टॉडलर (1-3 वर्ष)

शिशुओं और बच्चों के लिए प्रोटीन – महत्व और जरूरत

छोटे और बढ़ते बच्चों के लिए पौष्टिक खाना बहुत जरूरी है। एक जरूरी पोषक तत्व, जो कि आपके बच्चे के भोजन का हिस्सा होना चाहिए, वह है प्रोटीन। प्रोटीन शरीर की मरम्मत करने के लिए और उसे मेंटेन रखने के लिए बहुत जरूरी है। शिशुओं और छोटे बच्चों को बड़े बच्चों और वयस्कों की तुलना में प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है। 

बेबी और टॉडलर के लिए प्रोटीन की जरूरतें

आइए देखते हैं, कि शिशुओं और बच्चों को किन प्रोटीन की जरूरत होती है: 

1. 0 से 6 महीने

इस स्तर पर बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क से हर तरह का प्रोटीन मिल जाता है। बच्चे का शरीर तरल पदार्थ के अलावा और कुछ भी लेने के लिए तैयार नहीं होता है। 

2. 6 महीने

इस उम्र में आपको अपने बच्चे को ठोस आहार देने की शुरुआत कर देनी चाहिए। इस उम्र में ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर सॉलिड फूड देने की शुरुआत की जा सकती है। 

3. 8 महीने

इस उम्र के बच्चों को बारीक कटा हुआ मीट और सब्जियां खाने को देनी चाहिए और इन्हें आसानी से दिया भी जा सकता है। मैश किए हुए बीन्स, एग योक, पनीर और दही भी आपके 8 महीने के बच्चे के लिए अच्छे हैं। 

4. 10 महीने

अब तक आपका बच्चा अपने परिवार के बाकी लोगों जैसा खाना खाने के लायक हो चुका होगा। सावधान रहें और इस बात का ध्यान रखें, कि बच्चे को दिया जाने वाला खाना मुलायम और छोटे टुकड़ों में होना चाहिए, जिन्हें आसानी से खाया जा सके। 

5. 1 से 3 साल

एक औसत बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य और मजबूती के लिए, नियमित रूप से शरीर के वजन के प्रत्येक पाउंड पर 0.55 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए। 

प्रोटीन का महत्व

प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं। हमारे शरीर को बाल, त्वचा, हड्डियों एवं और भी कई चीजों के विकास और देखभाल के लिए 22 तरह के अमीनो एसिड की जरूरत होती है। हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से इन एसिड्स में से केवल 13 का उत्पादन कर सकता है। और इसलिए, बाकी के नौ एसिड को हमें हमारे भोजन से लेने की जरूरत होती है। प्रोटीन का इस्तेमाल हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए भी होता है, जो कि खून में ऑक्सीजन को कैरी करने के लिए जिम्मेदार होता है। 

1. बेबी के लिए

शिशुओं को विशेष रूप से प्रोटीन की जरूरत इसलिए होती है, क्योंकि शुरुआती छह महीनों में उनके शरीर का वजन दोगुना होना जरूरी है। अगर आप अपने बच्चे को पर्याप्त प्रोटीन नहीं देंगी, तो इससे विकास और बढ़ोतरी धीमी हो सकती है और हृदय और फेफड़ों में खराबी आ सकती है। उनमें बीमारियों का खतरा भी ज्यादा हो सकता है और बीमारी के कारण उनकी एनर्जी भी कम हो सकती है, जो कि उनके स्वस्थ और मजबूत विकास के लिए जरूरी है। 

2. टॉडलर के लिए

चलने में बहुत एनर्जी की जरूरत होती है और छोटे बच्चे इस दौरान चलना सीख रहे होते हैं। यानी उन्हें और अधिक प्रोटीन की जरूरत होती है। दिमाग के सेल्स को भी भाषा और बोलचाल के विकास के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। 

क्या शाकाहारी भोजन से प्रोटीन की कमी हो सकती है?

ज्यादातर संपूर्ण प्रोटीन (जिसमें वे सभी 9 अमीनो एसिड मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर में नहीं पाए जाते हैं) मीट में पाए जाते हैं। वहीं, अधूरे प्रोटीन (जिसमें पूरे नहीं बल्कि केवल कुछ अमीनो एसिड ही पाए जाते हैं) ज्यादातर पौधों में पाए जाते हैं। शायद ही कोई ऐसा पौधा होता होगा, जिसमें संपूर्ण प्रोटीन मिलता हो। 

अलग-अलग सब्जियों को मिलाकर आप सभी जरूरी अमीनो एसिड की कमी को पूरा कर सकती हैं। इससे एक शाकाहारी भोजन से प्रोटीन की कमी नहीं होगी। 

साथ ही इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है, कि सभी बच्चों को सभी सब्जियां पसंद नहीं होती हैं। प्रोटीन की कमी से बचने के लिए बीच-बीच में कमियों की जांच की जानी चाहिए। 

क्या प्रोटीन से फूड एलर्जी हो सकती है?

खाने में मौजूद प्रोटीन से फूड एलर्जी की संभावना हो सकती है। इसका एक उदाहरण है – दूध। दूध में कैसीन नामक एक प्रोटीन होता है, जिससे सिंथेटिक सिस्टम वाले कुछ खास बच्चों को एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। हर प्रोटीन की एक अलग बनावट होती है और यही कारण है, कि ज्यादातर बच्चे किसी खास खाने में मौजूद प्रोटीन के किसी खास प्रकार के प्रति ही एलर्जिक होते हैं। 

आपके बच्चे को अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत कब होगी?

आपके बच्चे के एक्स्ट्रा प्रोटीन की जरूरत के कुछ कारण यहाँ दिए गए हैं: 

  • अगर बच्चा किसी इन्फेक्शन या बीमारी से जूझ रहा है, तो उसका शरीर सामान्य से अधिक प्रोटीन का इस्तेमाल कर रहा होता है। ऐसी स्थिति में, बच्चे की एनर्जी बनाए रखने के लिए, उसे थोड़ा अतिरिक्त प्रोटीन देने की सलाह अक्सर दी जाती है।
  • आपकी छोटी आंत का मुख्य काम होता है, आपके खाए गए भोजन में से जरूरी पोषक तत्वों को सोखना और उसे ब्लडस्ट्रीम में भेजना। अगर एक बच्चा, मालअब्जॉर्प्शन से गुजर रहा है, तो उसका मतलब है, कि उसकी छोटी आंत में कोई समस्या है और वह सही तरह से पोषक तत्वों को सोखने में सक्षम नहीं है। ऐसी स्थिति में बच्चे के शरीर को प्रोटीन की जरूरत होती है।
  • प्रोटीन के सेवन से फेफड़ों और हृदय की समस्याओं को मैनेज करने में भी मदद मिलती है। इसलिए जो बच्चे इन दोनों में से किसी समस्या से ग्रस्त होते हैं, उनके भोजन में अतिरिक्त प्रोटीन शामिल करने की जरूरत होती है।
  • जिन बच्चों की किसी तरह की सर्जरी हुई है, उनके खाने में अधिक प्रोटीन होना चाहिए, ताकि वे अच्छी तरह से ठीक हो सकें।

अधिक प्रोटीन के सेवन के लिए अपने बच्चे को प्रोत्साहन कैसे दें?

अपने बच्चे को अलग-अलग तरह का खाना खाने के लिए दबाव डालने के बजाय, इन टिप्स के माध्यम से उनके प्रोटीन से भरपूर भोजन को मजेदार और एक्साइटिंग बनाने की कोशिश करें। 

1. मिल्क शेक

अच्छे मिल्क शेक किसे पसंद नहीं होते हैं? दूध प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और फलों के साथ इसे मिलाने पर इसका स्वाद और भी बेहतरीन हो जाता है। एवोकाडो मिल्क शेक बच्चे को देने के लिए एक अच्छा स्नैक है, क्योंकि एवोकाडो में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है। बच्चे को प्रोटीन देने के लिए बनाना शेक भी बेहतरीन है। 

2. मजेदार आकृतियां

बच्चे अपने आसपास की दुनिया के बारे में कितना कुछ सीख रहे होते हैं और वे अक्सर ही साधारण चीजों को देखकर भी बहुत खुश हो जाते हैं। उनके खाने को अलग-अलग आकृतियों में काटने की कोशिश करें, ताकि बच्चे को इसे खाने में और भी मजा आ जाए। इसके लिए आप एक कुकीकटर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। उनके खाने को मजेदार तरीके से अरेंज करके भी, उन्हें खाने को दे सकती हैं। इससे वे खाने को देखकर आकर्षित होंगे और उसे खाएंगे। 

3. डिप ट्रिप

बच्चों को फिंगर फूड बहुत पसंद आते हैं, क्योंकि इन्हें खाना बहुत आसान होता है, बस उठाओ और खा लो। और जो चीज फिंगर फूड को और भी ज्यादा एक्साइटिंग बनाती है, वो है एक स्वादिष्ट और मजेदार डिप। आप अपने बच्चे के लिए ऐसी चटनी या सालसा बनाने की कोशिश करें, जो तीखी न हो और बच्चा अपने फिंगरफूड को उसमें डिप करके खा सके। 

4. पास्ता

पास्ता कई अलग-अलग आकृतियों में मिलता है। यह जल्दी बन जाता है और इसे बनाना आसान भी होता है। पास्ता को सूप में डाला जा सकता है और बच्चों के लिए मजेदार बनाया जा सकता है। बच्चे की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए, हर बार अलग आकृति का पास्ता बनाने की कोशिश करें। 

बेबी और टॉडलर के लिए प्रोटीन के स्रोत

शिशुओं के लिए प्रोटीन से भरपूर ऐसे कई स्रोत हैं, जो कि उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। कुछ ऐसे प्रोटीन भी होते हैं, जो कि अगर बच्चे को उनके रेगुलर संतुलित भोजन से पर्याप्त मात्रा में न मिल रहे हों या अगर उन्हें उसकी जरूरत हो, तो यह पूरा कर देते हैं। आपके लिए प्रोटीन के कुछ स्रोत यहाँ दिए गए हैं: 

1. डेयरी

डेयरी उत्पादों में भारी मात्रा में प्रोटीन होता है। ज्यादातर बच्चों को दूध, चीज़ जैसे डेयरी प्रोडक्ट के सेवन से कोई दिक्कत नहीं होती है और आप देखेंगे कि, उनके पसंदीदा भोजन में अक्सर ये सामग्रियां पाई जाती हैं। 

2. अंडे

अंडों को बनाना आसान होता है और इन्हें कई तरह से बनाया जा सकता है। इनमें काफी प्रोटीन होता है। हर अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। जब तक बच्चा 1 साल का नहीं हो जाता, तब तक उसे एग व्हाइट्स देने से बचना चाहिए। 

3. बीन्स

यह बच्चों का एक और पसंदीदा खाद्य पदार्थ है, जो कि न केवल प्रोटीन से भरपूर होता है, बल्कि बच्चों को फाइबर भी देता है और इसे कई तरह से बनाया जा सकता है। बच्चे को कुछ बींस की प्यूरी बनाकर खिलाएं। लेकिन चूंकि डिब्बाबंद बीन्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए ताजे बींस का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। हमस कई लोगों की पसंदीदा डिश है। 

4. नट बटर

गले में अटकने से बचने के लिए, साबुत नट्स के बजाय, आप नट बटर का इस्तेमाल कर सकती हैं। एक पीनट बटर और जैम सैंडविच आपके बच्चे के लिए एक मजेदार स्नैक हो सकता है। अगर बच्चे को नट एलर्जी है, तो इसकी जगह पर सोया या सनफ्लावर का चुनाव किया जा सकता है।

5. मीट

यह प्रोटीन और आयरन का एक बेहतरीन स्रोत है। हालांकि, सभी बच्चों को मीट पसंद नहीं होता है और वे इसे खाना नहीं चाहते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा ही है, तो ऐसे में चिकन या टर्की ब्रेस्ट खिलाने की कोशिश करें। बच्चे मीटबॉल्स और कटलेट के रूप में मीट खाना पसंद करते हैं। 

6. बेबी सीरियल

बाजार में, हाई प्रोटीन बेबी सीरियल मिलता है, जो कि आप अपने बच्चे को प्रोटीन उपलब्ध कराने के लिए खिला सकती हैं। आपको केवल इसमें थोड़ा ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला मिलाना है, ताकि यह नरम हो जाए और बच्चे को खिलाना आसान हो जाए। 

7. किनोआ

इस ग्रेन का फ्लेवर थोड़ा नटी होता है और बच्चे इसे काफी पसंद करते हैं। यह उन कुछ ग्रेन्स में से एक है, जो कि प्रोटीन से भरपूर होते हैं। आप इसे अपने बच्चे को कई तरह से दे सकती हैं, जैसे पैन केक, मफिंस, स्मूदी, कैसरोल आदि।

8. प्रोटीन पाउडर

हालांकि, ऐसा पहले कभी नहीं किया गया है, लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं, कि बच्चों को सप्लीमेंट के तौर पर कभी कभार प्रोटीन पाउडर दिया जा सकता है। इसलिए, अगर आपको लगता है, कि बच्चे को अधिक प्रोटीन की जरूरत है, तो आप ऐसा कर सकती हैं। दूध, पसंदीदा फल और प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करके बच्चों के लिए प्रोटीन शेक बनाएं। आप चाहें, तो इसमें ड्राई फ्रूट भी डाल सकती हैं। बच्चों के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट भी उपलब्ध होते हैं, जिन्हें प्रोटीन की कमी से बचने के लिए बच्चों को दिया जा सकता है। 

हर बच्चा अलग होता है और प्रोटीन की उसकी जरूरतें भी उसके वजन और स्वास्थ्य के अनुसार अलग हो सकती हैं। ऐसे में, एक स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन अच्छा होता है, ताकि बच्चे को प्रोटीन की सही मात्रा आसानी से मिल सके। 

यह भी पढ़ें: 

शिशुओं और बच्चों के लिए डीएचए
शिशुओं के लिए आयोडीन – सभी जरूरी जानकारी
बच्चों के लिए विटामिन – आवश्यकता और सप्लीमेंट्स

पूजा ठाकुर

Recent Posts

रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध (Rabindranath Tagore Essay In Hindi)

भारत के इतिहास में कई प्रसिद्ध और महान कवि और लेखक रहे हैं, जिनमें रबीन्द्रनाथ…

13 hours ago

मदर्स डे पर 30 फनी व मजेदार लाइन्स जो ला दे आपकी माँ के चेहरे पर मुस्कान

माँ एक परिवार के दिल की धड़कन होती है। यह वो प्राकृतिक ताकत है जो…

16 hours ago

अक्षय तृतीया पर क्या करने से मिलेगा ज्यादा से ज्यादा लाभ

अक्षय तृतीया एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है, जो आमतौर पर वैशाख के महीने में शुक्ल…

19 hours ago

मातृ दिवस पर निबंध (Essay on Mother’s Day in Hindi)

माँ अपने में ही एक संपूर्ण शब्द है। इस संसार में माँ से ज्यादा बच्चे…

1 day ago

इस साल मदर्स डे सेलिब्रेट कैसे करें?

मदर्स डे पर हर बार वही ग्रीटिंग कार्ड और फूल गिफ्ट करना बहुत कॉमन हो…

1 day ago

30 सबसे अलग माँ के लिए गिफ्ट आइडियाज

माएं हमेशा अपने बच्चों की इच्छाओं और जरूरतों को समझ जाती हैं, और इसलिए यह…

1 day ago