एक गर्भवती महिला के लिए मानसून का मौसम बहुत ही सुहावना और मनमोहक होता है, जिसे वह एक यादगार अनुभव बना सकती है। जैसे वह इस दौरान गर्म कॉफी के साथ कंबल लेकर बिस्तर में आराम कर सकती है या स्नैक्स खाते और फिल्में देखते हुए अपनी प्रेगनेंसी को एन्जॉय कर सकती हैं, लेकिन मानसून में गर्भावस्था की डाइट में कुछ नियमों का पालन करने की जरूरत होती है। हमें यकीन है बारिश होने पर आपको पड़ोस की दुकान से गर्मागर्म समोसा लाकर खाने की इच्छा होती होगी, लेकिन आपका यह फैसला आपके साथ-साथ आपके बच्चे के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में कुछ डाइट टिप्स अपनाने से आप खुद को बिना किसी खतरे में डाले बिना ही मौसम का पूरा मजा से ले सकती हैं।
मानसून में गर्भावस्था की डाइट के लिए टिप्स
मानसून और भोजन हमेशा एक दूसरे के विपरीत माने जाते हैं, क्योंकि इस मौसम में थोड़ी सी भी लापरवाही, सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। यही कारण है कि इन टिप्स का पालन करने से आप इस सुहावने मौसम को बेहतर तरीके से गुजार सकती है।
1. स्ट्रीट फूड से परहेज करें
पानीपुरी की प्लेट देखने में बहुत स्वादिष्ट लग सकती है और कचौरी को चटनी के साथ से देखने पर आपकी क्रेविंग और भी बढ़ सकती है। ये सभी खाने की चीजें उस लिस्ट में आती हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी के दौरान बरसात के मौसम में नहीं खाना चाहिए। ऐसा मौसम और आपकी अवस्था आपके इम्यून सिस्टम को कम कर देती है, जिससे स्ट्रीट फूड खाने से आपके शरीर में इंफेक्शन आसानी से हो सकता है और आप बीमार पड़ सकती हैं। आमतौर पर गर्भावस्था में बिनी किसी डॉक्टर की सलाह के दवा भी नहीं ले सकती, तो ऐसे में आप लंबे समय तक इसके परिणामों से पीड़ित हो सकती हैं, जो जाहिर है कि बच्चे के लिए अच्छा नहीं है।
2. नॉनवेज सावधानी से खाएं
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर को प्रोटीन की जरूरत काफी ज्यादा होती है और उसे पूरा करने का सबसे अच्छा तरीका सी फूड और नॉनवेज माना जाता है, लेकिन इन खाद्य पदार्थों को भी मानसून के मौसम में सावधानी से खाने की जरूरत होती है। ध्यान रहे कि आप अपने लिए मीट किसी अच्छी जगह से मंगवा रही हों, क्योंकि नॉनवेज को गलत तरीके से स्टोर करने से उसमें कई तरह के जर्म्स और परजीवी उत्पन्न होने लगते हैं। इसके अलावा मानसून के मौसम में मछलियां प्रजनन करती हैं जिससे इसका उत्पादन भी बहुत संवेदनशील हो जाता है, इसलिए ऐसे में किसी भी तरह के कच्चे मांस का सेवन करने से बचना चाहिए, लेकिन अगर आप किसी भी तरह के नॉनवेज या सी फूड का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान मानसून के समय करना चाहती हैं, तो उन व्यंजनों को चुनें, जिनमें खाना पकाने की प्रक्रिया बहुत लंबी हो, जो यह तय करेगी कि इसमें मौजूद बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके अलावा आप प्रोटीन वाले अन्य शाकाहारी विकल्पों का चुनाव करके भी डाइट को संतुलित रख सकती हैं।
3. इस मौसम में हाइड्रेटेड रहें
आमतौर पर मानसून और सर्दियों के मौसम में लोग पानी पीने के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं ऐसा अक्सर लोग मौसम में ठंड होने के कारण करते हैं, जिससे हमें पानी पीने की जरूरत महसूस नहीं होती है और प्यास कम हो जाती है। लेकिन मानसून के मौसम में भी प्रेगनेंसी के दौरान आपको पानी की दैनिक खपत को बिना किसी ढील के पूरा करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपकी बहुत सारी शारीरिक प्रक्रियाएं पूरी होती हैं इसका उपयोग करके आप अपने शरीर के सभी विषैले तत्वों से आसानी छुटकारा पा सकती हैं, खासकर मानसून के मौसम में। इस बात का ध्यान रखें कि आप पानी से होने वाली बीमारियों से खुद को बचाने के लिए भले ही पानी की आपूर्ति को बाहरी रूप से शुद्ध मानती हों, लेकिन जितना हो सके उबला हुआ पानी पीकर खुद को सुरक्षित रखना सबसे अच्छा ऑप्शन है। पानी के विकल्प के रुप में आप नारियल पानी या अपनी पसंद के किसी भी फल के प्राकृतिक जूस का भी सेवन कर सकती हैं। ये आपको जरूरी तरल पदार्थ के साथ ही अन्य सॉल्ट्स और मिनरल्स देने में भी मदद करते हैं, जिससे शरीर के पोषक तत्वों का स्तर हमेशा बरकरार रहता है।
4. मानसून में कच्चे फलों को खाने से बचें
मानसून में कच्चे फलों का सेवन करने में सावधानी बरतने वाली बात सुनकर आप काफी चौंक गई होंगी, है ना! क्योंकि फलों का सेवन करना, आपकी डाइट के सबसे जरूरी हिस्से में से एक है। फल प्राकृतिक होने के साथ ही बहुत ही सुरक्षित माने जाते हैं और ये बहुत सारे पोषक तत्व से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही इनमें पानी की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है, जो शरीर के लिए तो फायदेमंद साबित होती है, लेकिन इससे फलों में रोगाणु भी बहुत जल्दी पनपने लगते है। ऐसे में एक फल को काटने और उसे खुले में छोड़ने से उसके भीतर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया काफी तेजी पनपने लगते हैं। जो सेवन करने पर शरीर में पहुंच जाते हैं, इसलिए जब भी किसी फल को खाना हो तो उसे काटकर तुरंत ही पूरा खा लें। प्रेगनेंसी के दौरान बारिश के मौसम में खाने के लिए संतरा, कीवी, कुछ खट्टे मीठे फल बेहतरीन खाद्य पदार्थ माने जाते हैं। इनमें कई विटामिन्स और कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने, शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, साथ ही आपके गर्भ में पल रहे बच्चे की देखभाल करने में भी मदद करते हैं। ताजे फलों का जूस डिब्बाबंद जूस की तुलना में कई गुना बेहतर होता है, इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान उसका ही सेवन करना चाहिए।
5. कच्ची सब्जियों का सेवन करने से भी बचें
फलों की तरह, मानसून के दौरान किसी भी कच्ची सब्जी या सलाद का सेवन करने से आपको बचना चाहिए। कच्ची सब्जियां खाना फलों की तुलना में बहुत अधिक हानिकारक होता है। क्योंकि सब्जियों को खाने से काफी पहले काटकर रखना बहुत आम बात है। कुछ सब्जियां बिना पकाए भी खाई जाती हैं। ऐसे में इन्हें केवल उबालकर खाना एक अछका ऑप्शन हो सकता है। वहीं कई सब्जियों का सेवन करना तब बेहतर होता है जब उन्हें पकाया जाता है क्योंकि उनके कच्चे रूपों में कुछ पदार्थ या एंजाइम हो सकते हैं जो शरीर में रिएक्शन करके नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको अपच या मतली की समस्या हो सकती है क्योंकि पेट उन एंजाइमों को प्रभावी ढंग से पचा नहीं पाता है। ऐसे में इन्हें उबालकर और पकाकर खाना ही आपके लिए सुरक्षित हो सकता है। इसके अलावा सब्जियों का आसानी से सेवन करने का एक और बढ़िया तरीका है कि उनका सूप बनाकर पिया जाए। यह भी तय करें कि सूप हमेशा घर में ही बनाया जाए, न कि बाहर से खरीदकर लाएं। सब्जियों को सूप में लंबे समय तक उबाला जाना चाहिए ताकि वे अच्छी तरह से पक जाएं और उनके पोषक तत्व बने रहें।
बारिश के मौसम में खाने के लिए सुरक्षित खाने की चीजों का पता लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है क्योंकि इस बारे में केवल कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं। हालांकि, भूल काफी आसानी से हो सकती है और स्ट्रीट फूड को देखकर उन्हें खाने का लालच आपको कई बीमारियों का आसान शिकार बना सकता है। कुछ महीनों के लिए इन टिप्स का पालन करें और जब मानसून का मौसम चला जाए तो आप अपने रूटीन डाइट पर वापस आ सकती हैं।
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