ब्रो प्रेजेंटेशन – गर्भ में बच्चे का माथा ऊपर आना l Brow Presentation – Garbh Mein Bacche Ka Matha Upar Aana

Brow Presentation - Garbh Mein Bacche Ka Matha Upar Aana

गर्भावस्था का सफर बहुत खूबसूरत होता है, लेकिन इसमें कभी-कभी कुछ समस्याएं और जोखिम भी होते हैं। ऐसी ही एक समस्या बच्चे की गर्भ में स्थिति कैसी है, इससे जुड़ी होती है। गर्भ में बच्चा किस तरह है यह सामान्य प्रसव के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस लेख में हम गर्भ में बच्चे का माथा आगे की ओर आने, जिसे मेडिकल भाषा में ब्रो प्रेजेंटेशन कहते हैं, के बारे में जानेंगे। ब्रो प्रेजेंटेशन यानी भौहों का दिखना, लेकिन इस समय उसकी भौहें उतनी स्पष्ट नहीं होती हैं इसलिए इस स्थिति को बच्चे का माथा ऊपर की ओर होने से समझा जा सकता है। यह स्थिति प्रसव को मुश्किल बना सकती है। इस लेख में आप इस स्थिति से होने वाली समस्याएं, गर्भ में बच्चे की ऐसी पोजीशन की सही समय पर पहचान, सावधानियां और उचित देखभाल से इस स्थिति से कैसे निपटें, इस बारे में जानेंगे। 

ब्रो प्रेजेंटेशन क्या है?

गर्भ में बच्चे की सही स्थिति वह होती है जिसमें उसकी ठोड़ी छाती से सटी होती है। यह स्थिति बच्चे के गर्भाशय से आसानी से बाहर आने के लिए सबसे अच्छी होती है। लेकिन कुछ मामलों में, ठोड़ी ऊपर होकर बच्चे का सिर और गर्दन पीछे की ओर हो जाते हैं, जिससे उसका माथा सामने की ओर आ जाता है। इसे ब्रो प्रेजेंटेशन या फोरहेड प्रेजेंटेशन कहते हैं। यह एक दुर्लभ स्थिति है और लगभग 1500 बच्चों में से एक में ही दिखाई देती है। इस स्थिति में बच्चे के नीचे आने के लिए कम जगह रहती है, जिससे सामान्य प्रसव में रुकावट आ सकती है। हालांकि, अगर यह स्थिति लेबर की शुरुआत में होती है, तो बच्चे के पास गर्दन को सही स्थिति में वापस लाने का समय होता है। अगर ऐसा नहीं होता, तो प्रसव में समस्या हो सकती है, जिससे माँ और बच्चे दोनों को तकलीफ हो सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर सी-सेक्शन की सलाह देते हैं। यह स्थिति उन बच्चों में देखी जाती है जिनकी माँ दूसरी या तीसरी बार गर्भवती हुई हो या जिनमें रीढ़ की हड्डी के गलत विकास के कारण कोई शारीरिक विसंगति हो।

कैसे पता करें कि आपका बच्चा इस स्थिति में है?

ब्रो प्रेजेंटेशन की स्थिति का पता प्रसव शुरू होने से पहले बहुत कम ही लग पाता है। लेकिन लगभग आधे मामले में, बच्चा प्रसव के दौरान खुद को ठीक स्थिति में ला लेता है, यानी सिर का सही स्थिति में आना, जो प्रसव के लिए जरूरी है। अगर बच्चा ब्रो प्रेजेंटेशन में रहता है, तो प्रसव में सामान्य से अधिक समय लग सकता है। इसी दौरान डॉक्टर इस स्थिति को पहचान सकते हैं। इसलिए, अगर प्रसव के दौरान समय अधिक लग रहा हो या कोई असामान्यता महसूस हो, तो डॉक्टर इसकी जांच करते हैं और स्थिति को समझने में मदद करते हैं।

बच्चे का माथा ऊपर आने के क्या कारण हैं?

आपके बच्चे का माथा ऊपर आने की स्थिति में होना कई कारणों से हो सकता है। कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  • बच्चे का आकार: समय से पहले पैदा होने वाले या कम वजन वाले बच्चों में ब्रो प्रेजेंटेशन की संभावना अधिक होती है। बड़े आकार के बच्चे भी अक्सर अपनी ठुड्डी को छाती से दूर रखते हैं, जिससे ये समस्या हो सकती  है। अगर आपके श्रोणि (पेल्विस) और बच्चे के सिर का आकार एक-दूसरे से मेल नहीं खाता, तो भी यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • पॉलिहाइड्रेम्निओस: यह स्थिति तब होती है जब गर्भ में एम्नियोटिक फ्लूड (पानी) बहुत अधिक होता है। इससे बच्चे के सिर को सही स्थिति में रखना मुश्किल हो सकता है।
  • जुड़वाँ या अधिक बच्चे: अगर गर्भ में एक से ज्यादा बच्चे हों, तो जगह कम हो जाती है, जिससे बच्चे सही स्थिति नहीं ले पाते और अलग-अलग स्थितियों में आ सकते हैं।
  • माँ की शारीरिक संरचना में दिक्कत: अगर होने वाली माँ के पेल्विस का आकार और माप सही नहीं है, तो बच्चे को सामान्य स्थिति में आना मुश्किल हो सकता है। सबसे सामान्य कारण त्रिकोणीय (एंड्रॉयड) पेल्विस और छोटे आकार का संकुचित पेल्विस हैं। एक अन्य कारण कमजोर गर्भाशय हो सकता है, जो बच्चे को सही स्थिति में स्थिर रखने में सक्षम नहीं होता।
  • बच्चे में शारीरिक विसंगति: अगर बच्चे के सिर का आकार असामान्य रूप से बड़ा हो, जैसे कि हाइड्रोसिफैलस या एनेंसिफैली जैसी स्थिति में, तो उसका सिर सही स्थिति में नहीं आ पाता।

ब्रो प्रेजेंटेशन का निदान कैसे किया जाता है?

ब्रो प्रेजेंटेशन का पता लगाने के लिए एक अनुभवी डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन जरूरी होता है ताकि बच्चे की स्थिति पर निगरानी रखी जा सके। डॉक्टर डिजिटल जांच भी कर सकते हैं, जिसमें वे बच्चे के चेहरे की स्थिति को जांचते हैं। अगर डॉक्टर को लगे कि बच्चे का सिर सामान्य प्रसव के लिए सही स्थिति में नहीं आ पा रहा, तो वे सिजेरियन ऑपरेशन से प्रसव करवाने की सलाह दे सकते हैं।

गर्भ में बच्चे का माथा ऊपर आने के कारण प्रसव में होने वाली समस्याएं 

ब्रो प्रेजेंटेशन की स्थिति में प्रसव के दौरान कई तरह के जोखिम हो सकते हैं, कुछ मुख्य जोखिमों के बारे में नीचे बताया गया है:

  • प्रसव में ज्यादा समय लग सकता है, क्योंकि बच्चे को पेल्विस से निकलने में कठिनाई हो सकती है।
  • फोरसेप का उपयोग जरूरी हो सकता है, इससे बच्चे के सिर में चोट लगने का खतरा रहता है।
  • जन्म नलिका (बर्थ कैनाल) से निकलने में कठिनाई के कारण बच्चे के सिर का आकार बदल सकता है।
  • यह प्रसव प्रक्रिया काफी कठिन होती है, जिससे बच्चे को परेशानी हो सकता है और सी-सेक्शन करवाने की जरूरत पड़ती है।
  • प्रसव के दौरान बच्चे की रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है, जिससे चोट लगने की संभावना रहती है।
  • कभी-कभी प्रसव के दौरान सिर पर चोट लगने से मस्तिष्क में रक्तस्राव (ब्रेन हेमरेज) खतरा भी बढ़ जाता है।

ब्रो प्रेजेंटेशन में प्रसव के लिए अन्य विकल्प

जैसा कि पहले भी बताया गया है, ब्रो प्रेजेंटेशन में बच्चे के लिए गर्भाशय के मुंह यानी सर्विक्स की ओर नीचे खिसकने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होती। ऐसी स्थिति में, डॉक्टर कुछ तरीकों का उपयोग कर सकते हैं ताकि सामान्य डिलीवरी के दौरान होने वाली समस्याओं को कम किया जा सके। इन तरीकों में चिकित्सीय कौशल की आवश्यकता होती है और इन्हें तभी किया जा सकता है जब सर्विक्स पूरी तरह से खुला हो।

वेंटूज बर्थ: इस प्रक्रिया में, डॉक्टर एक छोटे वैक्यूम उपकरण (जिसे वेंटूज कहा जाता है) का उपयोग करते हैं। इससे बच्चे के सिर को हल्का-सा खींचकर सही स्थिति में लाया जाता है। यह तरीका उस समय भी किया जा सकता है जब आप प्रसव प्रक्रिया में पुश करना यानी धक्का लगाना शुरू कर चुकी हों।

मैनुअल रोटेशन: इस प्रक्रिया में सर्विक्स के पूरी तरह खुलने के बाद, डॉक्टर अपने हाथों से बच्चे के सिर को सही स्थिति में लाने की कोशिश कर सकते हैं।

प्रसव से पहले और बाद में बरती जाने वाली सावधानियां 

ब्रो प्रेजेंटेशन के कारण प्रसव में कुछ समस्याएं आ सकती हैं, इसलिए यहां कुछ सावधानियां दी गई हैं जिन्हें प्रसव से पहले और बाद में अपनाकर सुरक्षित गर्भावस्था और प्रसव प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सकती है:

  • एक ऐसे डॉक्टर को चुनें जो प्रसूति और स्त्री रोग (ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी) में कुशल हो ताकि वे किसी भी स्थिति को संभाल सकें।
  • अपने डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप कराती रहें, खासकर तीसरी तिमाही के अंत में डॉक्टर से नियमित परामर्श लेना न भूलें।
  • सी-सेक्शन के लिए तैयार रहें: अगर डॉक्टर ने ब्रो प्रेजेंटेशन का निदान किया है और सी-सेक्शन की सलाह दी है, तो इसे करवाने से हिचकिचाएं नहीं। इससे डिलीवरी के दौरान जटिलताओं का खतरा काफी कम हो जाता है।

प्रसव के दौरान माथा ऊपर आने की स्थिति बच्चे को कैसे प्रभावित करेगी

अगर ब्रो प्रेजेंटेशन की स्थिति में बच्चे का जन्म सामान्य प्रसव से होता है, तो उसके सिर का आकार असामान्य हो सकता है। लेकिन चिंता न करें, उनके सिर की हड्डियां लचीली होती हैं और कुछ दिनों में यह सामान्य आकार में वापस आ जाता है। यदि आपकी प्रसव प्रक्रिया लंबी होती है, तो ये बच्चे के लिए तनावपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वह असुविधाजनक स्थिति में फंसा रहता है। इससे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, इसलिए अगर आपको चिंता हो, तो एक बाल रोग विशेषज्ञ ऑस्टियोपैथ से सलाह लें।

ब्रो प्रेजेंटेशन समस्या किसी को भी हो सकती है, तो अगर आपकी पहली गर्भावस्था में यह स्थिति नहीं हुई, तो इसका मतलब यह नहीं है कि अगली बार भी नहीं होगी। इसलिए इससे बचने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लें, पानी पियें और पर्याप्त नींद लें। जितना हो सके तनाव और चिंता से दूर रहें, ताकि आप अपने बच्चे के स्वागत के लिए स्वस्थ और मजबूत बन सकें।

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