In this Article
जन्म के बाद बच्चे द्वारा कुछ सप्ताह तक नींद और फीडिंग का एक नियमित पैटर्न फॉलो करने के बाद आप उसमें फीडिंग की आवश्यकताओं से संबंधित अचानक बदलाव नोटिस कर सकती हैं। बच्चा बार-बार दूध पी सकता है और लंबे समय तक सो सकता है। इससे जाहिर है रेगुलर पैटर्न में बदलाव होता है पर इसमें कोई भी हानि नहीं होगी इसलिए इसकी चिंता न करें। दरअसल ग्रोथ स्पर्ट्स के कारण बच्चे की आवश्यकताएं अचानक बदलने लगती हैं।
एक बेबी अपने पहले बर्थडे पर जन्म से लगभग 3 गुना ज्यादा बढ़ता है। यह धीरे-धीरे नियमित रूप से नहीं होता है बल्कि समय-समय पर कुछ दिनों के अंतराल के बाद जरूर होता है। जब बच्चे में अचानक एक नया विकास होता है उस समय को ग्रोथ स्पर्ट्स कहा जाता है।
शिशु के पहले साल में होने वाले ग्रोथ स्पर्ट्स दूसरे सप्ताह से शुरू होते हैं और तीसरे, 6वें और 9वें सप्ताह में भी दिखाई देते हैं। ये ग्रोथ स्पर्ट्स तीसरे, 6वें और 9वें महीने में भी होते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है की हर बच्चे में एक जैसा ही पैटर्न हो, विशेषकर प्रीमैच्योर बच्चों में ऐसा होना जरूरी नहीं है, जिनका विकास अन्य बच्चों से अलग गति से होता है।
बच्चे में हर एक ग्रोथ स्पर्ट कुछ दिनों तक रहता है। जब बच्चा छोटा होता है तो यह एक दिन के लिए रहता है। जैसे ही बच्चा बड़ा होने लगता है तो ग्रोथ स्पर्ट थोड़े लंबे समय तक रह सकता है – यह कुछ दिनों या फिर एक सप्ताह तक भी रह सकता है।
ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान बच्चे का वजन, हाइट और सिर की गोलाई बढ़ती है। यह भी संभव है कि बच्चे के कपड़े एक रात में टाइट हो जाएं। इस दौरान बच्चा चिड़चिड़ा और जिद्दी भी हो सकता है।
यद्यपि ग्रोथ स्पर्ट्स और फीडिंग स्पर्ट्स के दौरान बच्चा ज्यादा खाता है पर जरूरी नहीं है कि यह एक जैसा हो। फीडिंग स्पर्ट में बच्चा सामान्य से ज्यादा भूखा होता है और इससे कुछ दिनों में अचानक से विकास व वृद्धि नहीं होगी।
ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान बच्चे में निम्नलिखित बदलाव हो सकते हैं, आइए जानें;
ग्रोथ स्पर्ट्स होने से पहले या तुरंत बाद में बच्चे की भूख सामान्य से ज्यादा हो जाती है। ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे के लिए ग्रोथ स्पर्ट्स का मतलब है लंबे समय तक ब्रेस्टफीड करना और हर दिन थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पीना। जो बच्चे फॉर्मूला दूध पीते हैं वो फीडिंग सेशन के बाद भी भूखे रह जाते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चे की भूख को बार-बार शांत करती रहें और इस दौरान उसे लंबे समय तक दूध पिलाएं क्योंकि उसके बढ़ते शरीर के लिए ज्यादा पोषण की जरूरत होगी।
ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान बच्चा सामान्य से ज्यादा सो सकता है या उसकी नींद का पैटर्न भी बदल सकता है। क्योंकि बच्चे के लिए ज्यादा सोना जरूरी है ताकि उसमें बेहतर विकास हो सके। बच्चे के सोते समय उसका दिमाग पिट्यूटरी ग्लैंड को एचजीएच या ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन को उत्पन्न करने का संकेत देता है जो उसमें विकास का कारण बनता है।
स्टडीज के अनुसार बच्चे साढ़े चार घंटे ज्यादा सोते हैं। हालांकि कुछ बच्चे कम भी सो सकते हैं या थोड़ी देर के लिए नैप लेते हैं। वे ज्यादातर रात में कई बार उठ सकते हैं।
ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान आप बच्चे के व्यवहार में अचानक से बदलाव, जैसे इरिटेशन या हर समय किसी चीज की जरूरत नोटिस कर सकती हैं। बच्चा ज्यादातर गोद में रहना पसंद कर सकता है या अशांत रहता है व ज्यादा से ज्यादा रोता है।
यद्यपि इस बात का अब तक पता नहीं लगा है कि ये बदलाव क्यों होते हैं इसलिए ज्यादातर एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा ज्यादातर दूध पीता है या बढ़ता है जिसकी वजह से वह थक जाता है और यह एक छोटे से बच्चे के लिए बहुत ज्यादा हो सकता है।
यह भी माना जाता है कि बच्चे में डेवलपमेंटल लीप हो सकता है जिसका मतलब यह है कि वह इस दौरान नई स्किल्स, जैसे क्रॉल करना, रोल करना और मुस्कुराना सीखेगा। यह ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान होता है या यह किसी भी समय हो सकता है।
यदि आपके नन्हे से बेबी का अचानक से विकास होता है तो यह आपके लिए भी थोड़ा थका देने वाला हो सकता है, विशेषकर अगर आप ब्रेस्टफीड कराती हैं। इसलिए इस चरण के दौरान निम्निलिखित कुछ टिप्स पर जरूर ध्यान दें, जैसे;
बच्चे का व्यवहार और दूध पीने व नींद का पैटर्न आपको कंफ्यूज कर सकता है और ग्रोथ स्पर्ट्स के लिए संकेतों को समझने में गलती होना संभव है। हालांकि ये संकेत किसी और चीज की तरफ भी इशारा कर सकते हैं। बच्चे के रूटीन या वातावरण में बदलाव होने, टीदिंग और थोड़ी बहुत बीमारी से भी बेबी या बच्चे का अचानक से व्यवहार या नियमित पैटर्न बदल सकता है। यदि बच्चा बहुत ज्यादा इरिटेट, अशांत हो जाता है और थोड़ी देर तक ऐसा ही रहता है तो इस समस्या के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
आप बेबी ग्रोथ चार्ट का उपयोग करना चाहती होंगी जिसमें विभिन्न सप्ताह या महीनों का उचित माप दिखता है। यह चार्ट विकास के अलग-अलग समय पर बच्चे की लंबाई, वजन और सिर की गोलाई का माप बताता है।
बच्चे में ग्रोथ स्पर्ट्स मांओं के लिए बहुत ज्यादा होते हैं पर सही देखभाल और सपोर्ट के साथ आप इसे भी पूरा कर सकती हैं। इसके अलावा ग्रोथ स्पर्ट्स कुछ समय के लिए होते हैं इसलिए आप अपने नियमित शेड्यूल में बहुत जल्दी वापिस जा सकती हैं।
यह भी पढ़ें:
छोटे बच्चों की त्वचा निकलना – यह क्यों होता है?
शिशुओं की 15 आम स्वास्थ्य समस्याएं और बीमारियां
नवजात शिशु में पैदाइशी निशान: कारण, प्रकार और उपचार
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…