गर्भावस्था

मिसकैरेज के 10 सबसे आम कारण

हर होने वाली माँ अपने लिए एक स्वस्थ गर्भावस्था की कामना करती है। हालांकि, कुछ कारणों की वजह से मिसकैरेज की स्थिति भी हो सकती है। प्रेगनेंसी में कोई समस्या या मिसकैरेज भी कई कारणों से होता है, जिनमें से ज्यादातर गर्भवती महिला के कंट्रोल से बाहर होते हैं। तो गर्भपात क्यों होता है? इस प्रश्न का कोई एक भी उत्तर नहीं है और गर्भ में बच्चे के जीवित न बच पाने के कई कारण हो सकते हैं। कई गर्भवती महिलाएं कुछ फलों से परहेज करती हैं, इसे उन खाद्य पदार्थों में से एक मानती हैं जो गर्भपात का कारण बन सकते हैं, जबकि कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान सामान्य दिन-प्रतिदिन की एक्टिविटी को जोखिम कारक के रूप में मानती हैं। तो वास्तविकता आखिर क्या है? यह आर्टिकल मिसकैरेज के कई वैज्ञानिक कारणों और इससे बचने के विभिन्न उपायों के बारे में आपको जानकारी देता है।   

मिसकैरेज के 10 सबसे आम कारण

गर्भ के अंदर एक बच्चे का विकास काफी जटिल होता है जिसमें कई मुश्किल स्टेप्स शामिल होते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी चरण में कई बातें होती हैं जो गर्भपात का कारण बन सकती हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ कुछ आदतों को ठीक किया जा सकता है, जबकि अन्य के लिए डॉक्टर की सलाह और मदद की आवश्यकता होती है। यहाँ गर्भावस्था के शुरुआती समय में होने वाले गर्भपात के दस सामान्य कारण दिए गए हैं:

1. जीन या क्रोमोसोम में असामान्यता

‘जीन’ के रूप में जाना जाने वाला जेनेटिक मटेरियल क्रोमोसोम के अंदर पैक होता है। यह बच्चे की वृद्धि और विकास से जुड़ा होता है। कुछ मामलों में, जेनेटिक मटेरियल या गुणसूत्र में कुछ असामान्यताएं मिसकैरेज का कारण बन सकती हैं, खासकर पहली तिमाही के दौरान। यह उस भ्रूण के गर्भपात का प्रकृति का एक तरीका है जिसमें जन्म के बाद जीने और बढ़ने की आवश्यक क्षमताएं नहीं होती हैं। कई अलग-अलग असामान्यताएं डाउन सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम, सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे सिंड्रोम को जन्म देती हैं, जो आमतौर पर गर्भावस्था की जल्दी समाप्ति का परिणाम बनते हैं।

2. हार्मोन की समस्या

जब महिलाएं पर्याप्त प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन नहीं करती हैं, तो अंडे का फर्टिलाइजेशन प्रभावित होता है। जायगोट को धारण करने और बढ़ने के लिए यूट्रस में ठीक से इम्प्लांटेशन होना महत्वपूर्ण है। डायबिटीज और हाइपोथायरायडिज्म जैसी स्थितियां भी गर्भावस्था के लिए आवश्यक हार्मोन के लेवल को प्रभावित करती हैं।

3. मोटापा

मोटापा या बढ़ा हुआ वजन सीधे प्रेगनेंसी पर असर करता है। स्टडीज के अनुसार, मोटापे से पीड़ित महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन से जुड़ी समस्याएं अधिक होती है।

4. यूट्रस संबंधी असामान्यताएं

जेनेटिक असामान्यताएं जैसे सेप्टम का बनना और अन्य नॉन-जेनेटिक असामान्यताएं जैसे फाइब्रॉएड और सर्विक्स का सक्षम न होना आमतौर पर महिलाओं में गर्भपात का सामान्य कारण है। इस तरह की असामान्यताएं गर्भधारण की प्रक्रिया में भी बाधा डालती हैं। भविष्य में होने वाले गर्भपात से बचने के लिए इन्हें दवाइयों या सर्जरी के द्वारा सही किया जा सकता है।

5. गलत आदतों के कारण मिसकैरेज

जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, शराब पीती हैं या ड्रग्स का सेवन करती हैं, उनमें इन पदार्थों में मौजूद टॉक्सिन पदार्थों के प्रभाव के कारण गर्भावस्था के नुकसान का खतरा अधिक होता है। बिस्फेनॉल ए (बीपीए) जैसे केमिकल का आकस्मिक संपर्क भी फीटस के लिए हानिकारक है।

6. यूट्रस में इंफेक्शन

यूट्रस में इंफेक्शन जैसे माइकोप्लाज्मा, रूबेला, खसरा, लिस्टेरिया, कण्ठमाला, सूजाक, पैरोवायरस, क्लैमाइडिया, आदि कभी-कभी यूट्रस की अंदरूनी दीवार को प्रभावित कर सकते हैं। जो महिलाएं कई स्त्री रोग संबंधी प्रक्रियाओं से गुजर चुकी हैं, उनमें इस तरह के वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, यूट्रस या सर्विक्स के इंफेक्शन को मिसकैरेज का दुर्लभ कारण माना जाता है। 

7. जन्मजात विसंगतियां

फोलेट, विटामिन बी 12, पैंतीस साल की उम्र के बाद गर्भावस्था, मोटापा और अन्य पोषक तत्वों की कमी से भ्रूण में जन्मजात विकृतियों की संभावना बढ़ जाती है। विभिन्न सिंड्रोम के हिस्से के रूप में होने वाली ऐसी विकृतियों का असर आपकी प्रेगनेंसी में नजर आता है।

8. इम्यून डिसऑर्डर

कुछ ऑटोइम्यून डिसऑर्डर बार-बार गर्भपात का कारण बनते हैं। जिन महिलाओं को ऑटोइम्यून बीमारी, विशेष रूप से ल्यूपस जैसी बीमारियां, उनके शरीर के टिश्यू के खिलाफ काफी मात्रा में एंटीबॉडी बनाती हैं। ये एंटीबॉडी गंभीर प्री-एक्लेमप्सिया या प्लेसेंटा में समस्या के कारण गर्भ गिरने की संभावना बढ़ जाती है। अगर जल्द ही इस बीमारी का पता लगा लिया जाए तो हेपरिन और एस्पिरिन जैसी दवाओं के साथ ट्रीटमेंट से एक हेल्दी प्रेगनेंसी आप पा सकती हैं।

9. खून के थक्के जमना

कुछ महिलाएं एक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर से पीड़ित होती हैं जिसके कारण ब्लड क्लॉटिंग बढ़ जाती है। मेडिकल रूप से इसे थ्रोम्बोफिलिया के रूप में जाना जाता है, और जिन महिलाओं को यह समस्या होती है, उनमें मिसकैरेज होने की संभावना अधिक होती है। ब्लड क्लॉटिंग के चलते के भ्रूण के विकास में दिक्कत आती है। इसके अलावा, यह भ्रूण को यूट्रस में बने नहीं रहने देता है।

10. डायबिटीज

डायबिटीज एक मुख्य रिस्क है प्रेगनेंसी के दौरान और अगर इसका इलाज टाइम से नहीं किया गया तो माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। डायबिटीज से गर्भ में गड़बड़ियों की संभावना बढ़ जाती है जिसके कारण मिसकैरेज हो सकता है।

जेनेटिक फैक्टर, बेहतर लाइफस्टाइल और अच्छा वातावरण एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए प्रमुख कारक माने जाते हैं। कुछ मामलों में, अंदरूनी स्वास्थ्य समस्याओं से भी मिसकैरेज हो सकता है। जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है, गर्भपात की संभावना काफी कम हो जाती है और सभी जोखिम वाले कारणों को जानने के बाद ध्यान रखना और भी आसान हो जाता है। यदि आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं या अपनी गर्भावस्था के शुरुआती चरण में हैं और आपको अपनी सेहत को लेकर प्रश्न हैं, तो अपनी टेंशन को दूर करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ शरीर गर्भवती होने की ओर पहला कदम है।

यह भी पढ़ें:

मिसकैरेज से कैसे बचें?
शुरुआती मिसकैरेज: कारण और लक्षण
मिसकैरेज (गर्भस्राव) – कारण, लक्षण और रोकथाम

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

22 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

22 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

22 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago