कि बच्चा लगातार धीमे-धीमे रो रहा है, तो उसके सामने बैठें और उसकी आंखों में आंखें डाल कर उसे यह विश्वास दिलाएं, कि आप सुन रही हैं और अगर आपका बच्चा सामान्य आवाज में आपसे बात करता है, तो उस पर तुरंत प्रतिक्रिया दें, ताकि उसे यह समझ आए कि यह व्यवहार सही है। भूख और थकान जैसे ट्रिगर्स से बचें, क्योंकि ऐसे में लगातार रोना बढ़ जाता है। 

9. भीड़ का डर

छोटे बच्चे अपने आसपास लोगों की भीड़ देखकर बेचैन हो जाते हैं और अलग व्यवहार करने लगते हैं। इससे उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। किसी मॉल में, व्यस्त रेलवे स्टेशन या भीड़-भाड़ वाली पार्टी में ऐसा हो सकता है। 

भीड़ का डर

इसे कैसे संभालें 

आपके बच्चे को अनजान जगह पर अनजान लोगों की भीड़ का सामना करने की आदत नहीं होती है। वह या तो आपसे चिपका रहता है या फिर आपको भी उस जगह से बाहर आने के लिए जबरदस्ती करता है। इसे नजरअंदाज न करें। अपने बच्चे को प्यार से बाहों में भरें और उसके हाथ को दबाएं और उसे बताएं कि आप उसके साथ हैं और वह सुरक्षित है। एक बार में एक कदम उठाएं और धीरे-धीरे उसे भीड़ में आने दें और अंत में जब वह सामान्य हो जाए, तो उसे शाबाशी दें, कि उसने स्थिति का सामना बहुत बहादुरी से किया। 

10. नाखून चबाना

नाखून चबाना आपके बच्चे की आदत बन सकती और वह जाने-अनजाने में भी ऐसा कर सकता है। यह उसके लिए इतना आम हो जाता है, कि उसे पता भी नहीं चलता है, कि वह अपने नाखून चबा रहा है। जब बच्चा बोर हो जाता है, तब ऐसा होता है। बच्चों में साफ-सफाई की आदतें विकसित करने के लिए इस गाइड को फॉलो करें। 

इसे कैसे संभालें 

नाखून चबाने की आदत को छोड़ने के लिए आप बच्चे को जितना ज्यादा डांटेगी या उस पर दबाव डालेंगी, उसकी आदत और भी मजबूत होती जाएगी। जब उसे लगेगा कि दूसरे लोग उसे देख रहे हैं, तब उसकी यह आदत सुधर सकती है, पर इसमें समय लग सकता है। इस दौरान तनाव को कम करने के तरीके ढूंढें। उसकी मदद करने के लिए आप उचित शारीरिक गतिविधि ढूंढें। खासकर लोगों के सामने उसे इसके लिए गुस्सा न करें। इसके बजाय अपने और बच्चे के बीच एक सीक्रेट कोड बनाएं, जिससे उसे यह याद आ जाए, कि नाखून नहीं चबाना है। 

टॉडलर्स में व्यवहार से संबंधित समस्याओं को कॉमन सेंस के द्वारा सुलझाया जा सकता है, न कि जबरदस्ती करने से। अपने बच्चे को समझें और उसका सहयोग करें, क्योंकि ऐसे व्यवहार तनाव के कारण या फिर बच्चे के आसपास हो रही अजीब चीजों के कारण हो सकते हैं। इन समस्याओं को जितनी जल्दी संभाल लिया जाए, उतना ही अच्छा होगा, ताकि स्कूल लाइफ और वयस्क होने पर बच्चे को इससे कोई समस्या न हो।