गर्भावस्था

मेडिकल अबॉर्शन: प्रक्रिया, जोखिम और साइड इफेक्ट्स

माँ बनना दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है, जिसे हर महिला अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार जरूर महसूस करना चाहती है, लेकिन कई बार कपल्स को अनियोजित गर्भधारण के लिए तैयार न होने के कारण, स्वास्थ्य संबंधी या किसी पारिवारिक कारण की वजह से गर्भपात को चुनना पड़ता है। अबॉर्शन दो प्रकार के होते हैं: मेडिकल गर्भपात (गर्भपात की गोली के रूप में भी जाना जाता है) और सर्जिकल गर्भपात। कपल मेडिकल गर्भपात पर विचार कर सकते हैं क्योंकि यह शरीर में बिना किसी चीरफाड़ के किया जाने वाला एक प्रभावी उपचार है। मेडिकल अबॉर्शन के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें।

मेडिकल अबॉर्शन क्या होता है ?

मेडिकल अबॉर्शन, आमतौर पर गर्भनिरोधक गोलियों के उपयोग के माध्यम से गर्भपात करने की प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है। प्रेग्नेंसी को समाप्त करने यानी गर्भपात करवाने के लिए दो तरह की गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग किया जाता है। मेडिकल अबॉर्शन के लिए किसी प्रकार की सर्जरी या एनेस्थीसिया दवा की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, इस प्रक्रिया को करने के लिए कुछ राज्यों और देशों में कानूनी स्वीकृति लेना जरूरी होता है।

मेडिकल अबॉर्शन प्रोसीजर कितने प्रकार का होता है?

मेडिकल अबॉर्शन का प्रोसीजर आमतौर पर दो प्रकार का होता है। 

  • मेथोट्रेक्सेट और मिसोप्रोस्टोल (एमटीएक्स)
  • मिफेप्रिस्टोन (मिफेप्रेक्स) और मिसोप्रोस्टोल – जिसे आरयू-486 या अबॉर्शन पिल के रूप में भी जाना जाता है।

1. मेथोट्रेक्सेट और मिसोप्रोस्टोल (एमटीएक्स)

एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर का उपयोग प्रेग्नेंसी के पहले 49 दिनों में लिए किया जाता है। इसमें अबॉर्शन के लिए उपयोग की जाने वाली दवा को ‘मेथोट्रेक्सेट’ के नाम से जाना जाता है। डॉक्टर मिसोप्रोस्टोल नामक दवा को 3-7 दिनों के बाद सामान्य रूप से या योनि के द्वारा लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा इंफेक्शन को रोकने के लिए एंटीबायोटिक भी दी जाती हैं, और इस प्रक्रिया में कुछ घंटों या दिनों में संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन) के माध्यम से भ्रूण को बाहर निकाल दिया जाता है।

जोखिम और साइड इफेक्ट्स: 

एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर से जुड़े खतरे और साइड इफेक्ट्स :

  • एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर लेने वाली गर्भवती महिलाओं को मतली,अत्यधिक ब्लीडिंग, पेट में ऐंठन, बुखार, उल्टी, डायरिया की समस्या का सामना करना पड़ सकता है ।
  • एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर की विफलता दर 5% है, इस स्थिति में गर्भपात के लिए सर्जिकल अबॉर्शन की जरूरत पड़ती है।
  • जिन महिलाओं को लिवर, किडनी की बीमारी और आंतों के रोग के अलावा पेट के अंदरूनी हिस्से में सूजन जैसी पुरानी बीमारियों की शिकायत होती है, उनके लिए गर्भपात की इस प्रक्रिया की सलाह नुकसानदेह साबित होती है।
  • जो महिलाएं अंतर्गर्भाशयी उपकरण (इंट्रायूट्रिन डिवाइस) का उपयोग करती हैं, उन्हें भी एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर की  सलाह नहीं दी जाती है।

2. मिफेप्रिस्टोन (मिफेप्रेक्स) और मिसोप्रोस्टोल

आरयू – 486 या गर्भपात की प्रक्रिया में मिफेप्रिस्टोन नामक एक गोली गर्भवती महिला को देना शामिल है जिसके बाद एक मिसोप्रोस्टोल गोली दी जाती है ताकि भ्रूण को बाहर निकालने के लिए गर्भाशय में संकुचन शुरू किया जा सके। मेडिकल अबॉर्शन में अबॉर्शन पिल का उपयोग करके प्रोजेस्टेरोन को यूट्रस के स्तर पर अवरुद्ध कर दिया जाता है जो प्रेग्नेंसी को जारी रखने से रोकता है। डॉक्टर की सलाह पर सामान्य रूप से  मिफेप्रिस्टोन का उपयोग करने के 36 से 72 घंटों के बाद मिसोप्रोस्टोल की गोलियां दी जाती हैं जो कुछ घंटों या दिनों में भ्रूण को बाहर निकालने में मदद करती हैं।

जोखिम और साइड इफेक्ट्स:

मेडिकल अबॉर्शन प्रोसीजर के संभावित जोखिम और साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:

  • यदि आप ओवरी मास, हाई ब्लड प्रेशर, अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (इंट्रायूट्रिन डिवाइस) और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं तो आप इस प्रक्रिया के लिए मान्य नहीं होगीं।
  • मिफेप्रिस्टोन (मिफेप्रेक्स) और मिसोप्रोस्टोल नामक मेडिकल अबॉर्शन प्रोसीजर में  8-10% विफलता दर होती है।
  • इस मेडिकल अबॉर्शन प्रोसीजर का उपयोग करने वाली महिलाओं को इंफेक्शन, ऐंठन, मतली, उल्टी और डायरिया जैसे कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स महसूस होते हैं।

आपके डॉक्टर अल्ट्रासाउंड टेस्ट और पारिवारिक इतिहास को जानने के बाद ये फैसला लेंगे कि आप इस गर्भपात की प्रक्रिया के योग्य हैं या नहीं। इसके अलावा आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अबॉर्शन के बाद होने वाली भारी ब्लीडिंग को संभालने के लिए पर्याप्त सेनेटरी पैड लगेंगे और आपको भरपूर आराम मिलना चाहिए। 

अगर आपका एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का इतिहास रहा हो या आपको किसी प्रकार के डिसऑर्डर या बीमारी के कारण मेडिकल कॉम्प्लिकेशंस का खतरा हो तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें। इस बात को याद रखें अपनी सेहत की वजह से आप मेडिकल अबॉर्शन के लिए योग्य हो भी सकती हैं और नहीं भी।

यह भी पढ़ें:

अबॉर्शन के बाद साइड इफेक्ट्स
अबॉर्शन के बाद पीरियड – लक्षण, बदलाव और देखभाल
प्रेगनेंसी एबॉर्शन पिल्स – काम का तरीका, साइड इफेक्ट्स और जोखिम

समर नक़वी

Recent Posts

अमृता नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Amruta Name Meaning in Hindi

जब किसी घर में नए मेहमान के आने की खबर मिलती है, तो पूरा माहौल…

1 month ago

शंकर नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Shankar Name Meaning in Hindi

जब किसी घर में बच्चा जन्म लेता है, तो माता-पिता उसके लिए प्यार से एक…

1 month ago

अभिराम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhiram Name Meaning in Hindi

माता-पिता अपने बच्चों को हर चीज सबसे बेहतर देना चाहते हैं क्योंकि वे उनसे बहुत…

1 month ago

अभिनंदन नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhinandan Name Meaning in Hindi

कुछ नाम ऐसे होते हैं जो बहुत बार सुने जाते हैं, लेकिन फिर भी कभी…

1 month ago

ओम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Om Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता के लिए अपने बच्चे का नाम रखना एक बहुत खास और यादगार पल…

1 month ago

रंजना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Ranjana Name Meaning in Hindi

समय के साथ सब कुछ बदलता है, चाहे वो पहनावा हो, खाना-पीना हो या फिर…

1 month ago