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जब बच्चे बड़े होते हैं, तब उन्हें कुछ नया सिखाना एक बहुत ही कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है। उनके छोटे-छोटे हाथ, जो कुछ भी देखते हैं, उसे लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हालांकि यह बच्चों की बढ़त और उनके विकास का एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन दिखने वाली हर चीज के संपर्क में आना बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होता है। कीचड़, दरवाजे के हैंडल, बाहर से आने वाला खाना और यहां तक कि खिलौने भी अनहाइजीनिक हो सकते हैं और ट्रांसमिटेबल बीमारियों के रूप में समस्याएं खड़ी कर सकते हैं। इसलिए बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए कम उम्र से ही अच्छी आदतें डालना जरूरी है।
इस लेख में हम बच्चों के लिए पर्सनल हाइजीन पर विस्तार से चर्चा करेंगे और बच्चों को इसका महत्व सिखाने में आपकी मदद के लिए कुछ टिप्स भी देंगे। तो आइए सबसे बेसिक सवाल से शुरू करते हैं – यह जरूरी क्यों है? अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए बच्चों के द्वारा और बच्चों के लिए साफ सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है और इससे बीमारियों और कीटाणुओं को दूर रखने में मदद भी मिलती है। जब कभी भी वे धूल मिट्टी वाली जगह को छूते हैं, तब खतरनाक माइक्रो ऑर्गेनिज्म उनके हाथों में ट्रांसफर हो सकते हैं, जिसके बाद वे उनके खाने और अंत में उनके पेट में भी जा सकते हैं और बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
बच्चों के लिए अच्छा स्वास्थ्य और साफ सफाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ आदतों को एक फाउंडेशन के रूप में प्रैक्टिस करना जरूरी है। बच्चों को यह समझाने का सबसे अच्छा तरीका है, कि कम उम्र से ही ऐसी आदतें उन्हें सिखाई जाएं। यहां पर ऐसी कुछ आम प्रैक्टिस दिए गए हैं, जिनके द्वारा बच्चों को पर्सनल हाइजीन से संबंधित बेहतरीन आदतें सिखाने में मदद मिल सकती है:
खाने-पीने की अस्वास्थ्यकर आदतों से फूड पॉइजनिंग हो सकती है और इससे डायरिया, उल्टियां या पेट में दर्द जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं। एक पैरेंट होने के नाते आपको बच्चे के लिए खाना तैयार करते हुए, उसे परोसते हुए या खिलाते हुए साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
अपने बच्चे को फूड हाइजीन के बारे में सिखाते हुए बेसिक से शुरू करें और उसे बीमारियां पैदा करने वाले कीटाणुओं और बैक्टीरिया के बारे में बताएं। बच्चे को यह समझने दें, कि ये कीटाणु किस प्रकार शरीर को संक्रमित कर सकते हैं और उनके हाथों से उनके भोजन तक किस प्रकार फैल सकते हैं। साथ ही बीमारियों को दूर रखने वाली आदतों को प्रैक्टिस करने पर दबाव डालें। यहां पर कुछ बातें दी गई हैं, जिन्हें आप फॉलो कर सकते हैं और अपने बच्चे को सिखा सकते हैं:
बार बार हाथ धोने से डायरिया जैसी बीमारियों के संक्रमण को कम किया जा सकता है। हाथों की सफाई प्रैक्टिस करने का सबसे सिंपल तरीका यह है, कि अपने बच्चे को यह सिखाएं कि हाथों को अच्छी तरह कैसे धोते हैं। अपने बच्चे को स्टेप बाय स्टेप हाथ धोने की प्रक्रिया करके दिखाएं और यह सुनिश्चित करें, कि उसे हर स्टेप अच्छी तरह से समझ आए।
बच्चों के लिए हाइजीन में उनके हाथों को हर समय साफ रखना शामिल है। नीचे कुछ एक्टिविटीज दी गई हैं जिनके बाद हर बार बच्चे को हाथ धोने के आदत होनी चाहिए:
बच्चों और बड़ों दोनों के लिए ही नींद बेहद जरूरी है, क्योंकि शरीर इस समय को अपनी कोशिकाओं को रीजेनरेट करने के लिए और मेमोरीज को रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल करता है। स्लीप हाइजीन में हर वह आदत शामिल है, जिससे आपके बच्चे को रात की अच्छी नींद मिल सकती है। इससे बच्चे के लिए ‘दिन के दौरान जागने और रात के दौरान आराम करने’ का पैटर्न तैयार करने में मदद मिलती है, ताकि वो रात के समय पर्याप्त नींद ले सके और दिन के समय एक्टिव रह सके। आप बच्चे को नींद का महत्व भी सिखा सकते हैं, ताकि बच्चे को इसके फायदे सीखने में अधिक दिलचस्पी आए। यहां पर कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनसे आप बच्चे में सोने की अच्छी आदतें शामिल कर सकते हैं:
यहां पर आपके और आपके बच्चे के लिए कुछ ऐसे तरीके दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप उसकी आवाज को रेगुलेट कर सकते हैं। अधिकतर बच्चों में बहुत चीखने चिल्लाने की एक आदत बन जाती है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए और इस पर ध्यान ना दिया जाए, तो आपके बच्चे के वोकल कॉर्ड में अधिक जोर पड़ सकता है और इसे नुकसान हो सकता है। यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को इसका महत्व समझा सकते हैं और वोकल हाईजीन के साथ डील कर सकते हैं:
बच्चे के मुंह और दांतों का ख्याल रखना भी जरूरी है। उचित देखभाल के बिना आपके बच्चे के दांतों में कैविटी, बदबूदार सांसें और अन्य बीमारियां विकसित हो सकती हैं। हालांकि बच्चों के दूध के दांत गिर जाते हैं, लेकिन इनसे बच्चों को खाना चबाने में मदद मिलती है और साथ ही स्पीच डेवलपमेंट में भी मदद मिलती है। यहां पर कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनके द्वारा आप अपने बच्चे के दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं:
अगर आप यह सोच रहे हैं, कि आप अपने बच्चे को ब्रश करना किस तरह से सिखा सकते हैं, तो यहां पर ऐसी कुछ जानकारी दी गई है, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को दांत साफ करने का सही तरीका सिखा सकते हैं। शुरू में उनके दांतों को खुद साफ करें और धीरे-धीरे उन्हें ऐसा करने का सही तरीका सिखाएं।
बच्चे के दांतों से कैविटी को दूर रखने के लिए आप चाहें, तो डेंटल फ्लॉस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
बच्चों को अपने कपड़े और जूते आदि की सफाई का ध्यान रखना सीखना जरूरी है। गंदे, मैले या बिना प्रेस किए कपड़े और मिट्टी लगे हुए जूते पहनने से व्यक्तित्व खराब दिखता है।
बच्चे में बालों की साफ सफाई का ध्यान न रखने से उनमें रूसी, जुएं और सिर की त्वचा पर इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बच्चा अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए या अपने आसपास के दूसरे बच्चों के साथ खेलते हुए इनके संपर्क में आ सकता है। इससे बचने के लिए बच्चे को उसके बालों और सिर की त्वचा का ध्यान रखना सिखाएं।
बच्चों के नाखूनों में बहुत सारी धूल मिट्टी और माइक्रोब्स इकट्ठा हो सकते हैं, क्योंकि वे अक्सर बाहर और रेत, धूल-मिट्टी या गंदी जगहों पर खेलते हैं। बच्चे और बड़े दोनों ही अपने हाथ पैरों का इस्तेमाल बहुत अधिक करते हैं, जिसके कारण उनके नाखूनों में चोट लगने या संक्रमण होने की संभावना बहुत अधिक होती है। बच्चे में नाखूनों की साफ सफाई की आदत को शामिल करने के लिए आप नीचे दिए गए टिप्स को आजमा सकते हैं:
बच्चे को हर वक्त साफ और स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है, उन्हें नियमित रूप से नहलाना। नहाने में साफ-सफाई की कुछ अच्छी आदतें इस प्रकार हैं:
जब बच्चे के पैरों पर मौजूद पसीने के साथ बैक्टीरिया काम करता है, तब उनमें से बदबू आ सकती है। अगर आपका बच्चा पूरे दिन जूते पहनता है, खासकर बिना मोजे के, तब ऐसा हो सकता है। इससे बहुत सारी धूल मिट्टी और बैक्टीरिया आपके बच्चे के पैरों पर इकट्ठा हो सकते हैं। बच्चों के लिए कुछ पर्सनल हाइजीन आदतों को अपनाकर बदबूदार पैरों से बचने में मदद मिल सकती है:
घर का टॉयलेट या बाथरूम एक ऐसी जगह होती है, जहां पर सबसे ज्यादा जर्म्स होते हैं। अगर आप अपने बाथरूम को साफ रखते हैं और बच्चे को सही टॉयलेट हाइजीन सिखाते हैं, तो आप गंदे बाथरूम के इस्तेमाल से फैलने वाली लगभग सभी बीमारियों से बच सकते हैं।
आप अपने बच्चे की रक्षा हमेशा नहीं कर सकते हैं और कभी-कभी होने वाली कुछ बीमारियां असल में बच्चे की इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। इसलिए बीमारियों से यह एक फायदा भी होता है। कभी-कभी आपके बच्चे को आम सर्दी-खांसी जैसे संक्रमण हो सकते हैं। यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप उन्हें जल्दी ठीक होने में और बीमारी को दूसरों तक फैलने से रोकने में मदद कर सकते हैं।
ऊपर बताए गए स्वच्छता के सभी प्रकारों के अलावा, आपके बच्चे को घर पर भी थोड़े हाइजीन का ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि इससे आपके बच्चे में शिष्टाचार का निर्माण भी होता है।
यहां पर कुछ और टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आपके बच्चे को पर्सनल हाइजीन को समझने में मदद मिलती है और वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना पाता है।
ऊपर बताई गई सभी आदतों को आप बच्चे को रातों-रात नहीं सिखा सकते हैं, बच्चे को पर्सनल हाइजीन सिखाने में धैर्य की जरूरत पड़ती है। थोड़ी बहुत गलतियां इधर-उधर हो सकती हैं, लेकिन बच्चे को डांटने से बचें क्योंकि वे सीख रहे हैं। यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें आप बच्चे को पर्सनल हाइजीन के बारे में सिखाते समय फॉलो कर सकते हैं:
अच्छी और बुरी आदतों के बारे में समझाने से शुरू करें। आप किसी ऐसी चीज से शुरु कर सकते हैं, जिसके बारे में आप का बच्चा पहले से ही जानता है।
अपने बच्चे को बताएं, कि उसे अच्छी साफ सफाई की अच्छी आदतों को मेंटेन करना जरूरी क्यों है और कोई भी चीज अच्छी या बुरी होने के पीछे क्या कारण है।
जब बच्चा कुछ अच्छा करता है, तो उसकी तारीफ करें। फिर चाहे वह हाथ धोना हो या रुमाल में छींकना हो।
बच्चे के हाथ धोने से शुरू करें और फिर ब्रश करने, नहाने और खाने-पीने की आदतों की ओर रुख करें।
हम जितना सोचते हैं, वे उससे कहीं अधिक होशियार होते हैं। वे चीजों को देखते हैं और जब आप उन्हें बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हों, तो वे समझ जाते हैं। हमेशा दूसरों को ज्ञान देने से पहले अच्छी आदतों को खुद अपनाएं। अधिकतर समय बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं। आपको उन्हें अलग से अच्छी आदतें सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
बच्चे को बीमारियां पैदा करने वाले विभिन्न कीटाणुओं और माइक्रोब्स के बारे में सिखाएं। साथ ही कीटाणुओं से प्रभावित होने के बाद क्या होता है, यह भी उसे बताएं।
इस प्रकार बच्चों को सिखाने से अधिक समय तक याद रहते हैं। जब आप उसे हाइजीन के बारे में कुछ सिखाते हैं, तो कुछ खेल और फन एक्टिविटी भी शामिल करने की कोशिश करें।
ऐसी कुछ बातें होती हैं, जिन्हें बच्चे को हाइजीन के बारे में सिखाते समय बचना चाहिए। यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आपको बच्चे में अच्छी आदतें डालने में मदद मिलेगी और साथ ही आपका रिश्ता भी मजबूत होगा:
बच्चे को कभी भी डांटे नहीं, क्योंकि इससे केवल स्थिति खराब ही होगी। कुछ बच्चों को कुछ नया सीखने में अधिक समय लगता है। बच्चों को शिक्षा देते समय धैर्य बनाए रखें।
अपने बच्चे की तुलना किसी और से करने से बच्चों में हीन भावना का एहसास हो सकता है। उन्हें जीवन जीने के नए तरीके के साथ एडजस्ट करने के लिए सीखने के दौरान थोड़ा समय दें और उनकी तुलना किसी और के साथ करने से बचें।
बच्चों को सजा देना एक ऐसी चीज है, जिससे पेरेंट्स को बचना चाहिए। जो पेरेंट्स समय लेते हैं, बच्चों को कुछ सिखाने और करने में मदद करते हैं, तब बच्चों को बहुत पसंद आता है। अगर आपका बच्चा आपकी बात नहीं मानता है या नहीं समझ पाता है, तो उसे सजा ना दें। इसके बजाय आप किसी बात को बच्चे को समझाने के लिए दूसरे तरीके दूसरे विकल्प आजमा सकते हैं।
हालांकि बच्चे में साफ सफाई की आदतें जितनी जल्दी शामिल हो जाएं उतना अच्छा होता है। लेकिन अगर बच्चे पहली बार में इसे ना सीख पाए, तो धैर्य बनाए रखें और इसके महत्व को समझाते रहें। हाइजीन के बारे में बच्चे को सिखाने से वे आप की गैरमौजूदगी में भी अपना ध्यान रख पाने में सक्षम होते हैं।
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