माँ बनना दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है, जिसे हर महिला अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार जरूर महसूस करना चाहती है, लेकिन कई बार कपल्स को अनियोजित गर्भधारण के लिए तैयार न होने के कारण, स्वास्थ्य संबंधी या किसी पारिवारिक कारण की वजह से गर्भपात को चुनना पड़ता है। अबॉर्शन दो प्रकार के होते हैं: मेडिकल गर्भपात (गर्भपात की गोली के रूप में भी जाना जाता है) और सर्जिकल गर्भपात। कपल मेडिकल गर्भपात पर विचार कर सकते हैं क्योंकि यह शरीर में बिना किसी चीरफाड़ के किया जाने वाला एक प्रभावी उपचार है। मेडिकल अबॉर्शन के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें।
मेडिकल अबॉर्शन, आमतौर पर गर्भनिरोधक गोलियों के उपयोग के माध्यम से गर्भपात करने की प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है। प्रेग्नेंसी को समाप्त करने यानी गर्भपात करवाने के लिए दो तरह की गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग किया जाता है। मेडिकल अबॉर्शन के लिए किसी प्रकार की सर्जरी या एनेस्थीसिया दवा की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, इस प्रक्रिया को करने के लिए कुछ राज्यों और देशों में कानूनी स्वीकृति लेना जरूरी होता है।
मेडिकल अबॉर्शन का प्रोसीजर आमतौर पर दो प्रकार का होता है।
एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर का उपयोग प्रेग्नेंसी के पहले 49 दिनों में लिए किया जाता है। इसमें अबॉर्शन के लिए उपयोग की जाने वाली दवा को ‘मेथोट्रेक्सेट’ के नाम से जाना जाता है। डॉक्टर मिसोप्रोस्टोल नामक दवा को 3-7 दिनों के बाद सामान्य रूप से या योनि के द्वारा लेने की सलाह देते हैं। इसके अलावा इंफेक्शन को रोकने के लिए एंटीबायोटिक भी दी जाती हैं, और इस प्रक्रिया में कुछ घंटों या दिनों में संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन) के माध्यम से भ्रूण को बाहर निकाल दिया जाता है।
जोखिम और साइड इफेक्ट्स:
एमटीएक्स अबॉर्शन प्रोसीजर से जुड़े खतरे और साइड इफेक्ट्स :
आरयू – 486 या गर्भपात की प्रक्रिया में मिफेप्रिस्टोन नामक एक गोली गर्भवती महिला को देना शामिल है जिसके बाद एक मिसोप्रोस्टोल गोली दी जाती है ताकि भ्रूण को बाहर निकालने के लिए गर्भाशय में संकुचन शुरू किया जा सके। मेडिकल अबॉर्शन में अबॉर्शन पिल का उपयोग करके प्रोजेस्टेरोन को यूट्रस के स्तर पर अवरुद्ध कर दिया जाता है जो प्रेग्नेंसी को जारी रखने से रोकता है। डॉक्टर की सलाह पर सामान्य रूप से मिफेप्रिस्टोन का उपयोग करने के 36 से 72 घंटों के बाद मिसोप्रोस्टोल की गोलियां दी जाती हैं जो कुछ घंटों या दिनों में भ्रूण को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
जोखिम और साइड इफेक्ट्स:
मेडिकल अबॉर्शन प्रोसीजर के संभावित जोखिम और साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:
आपके डॉक्टर अल्ट्रासाउंड टेस्ट और पारिवारिक इतिहास को जानने के बाद ये फैसला लेंगे कि आप इस गर्भपात की प्रक्रिया के योग्य हैं या नहीं। इसके अलावा आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अबॉर्शन के बाद होने वाली भारी ब्लीडिंग को संभालने के लिए पर्याप्त सेनेटरी पैड लगेंगे और आपको भरपूर आराम मिलना चाहिए।
अगर आपका एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का इतिहास रहा हो या आपको किसी प्रकार के डिसऑर्डर या बीमारी के कारण मेडिकल कॉम्प्लिकेशंस का खतरा हो तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें। इस बात को याद रखें अपनी सेहत की वजह से आप मेडिकल अबॉर्शन के लिए योग्य हो भी सकती हैं और नहीं भी।
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