शिशु

शिशुओं में ग्रोथ स्पर्ट्स

जन्म के बाद बच्चे द्वारा कुछ सप्ताह तक नींद और फीडिंग का एक नियमित पैटर्न फॉलो करने के बाद आप उसमें फीडिंग की आवश्यकताओं से संबंधित अचानक बदलाव नोटिस कर सकती हैं। बच्चा बार-बार दूध पी सकता है और लंबे समय तक सो सकता है। इससे जाहिर है रेगुलर पैटर्न में बदलाव होता है पर इसमें कोई भी हानि नहीं होगी इसलिए इसकी चिंता न करें। दरअसल ग्रोथ स्पर्ट्स के कारण बच्चे की आवश्यकताएं अचानक बदलने लगती हैं।  

छोटे बच्चों में ग्रोथ स्पर्ट्स क्या होते हैं?

एक बेबी अपने पहले बर्थडे पर जन्म से लगभग 3 गुना ज्यादा बढ़ता है। यह धीरे-धीरे नियमित रूप से नहीं होता है बल्कि समय-समय पर कुछ दिनों के अंतराल के बाद जरूर होता है। जब बच्चे में अचानक एक नया विकास होता है उस समय को ग्रोथ स्पर्ट्स कहा जाता है। 

छोटे बच्चों में ग्रोथ स्पर्ट्स कब होता है?

शिशु के पहले साल में होने वाले ग्रोथ स्पर्ट्स दूसरे सप्ताह से शुरू होते हैं और तीसरे, 6वें और 9वें सप्ताह में भी दिखाई देते हैं। ये ग्रोथ स्पर्ट्स तीसरे, 6वें और 9वें महीने में भी होते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है की हर बच्चे में एक जैसा ही पैटर्न हो, विशेषकर प्रीमैच्योर बच्चों में ऐसा होना जरूरी नहीं है, जिनका विकास अन्य बच्चों से अलग गति से होता है।

ग्रोथ स्पर्ट्स कितने समय तक होता है?

बच्चे में हर एक ग्रोथ स्पर्ट कुछ दिनों तक रहता है। जब बच्चा छोटा होता है तो यह एक दिन के लिए रहता है। जैसे ही बच्चा बड़ा होने लगता है तो ग्रोथ स्पर्ट थोड़े लंबे समय तक रह सकता है – यह कुछ दिनों या फिर एक सप्ताह तक भी रह सकता है। 

ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान क्या होता है?

ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान बच्चे का वजन, हाइट और सिर की गोलाई बढ़ती है। यह भी संभव है कि बच्चे के कपड़े एक रात में टाइट हो जाएं। इस दौरान बच्चा चिड़चिड़ा और जिद्दी भी हो सकता है। 

क्या ग्रोथ स्पर्ट्स और फीडिंग स्पर्ट्स में कोई अंतर है?

यद्यपि ग्रोथ स्पर्ट्स और फीडिंग स्पर्ट्स के दौरान बच्चा ज्यादा खाता है पर जरूरी नहीं है कि यह एक जैसा हो। फीडिंग स्पर्ट में बच्चा सामान्य से ज्यादा भूखा होता है और इससे कुछ दिनों में अचानक से विकास व वृद्धि नहीं होगी। 

छोटे बच्चों में ग्रोथ स्पर्ट्स के संकेत

ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान बच्चे में निम्नलिखित बदलाव हो सकते हैं, आइए जानें;

1. भूख बढ़ती है

ग्रोथ स्पर्ट्स होने से पहले या तुरंत बाद में बच्चे की भूख सामान्य से ज्यादा हो जाती है। ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे के लिए ग्रोथ स्पर्ट्स का मतलब है लंबे समय तक ब्रेस्टफीड करना और हर दिन थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पीना। जो बच्चे फॉर्मूला दूध पीते हैं वो फीडिंग सेशन के बाद भी भूखे रह जाते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चे की भूख को बार-बार शांत करती रहें और इस दौरान उसे लंबे समय तक दूध पिलाएं क्योंकि उसके बढ़ते शरीर के लिए ज्यादा पोषण की जरूरत होगी। 

2. नींद के पैटर्न में बदलाव होता है

ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान बच्चा सामान्य से ज्यादा सो सकता है या उसकी नींद का पैटर्न भी बदल सकता है। क्योंकि बच्चे के लिए ज्यादा सोना जरूरी है ताकि उसमें बेहतर विकास हो सके। बच्चे के सोते समय उसका दिमाग पिट्यूटरी ग्लैंड को एचजीएच या ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन को उत्पन्न करने का संकेत देता है जो उसमें विकास का कारण बनता है। 

स्टडीज के अनुसार बच्चे साढ़े चार घंटे ज्यादा सोते हैं। हालांकि कुछ बच्चे कम भी सो सकते हैं या थोड़ी देर के लिए नैप लेते हैं। वे ज्यादातर रात में कई बार उठ सकते हैं। 

3. व्यवहार में बदलाव आता है

ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान आप बच्चे के व्यवहार में अचानक से बदलाव, जैसे इरिटेशन या हर समय किसी चीज की जरूरत नोटिस कर सकती हैं। बच्चा ज्यादातर गोद में रहना पसंद कर सकता है या अशांत रहता है व ज्यादा से ज्यादा रोता है। 

यद्यपि इस बात का अब तक पता नहीं लगा है कि ये बदलाव क्यों होते हैं इसलिए ज्यादातर एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा ज्यादातर दूध पीता है या बढ़ता है जिसकी वजह से वह थक जाता है और यह एक छोटे से बच्चे के लिए बहुत ज्यादा हो सकता है।  

यह भी माना जाता है कि बच्चे में डेवलपमेंटल लीप हो सकता है जिसका मतलब यह है कि वह इस दौरान नई स्किल्स, जैसे क्रॉल करना, रोल करना और मुस्कुराना सीखेगा। यह ग्रोथ स्पर्ट्स के दौरान होता है या यह किसी भी समय हो सकता है। 

छोटे बच्चों में ग्रोथ स्पर्ट्स से संबंधित टिप्स

यदि आपके नन्हे से बेबी का अचानक से विकास होता है तो यह आपके लिए भी थोड़ा थका देने वाला हो सकता है, विशेषकर अगर आप ब्रेस्टफीड कराती हैं। इसलिए इस चरण के दौरान निम्निलिखित कुछ टिप्स पर जरूर ध्यान दें, जैसे;

  • खूब सारा पानी पिएं। ब्रेस्टमिल्क आपके शरीर का फ्लूइड कम कर सकता है। शिशु को अच्छी तरह से फीडिंग कराने के लिए आपको हाइड्रेटेड रहने की जरूरत है।
  • छोटे बच्चों की जरूरत व आपूर्ति के आधार पर ही ब्रेस्ट में दूध उत्पन्न होता है। यदि बच्चा ज्यादा दूध पीता है तो ज्यादा दूध उत्पन्न होगा। माँ के दूध को फॉर्मूला दूध से न बदलना ही समझदारी होगी ताकि ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति होती रहे।
  • छोटे बच्चे बार-बार दूध पीना चाहते हैं और इसलिए वे ज्यादा से ज्यादा माँ के करीब रहते हैं। ऐसी स्थिति में आप बच्चे को कैरी करने के लिए स्लिंग का उपयोग करें।
  • बच्चे की फीडिंग की जरूरत के अनुसार आपका शरीर एक दो दिन लेगा। यदि एक सप्ताह से ज्यादा दिनों तक पर्याप्त दूध उत्पन्न नहीं होता है तो डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि यह दूध की कम आपूर्ति होने के कारण होता है।
  • नियमित रूप से खाएं और पिएं और यदि संभव हो तो काम के लिए घर में किसी से मदद जरूर लें। लगातार बच्चे को दूध पिलाने से आपको थकान हो सकती है।

बच्चे का व्यवहार और दूध पीने व नींद का पैटर्न आपको कंफ्यूज कर सकता है और ग्रोथ स्पर्ट्स के लिए संकेतों को समझने में गलती होना संभव है। हालांकि ये संकेत किसी और चीज की तरफ भी इशारा कर सकते हैं। बच्चे के रूटीन या वातावरण में बदलाव होने, टीदिंग और थोड़ी बहुत बीमारी से भी बेबी या बच्चे का अचानक से व्यवहार या नियमित पैटर्न बदल सकता है। यदि बच्चा बहुत ज्यादा इरिटेट, अशांत हो जाता है और थोड़ी देर तक ऐसा ही रहता है तो इस समस्या के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

उचित ग्रोथ स्पर्ट्स के बारे में कैसे जानें?

आप बेबी ग्रोथ चार्ट का उपयोग करना चाहती होंगी जिसमें विभिन्न सप्ताह या महीनों का उचित माप दिखता है। यह चार्ट विकास के अलग-अलग समय पर बच्चे की लंबाई, वजन और सिर की गोलाई का माप बताता है। 

बच्चे में ग्रोथ स्पर्ट्स मांओं के लिए बहुत ज्यादा होते हैं पर सही देखभाल और सपोर्ट के साथ आप इसे भी पूरा कर सकती हैं। इसके अलावा ग्रोथ स्पर्ट्स कुछ समय के लिए होते हैं इसलिए आप अपने नियमित शेड्यूल में बहुत जल्दी वापिस जा सकती हैं। 

यह भी पढ़ें:

छोटे बच्चों की त्वचा निकलना – यह क्यों होता है?
शिशुओं की 15 आम स्वास्थ्य समस्याएं और बीमारियां
नवजात शिशु में पैदाइशी निशान: कारण, प्रकार और उपचार

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

2 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

2 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

2 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

4 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

4 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

4 days ago