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छोटे बच्चे अपने आस-पास की चीजों को देखते, समझते और उनसे ही सीखते हैं। चूंकि छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम विकसित हो रहा होता है और पहले साल में एडजस्ट होता है इसलिए वे अपने सभी सेंसेस का उपयोग करते हैं – सूंघना, देखना, स्वाद और सुनना। वे अपने छोटे-छोटे हाथों से चीजों का पकड़ना शुरू करते हैं और उन्हें अपने मुंह में भी डालने लगते हैं। बच्चों द्वारा मुंह में चीजें डालने की यह प्रक्रिया बहुत आम है। क्या आपने कभी अपने बच्चे को मुंह में कोई भी चीज डालते हुए देखा है, क्या आप सोचती हैं कि वह ऐसा क्यों करता है? क्या यह सही है? आपके सभी सवालों के जवाब के लिए यहां पर इस बारे में पूरी जानकारी दी हुई है। बच्चे अपने मुंह में चीजें क्यों डालते हैं और अपने नन्हे बच्चे को सुरक्षित व स्वस्थ रखने के लिए आप क्या कर सकती हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
पहले साल में बच्चा अपने मुंह में खिलौने डालता है और जाहिर है आप उसकी इस आदत को छुड़ाएंगी। हालांकि मुंह में चीजें डालना बहुत आम है क्योंकि इस तरह बच्चा चीजों को जानने व समझने का प्रयास करता है। इसलिए उसके जीवन में इस चरण को ओरल एक्सप्लोरेशन भी कहते हैं। वह अपने मुंह और हाथ का उपयोग करके चीजों के शेप, टेक्सचर, मटेरियल, गंध, स्वाद, आवाज और आदि चीजों को समझने का प्रयास करता है।
बच्चा 7 महीने की उम्र से ही अपने मुंह में कुछ न कुछ डालना शुरू कर देता है। कुछ बच्चे ऐसा करना जल्दी शुरू कर देते हैं। शुरुआत में बच्चे अपनी मुट्ठी को मुंह में डालते हैं और कभी-कभी अपने पैर के अंगूठे को भी मुंह में डालते हैं। यह ठीक भी है क्योंकि पहले कुछ महीनों में वे ज्यादा हिल-डुल नहीं सकते हैं। पर जब वे ऐसा करना शुरू करते हैं तो धीरे-धीरे चीजों को पकड़ने लगते हैं, उसे अपने मुंह में भी डालना शुरू कर देते हैं। जांचने-खोजने की इस प्रक्रिया में वे चीजों तक पहुँचना, पकड़ना, धक्का देना, पटकना, मारना आदि करना शुरू कर देते हैं।
इस एक्सरसाइज से बच्चे के मुंह की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे बच्चे का मुंह, जीभ और गाल कोऑर्डिनेट होते हैं। बच्चा अंगूठा चूसना सीखता है जिससे वह कई चीजों के लिए कम्युनिकेट करने की कोशिश करता है, जैसे भूख, बोरियत आदि। ज्यादातर मांएं इन आदतों को गलत मानती हैं और इन्हें ठीक करती हैं क्योंकि ज्यादा समय तक अंगूठा चूसने से कई नकारात्मक प्रभाव भी पड़ते हैं।
इसके अलावा बच्चे समझने लगते हैं कि किस चीज का स्वाद अच्छा है और किसका नहीं। वे नई-नई चीजों को जानने के लिए ऐसी चीजों को मुंह में डालने लगते हैं जिसके बारे में आप सोच भी नहीं पाएंगी।
जब बच्चा चलना और घुटनों के बल रेंगना करना शुरू करता है तो आपके लिए उसे उन चीजों से दूर रखना कठिन है जो वह अपने मुंह में डाल सकता है। यह बच्चों में विकास का चरण है जिसमें उन्हें कई जोखिम भी हो सकते हैं। पर यदि इसका ध्यान ठीक से रखा जाए तो जोखिम से बचा जा सकता है। मुंह में कोई भी चीज डालने से बच्चे को निम्नलिखित खतरे हो सकते हैं, आइए जानें;
बच्चों को चोकिंग और दर्द या तकलीफ हो सकती है जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। बच्चे से छोटी-छोटी चीजों को दूर रखना बहुत आसान नहीं है। यह सलाह दी जाती है कि आप बच्चे को अपनी आंखों के सामने ही रखें और आसपास पड़ी चीजों पर ध्यान दें व उसकी पहुँच से दूर रखें। खुरदुरी चीजों, खिलौनों, जल्दी टूटने वाली चीजों, कांच की चीजों, घर में पले जानवर का बाउल और पानी से भरी बाल्टी आदि चीजों तक भी बच्चा पहुँच सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि इन सभी चीजों को उसकी पहुंच से दूर रखें क्योंकि इनसे उसे चोट लग सकती है, खून निकल सकता है और यहां तक कि कोई दुर्घटना भी हो सकती है।
चूंकि बच्चे मुंह में कोई भी चीज डालना नहीं छोड़ते हैं और कभी-कभी जमीन पर पड़ी वस्तुएं या सीधे जमीन को चाट भी लेते हैं। जिससे उन्हें इंफेक्शन हो जाता है और इससे बचने का सबसे सही तरीका है कि आप हाइजीन बनाए रखें और घर को व्यवस्थित करें। आप जमीन, खिलौने और बच्चे की पहुंच वाली सभी जगहों को साफ करें। यदि आपके घर में एक से ज्यादा बच्चे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि विशेषकर जब वे बीमार हों तो उनके खिलौने अलग-अलग होने चाहिए। सभी खिलौनों को धोकर और सतह को माइल्ड डिसइंफेक्टेंट से साफ कर लें।
7 से 12 महीने की शुरुआती उम्र में बच्चा अपने मुंह में कोई भी चीजें डालना शुरू कर देता है। अक्सर 2 साल की उम्र में वह अपनी उंगलियों से चीजों को समझने का प्रयास करना शुरू कर देता है। 3 साल की उम्र में वह अपने मुंह में चीजें डालना पूरी तरह से बंद कर देता है। यदि आपका बच्चा फिर भी अपने मुंह में हर कुछ न कुछ डालता है और 4 साल की उम्र तक अंगूठा चूसता है तो आप उसकी इस आदत को ठीक करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
यदि बच्चा अपने मुंह में कुछ भी डालता है तो आप इससे सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कुछ सावधानियां बरतें ताकि आपका पेरेंटिंग अनुभव सुरक्षित रहे, आइए जानें;
आप बच्चे की पहुंच से मुंह में जाने वाली सभी चीजें दूर कर दें। (जैसे, सिक्के, घर में पले जानवर का खाना, छोटे खिलौने, मार्बल्स और कोई भी ऐसी चीज जो बच्चा निगल सकता है)। आप आस-पास की जगह से केमिकल, कॉस्मेटिक आदि भी हटा दें क्योंकि इससे भी जोखिम की संभावनाएं होती हैं।
यदि बच्चा अपने मुंह में कुछ भी असुरक्षित वास्तु डालता है तो आप उस पर चिल्लाएं नहीं। इसके बजाय उसे मुंह में डालने के लिए कोई सुरक्षित चीज दें। बच्चे नेचुरल रूप से अपने मुंह में चीजें डाल लेते हैं। वैसे तो यह एक सुरक्षित आदत नहीं है पर बढ़ते दिनों में उनके लिए यह जरूरी भी है। पेरेंट्स होने के नाते आप आस-पास की जगहों को साफ रखें और बच्चे को सिर्फ सुरक्षित चीजें ही छूने दें।
इस अभ्यास से बड़े बच्चों को काफी मदद मिलती है। आप बच्चे को ‘न’ का मतलब समझाएं ताकि न कहने पर वे अपने मुंह में कोई भी चीज न डालें। इसके अलावा आप बच्चे को प्यार से, खेल-खेल में समझाएं और उसके लिए स्थिति को तनावभरी न बनाएं।
दांत निकलते समय बच्चे अक्सर मुंह में कुछ न कुछ डालते हैं। इससे बचने के लिए आप अपने बेबी को टीथिंग रिंग्स दें। आप इसे फ्रीज करके भी उसे दे सकती हैं क्योंकि इससे उसे दांत के दर्द में आराम मिलेगा।
बच्चों को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और हमेशा उनका ध्यान रखना चाहिए। जब आपका बच्चा ग्रुप में कोई भी एक्टिविटी करता है तो वो अपना मुंह बनाएगा, नाक सिकोड़ेगा और किस भी देगा। इसका यह मतलब नहीं है कि बच्चा अपने मुंह में कुछ भी नहीं डालेगा। वह ब्लैंकेट से लेकर कपड़े या उसके हाथ में जो भी आए उसे मुंह में डालने की कोशिश जरूर करेगा। पर इसमें आसपास की जगह सुरक्षित होगी क्योंकि हानिकारक सभी चीजें अंदर रखी होंगी।
छोटे बच्चे काफी समय तक मुंह में कुछ न कुछ डालते रहते हैं और आप अपने बच्चे व खुद के लिए भी इस सफर को सुरक्षित बना सकती हैं। थोड़े बहुत कीटाणु और धूल को साफ नहीं किया जा सकता है लेकिन इससे बच्चा बीमार नहीं पड़ेगा। आप जर्म्स को लेकर बहुत ज्यादा चिंता न करें और अपने बेबी के विकास के इस चरण का आनंद लें।
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