गर्भधारण

महिलाओं में होने वाले 11 प्रकार के आम फर्टिलिटी टेस्ट

आमतौर पर उस दंपति को इन्फर्टाइल माना जाता है, जो लगभग एक साल से गर्भवती होने की कोशिश कर रही हो और बार-बार असफल हो जाए। आज लगभग 16% दंपति इस समस्या का सामना कर रहे हैं। महिलाओं में इन्फर्टिलिटी की ये दर 10 में से 5 केस की होती है। महिलाओं में इन्फर्टिलिटी के प्रमुख कारण, बढ़ती हुई आयु, आज की लाइफस्टाइल, ओवरीज और फै-लोपिन ट्यूब्स को नुकसान पहुंचना, हार्मोनल उतार- चढ़ाव और सर्विक्स का सही तरह से काम न करना होता है। ऐसे में फीमेल इन्फर्टिलिटी के कारण को जानने के लिए महिला को फीमेल फर्टिलिटी टेस्ट करवाना चाहिए। इस आर्टिकल में आप 11 प्रकार के सामान्य फीमेल फर्टिलिटी टेस्ट के साथ प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और अन्य उपचार संबंधी जानकारी को जान सकेंगी।

एक महिला को फर्टिलिटी टेस्ट कब करवानी चाहिए?

अगर 35 वर्ष से कम आयु की एक स्वस्थ महिला एक वर्ष के प्रयास के बाद भी सामान्य संभोग के माध्यम से गर्भधारण करने में असमर्थ रहती है, तो ऐसे में उसे डॉक्टर से सलाह जरुर लेनी चाहिए और फर्टिलिटी टेस्ट करवानी चाहिए। 35 वर्ष से अधिक उम्र की स्वस्थ महिला, अगर वह 6 महीने से स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हो और उसे गर्भधारण करने में समस्या हो तो उसे फर्टिलिटी टेस्ट करवानी चाहिए।

फीमेल फर्टिलिटी टेस्ट की प्रक्रिया क्या होती है?

फीमेल फर्टिलिटी टेस्ट की शुरुआत फर्टिलिटी एक्सपर्ट के साथ महिला की मेडिकल हिस्ट्री को जानने से होती है। जिसमें वो आपसे आपके पीरियड्स की रेगुलरिटी, बर्थ कंट्रोल के मेथड्स और आपकी पिछली यौन आदतों के बारे में जानकारी लेती हैं। इसके साथ ही आपकी लाइफस्टाइल, आदतें, धूम्रपान, शराब, नशीली दवाओं या अन्य दवाओं का उपयोग करने के बारे में भी एक्सपर्ट के साथ जानकारी शेयर करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, फिजिकल टेस्ट, पेल्विक टेस्ट के बाद, एक्सपर्ट्स ओव्यूलेशन टेस्ट के जरिए यह सुनिश्चित करती हैं कि ओवरीज और यूट्रस सामान्य रूप से काम कर रहे हैं या नहीं। इन टेस्ट्स के बाद एक्सपर्ट हार्मोन ब्लड टेस्ट और लैप्रोस्कोपी आदि की सिफारिश भी कर सकती हैं।

महिलाओं के लिए कॉमन फर्टिलिटी टेस्ट

एक महिला को यह निर्धारित करने के लिए कई फीमेल फर्टिलिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है कि वह गर्भधारण करने में असमर्थ क्यों है।

1. ओव्यूलेशन

इस प्रक्रिया में आपकी डॉक्टर विभिन्न तरीकों से यह टेस्ट करेगी कि क्या आप सामान्य रूप से ओव्यूलेट कर रही हैं। डॉक्टर लगातार आपको बेसल बॉडी टेंपरेचर चार्ट बनाने के लिए कहेंगी जिससे आप अपने ओव्यूलेशन के समय की निगरानी कर सकें। इसके साथ ही डॉक्टर ओव्यूलेशन प्रीडिक्शन स्टिक्स का उपयोग करके ओव्यूलेशन का भी टेस्ट करती हैं। जो फार्मेसी पर आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। आखिर में, डॉक्टर ओव्यूलेशन को कन्फर्म करने के लिए अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट करती हैं।

2. ओवेरियन फंक्शन टेस्ट

यह टेस्ट महिलाओं में ओवेरियन रिजर्व और अंडाणु उत्पादन के साथ ओवरीज और ओव्यूलेशन के सामान्य रुप से कार्य करने का संकेत देता है। इस टेस्ट के उदाहरण के तीसरे दिन फॉलीकल स्टीम्युलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) टेस्ट और थर्ड डे एस्ट्रोजन लेवल टेस्ट के साथ अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट भी किए जाते हैं। 

3. अल्ट्रासाउंड

आमतौर पर अल्ट्रासाउंड में गर्भाशय और ओवरीज के सामान्य रूप से कार्य करने और गर्भाशय की परत की मोटाई को जानने के लिए किया जाता है। इसके अलावाअल्ट्रासाउंड से ये भी जाना जाता है कि क्या ओवरियन फॉलीकल सामान्य रूप से विकसित हो रहे हैं। ये ओवरियन फॉलीकल, हार्मोन स्रावित करते हैं जो ओव्यूलेशन के दौरान एक अंडाणु को छोड़ने के लिए ट्रिगर करते हैं।

4. ल्यूटियल फेज टेस्ट

इस टेस्ट में शरीर में प्रोजेस्टेरोन के स्तर के साथ ही गहराई से हार्मोन टेस्ट को भी जांचा जाता है। ओव्यूलेशन सर्किल में ल्यूटियल फेज अंडाणु के रिलीज होने के बाद होता है। शरीर में स्रावित हार्मोन गर्भावस्था की तैयारी के लिए यूट्रस लाइनिंग को मोटा बनाने में मदद करता है।

5. हार्मोन ब्लड टेस्ट

फीमेल फर्टिलिटी टेस्ट में, महिला की रिप्रोडक्टिव साइकल, फर्टिलिटी स्ट्रेंथ और ब्लड टेस्ट से शरीर में मौजूद हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, फॉलीकल स्टीम्युलेटिंग हार्मोन, प्रोलैक्टिन, इनहिबीन बी और डीहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (डीएचईए) नामक हार्मोन का की जांच की जाती है।

6. हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम (एचएसजी टेस्ट)

एचएसजी टेस्ट में फैलोपियन ट्यूब और यूट्रेस में डाई इंजेक्ट की जाती है फिर, एक एक्स-रे टेक्निशियन यूट्रस और फैलोपियन ट्यूब्स की जांच करने के लिए रुकावटों और असामान्यताओं की भी जांच करता है और जो डाई सामान्य रुप से कार्य नहीं  कर रही होती है उसे हाईलाइट करता है। यह टेस्ट आमतौर पर महिलाओं के पीरियड्स के छठे या सातवें दिन किया जाता है।

7. लेप्रोस्कोपी

लेप्रोस्कोपी एक तरह का टेस्ट होता है जो सामान्य रुप एक जनरल एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है। इसमें डॉक्टर पेट पर एक छोटा सा चीरा लगाते हैं और यूट्रस, ओवरीज और फैलोपियन ट्यूब को साफ तरह से देखने के लिए पेट में लेप्रोस्कोप नामक कैमरे के साथ एक फाइबर ऑप्टिक ट्यूब डालते हैं। अगर डॉक्टर को असामान्य वृद्धि या एंडोमेट्रियोसिस जैसी कोई असामान्यताएं मिलती हैं, तो उन्हें विभिन्न तरीकों का उपयोग करके हटा दिया जाता है, लेकिन यह विधि भारत में नहीं की जाती है और इसमें लेजर का उपयोग बहुत ही असामान्य होता है।

8. सर्वाइकल टेस्ट

इस टेस्ट में सर्वाइकल म्यूकस में जीवित स्पर्म और हानिकारक बैक्टीरिया की उपस्थिति की जांच की जाती है। सर्वाइकल म्यूकस एक फ्लूइड होता है जो सर्विक्स के पास मौजूद ग्लैंड द्वारा स्रावित होता है। म्यूकस, फ्लूइड को सुरक्षा और पोषण प्रदान करने में मदद करता है, साथ ही स्पर्म को फर्टिलाइज करने और हार्मोनल चेंजेस की वजह से एक महिला की रिप्रोडक्टिव साइकल भी बदल जाती है। जो एस्ट्रोजन हार्मोन की वजह से होता है। सर्वाइकल म्यूकस टेस्ट आमतौर पर पोस्ट-कोइटल टेस्ट होता है। इसमें डॉक्टर माइक्रोस्कोप के जरिए महिला के सर्वाइकल म्यूकस के नमूनों की जांच करते हैं ताकि यह पता चल सके कि स्पर्म पनपने में सक्षम है या नहीं। सर्वाइकल म्यूकस को ‘ल्यूकोरिया’ के रूप में भी जाना जाता है।

9. हिस्टेरोस्कोपी

हिस्टेरोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सर्विक्स में हिस्टेरोस्कोप नामक कैमरे वाली एक पतली ट्यूब डाली जाती है। जिससे डॉक्टर गर्भाशय के अंदर की तस्वीरों को देखने में मददगार साबित होती है। हिस्टेरोस्कोपी में  तस्वीरें ली जा सकती है जिनकी जांच बाद में भी की जा सकती है।

10. एंडोमेट्रियल बायोप्सी

इस परीक्षण में, महिला के पीरियड्स शुरु होने से ठीक पहले यूट्रेस की लाइनिंग से टिश्यूज का एक छोटा सा टुकड़ा निकाला जाता है, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, फिर इस टिश्यू की जांच की जाती है जिससे यह पता लग सके कि क्या यूटरिन लाइनिंग एक अंडे को इम्पलांट करने के लिए पर्याप्त मोटी है। एंडोमेट्रियम गर्भाशय के अंदर पाए जाने वाले टिश्जू के स्तर का एक रूप है। अब अंडे को प्रत्यारोपित करने और बढ़ने की अनुमति देने के लिए अंडे के निकलने के बाद यह प्लेसेंटा मोटा हो जाता है। एंडोमेट्रियम प्लेसेंटा बनने तक प्रत्यारोपित अंडे को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है। प्लेसेंटा तब भ्रूण को पोषण प्रदान करके अपने ऊपर ले लेता है।

11. सोनोहिस्टेरोस्कोपी

यह महिलाओं के लिए एक बहुत ही कॉमन फर्टिलिटी टेस्ट है और हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम टेस्ट के जगह किया जाता है। इस टेस्ट में महिला के गर्भाशय को सबसे पहले खारे पानी से भरा जाता है। इसके बाद, असामान्य वृद्धि और रुकावटों के लिए गर्भाशय के अंदर की जाँच के लिए वजाइनल अल्ट्रासाउंड वैंड का उपयोग किया जाता है।

अगर आप एक वर्ष तक नियमित संभोग के बावजूद भी गर्भधारण करने में विफल रहती हैं, तो किसी फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से बात करें। ध्यान रखें कि डॉक्टर आपको आपकी मेडिकल हिस्ट्री, जरनल हेल्थ, सेक्सुअल प्रैक्टिस और उम्र के आधार पर कुछ खास टेस्ट करवाने के लिए कहेंगे। इसलिए आपको इस लेख में बताए गए सभी टेस्ट्स को करवाने की आवश्यकता नहीं है। आप इन टेस्ट्स को एक अलग क्रम में भी करवा सकती हैं। प्रजनन क्षमता के परीक्षण के लिए आपको बहुत धैर्य की जरूरत होती है और इसे लेकर आपको डॉक्टर के पास कई बार जाना भी पड़ सकता है, इसलिए आप खुद को पहले से इन सब चीजों के लिए तैयार कर लें। आप एक डॉक्टर के द्वारा बताई गई फर्टिलिटी काउंसलर से भी सलाह ले सकती हैं, जो फर्टिलिटी टेस्टिंग को करवाने में आपकी मदद कर सकती हैं।

यह भी पढ़ें:

महिलाओं में बांझपन – कारण, संकेत और उपचार
महिलाओं के लिए प्रजनन की दवाइयां – लाभ और दुष्प्रभाव
महिलाओं में अंडों की गुणवत्ता सुधारने के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थ

समर नक़वी

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

2 weeks ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

2 weeks ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

2 weeks ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

2 weeks ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

2 weeks ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

2 weeks ago