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शरीफा जिसका एक और भारतीय नाम ‘सीताफल’ है और इस फल का यह नाम संस्कृत के शब्द ‘शीत’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘ठंडा’। यह एक ऐसा फल है जो शरीर में ठंडक प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यदि आप सोच रही हैं कि आप गर्भावस्था के दौरान सीताफल खा सकती हैं या नहीं तो इसके इस लेख को पूरा पढ़ें।
प्रति 100 ग्राम सीताफल में कितना न्यूट्रिशन होता है, वह इस प्रकार है;
एनर्जी | 94 किलो कैलोरी |
कार्बोहाइड्रेट | 23.64 ग्राम |
फैट | 0.29 ग्राम |
प्रोटीन | 2.06 ग्राम |
विटामिन ‘B1’ | 0.11 मिग्रा |
विटामिन ‘B6’ | 0.2 मिग्रा |
फोलेट | 14 माइक्रोग्राम |
कैल्शियम | 24 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 21 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 247 मिग्रा |
गर्भावस्था के दौरान सीताफल खाने से आपको निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं, आइए देखते हैं;
सीताफल में मौजूद विटामिन ‘B6’, गर्भावस्था के दौरान मतली और मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में मदद करता है।
इस फल में कैलोरी और नेचुरल शुगर की मात्रा अधिक होती है जो शरीर में खून की कमी को दूर करती है और वजन बढ़ाने में भी मदद करती है। यह एनीमिया जैसी समस्याओं को रोकने में सक्षम भी है।
गर्भावस्था के दौरान अक्सर ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होता है। सीताफल में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
सीताफल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो कब्ज का उपचार करने और मल को नर्म करने में मदद करती है जिससे मल त्याग ठीक से होता है। यह फल दस्त की समस्या को भी ठीक करता है।
सीताफल में मैग्नीशियम होता है जो मांसपेशियों को आराम देता है और हृदय प्रणाली को नियंत्रित करता है। इससे तनाव कम होता है और हृदय ठीक रहता है।
इसमें मौजूद पूरा न्यूट्रिशन बच्चे की त्वचा, ब्लड सेल और टेंडन (हड्डियों और मांसपेशियों के जोड़) के विकास में मदद करता है।
सीताफल में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन) को साफ करते हैं। इससे किडनी को ठीक रखने में मदद मिलती है। यह ऑक्सीडेंट इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए कॉपर भी एक आवश्यक तत्व है। इसे गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कॉपर का भी एक बेहतरीन स्रोत है। सीताफल खाने से एक गर्भवती महिला को वह सभी आवश्यक मिनरल मिलते हैं जो उसे और उसके बच्चे को सुरक्षित रखते हैं।
सीताफल में फाइबर की मौजूदगी दाँतों में चमक बनाए रखती है, मसूड़ों को ठीक रखती है और साथ ही मुंह की दुर्गंध को भी कम करने में मदद करती है।
सीताफल खाने से गंभीर लेबर पेन को भी ठीक होने या कम होने में मदद मिलती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए कॉपर मिनरल की आवश्यक होती है। इसकी 100 मिग्रा की मात्रा गर्भ में पल रहे बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। सीताफल खाने से शरीर में कॉपर की आवश्यकता पूरी होती है। यह गर्भपात की संभावना और समय से पहले प्रसव को कम करने में मदद करती है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सीताफल खाने से निम्नलिखित समस्याएं भी हो सकती हैं, आइए जानें;
गर्भावस्था के दौरान यदि आप सीताफल खाती हैं तो निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें;
सीताफल को निम्नलिखित व्यंजनों के रूप में बनाकर इसके स्वाद का आनंद लें, वे व्यंजन कौन से आइए जानते हैं;
सामग्री:
टेंपरिंग के लिए:
विधि:
सामग्री:
विधि:
सीताफल एक ऐसा स्वास्थ्यवर्धक फल है जिसे आप अपनी गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं। अगर आप फल के साथ-साथ इसके बीज नहीं खाती हैं तो आप इसके दुष्प्रभावों की चिंता किए बिना इसके फायदों का आनंद ले सकती हैं।
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