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भ्रूण के दिल की धड़कन उसकी वृद्धि, स्वास्थ्य और विकास के संकेतकों में से एक है। आमतौर पर, एक बच्चे का दिल छठे सप्ताह में धड़कना शुरू करता है। यदि, अल्ट्रासाउंड के दौरान, आपको छठे सप्ताह में भ्रूण के दिल की धड़कन नहीं सुनाई या दिखाई देती हैं, तो आपका चिंतित होना स्वाभाविक है।
पहली बार जांच करने पर भ्रूण का हार्ट रेट सामान्य रूप से 120 से 160 बीपीएम (बीट्स प्रति मिनट) तक होता है। उसके बाद यह हार्ट रेट 10वें सप्ताह के आसपास 170 बीपीएम तक बढ़ सकता है और गर्भावस्था के अंत तक यह 130 बीपीएम तक कम हो जाता है।
सामान्यतः आपके बच्चे में मायोकार्डियम तीसरे सप्ताह के आसपास सिकुड़ने लगता है लेकिन सोनोग्राम इसे छठे सप्ताह के बाद ही पहचान शुरू करता है। नीचे दी गई टेबल में यह बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान आपके बच्चे का हार्टबीट रेट अलग-अलग हफ्तों के अनुसार कितना होना चाहिए ।
सप्ताह | हार्ट रेट |
5 से 6 | 110 |
9 से 10 | 170 |
14 | 150 |
20 | 140 |
डिलीवरी तक | 130 |
छठे सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन में बच्चे के दिल की धड़कन नहीं सुनाई देना बहुत आम है। कुछ मामलों में, माओं को अपने बच्चे के दिल की धड़कन गर्भावस्था के 7वें सप्ताह तक भी सुनाई नहीं देती है।
छठे सप्ताह में भ्रूण के दिल की धड़कन का सुनाई न देना सामान्य है और इसमें चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। आपके गर्भावस्था की जेस्टेशनल ऐज गलत हो सकती है।ओवुलेशन का अनियमित पैटर्न या आपके पिछले मासिक धर्म चक्र के गलत अनुमान के कारण, हो सकता है कि आप वास्तव में 6 सप्ताह की गर्भवती न हो। बच्चे के दिल की धड़कन नहीं सुनाई देने का यह भी कारण हो सकता है।
गर्भवती महिला का शरीर भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है । गर्भाशय के पीछे की ओर होने या बड़े पेट के कारण भ्रूण के दिल की धड़कन को सुनना मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड का टाइप भी इसमें बहुत मायने रखता है। पेट का अल्ट्रासाउंड कम सेंसेटिव होता है और इसकी वजह से दिल की धड़कन की पहचान करने में अधिक समय लग सकता है। दूसरी ओर, ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड अधिक सटीक होता है, विशेष रूप से गर्भावस्था की शुरुआत में, क्योंकि यह आपकी योनि के माध्यम से गर्भाशय तक आसानी से पहुँचता है।
निम्नलिखित अवस्थाओं में भ्रूण के दिल की धड़कन सुनाई न देना मिसकैरेज होने का संकेत देती हैं:
मिसकैरेज के जोखिम का पता लगाने के लिए आपका डॉक्टर फीटल पोल की मदद से भ्रूण के सिर से लेकर कमर के नीचे तक जांच करते हैं ।
यदि भ्रूण 5 मिलीमीटर से बड़ा है और उसके दिल की धड़कन नहीं सुनाई देती है, तो यह मिसकैरेज का एक संकेत हो सकता है। इसके अलावा, अगर जेस्टेशनल सैक जो 8 मिलीमीटर से बड़ी होता है और उसमे योक सैक नहीं है या एक जेस्टेशनल सैक जो 16 मिलीमीटर से बड़ी है और उसमे भ्रूण नहीं है, तो ऐसे हालात में यह मिसकैरेज का संकेत हो सकता है।
यद्यपि फॉलो-अप अल्ट्रासाउंड जांच में बच्चे के दिल की धड़कन न सुनाई देना मिसकैरेज का संकेत हो सकता है । यदि 7वें सप्ताह की अल्ट्रासाउंड जांच में बच्चे के दिल की धड़कन सुनाई न दे तो इसे मिसकैरेज का संकेत मानना जल्दबाजी होगी । पहले अल्ट्रासाउंड के दौरान यह मानते हुए कि आपके मासिक धर्म चक्र के सात सप्ताह बीत चुके हैं, अनियमित मासिक धर्म के मामले में आप अभी चार सप्ताह और अगले हफ्ते में पाँच सप्ताह की ही गर्भवती हो सकती हैं।
यदि आपकी गर्भधारण की तारीख सही है और आपको 8वें सप्ताह में बच्चे की हार्टबीट सुनाई नहीं दे रही है, तो शायद आप अपने बच्चे को खो चुकी हैं।हालांकि, ऐसे कई बच्चे होते हैं जिनकी 8वें सप्ताह में हार्टबीट नहीं सुनाई देती हैं लेकिन वो स्वस्थ होते हैं।
यदि आपकी डॉक्टर (गायनेकोलॉजिस्ट) आपको बताती हैं कि आपका मिसकैरेज हो गया है और इसके लिए आपको ट्रीटमेंट बताती हैं, तो उन पर भरोसा करें, यह आपके लिए बेहतर होगा । यदि आप 100% सुनिश्चित नहीं हैं, तो एक और अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए पूछें। आप कुछ और दिनों तक इंतजार करके भी देख सकती हैं जब तक कि आपको अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टॉपिक प्रेगनेंसी) का खतरा न हो। साथ ही, सेकंड ओपिनियन के लिए ओब्स्टेट्रिशन-गायनेकोलॉजिस्ट से मिलना भी बेहतर होगा।
डॉक्टरों के अनुसार, घर पर भ्रूण के दिल की धड़कन को सुनना मुश्किल होता है।कुछ गर्भवती माओं का दावा है कि वे अपने पेट के माध्यम से अपने बच्चे के दिल की धड़कन सुन सकती हैं, लेकिन यह केवल एक शांत कमरे में और गर्भावस्था के बाद के चरणों में संभव हो सकता है। यदि आप अपने भ्रूण की हार्टबीट घर पर नहीं सुन सकती हैं, तो एक योग्य गायनेकोलॉजिस्ट से परामर्श करें और सोनोग्राम कराएं ।
ऐसे कई कारण हैं जिसकी वजह से गर्भवती माएं 6 सप्ताह में अपने बच्चे के दिल की धड़कन नहीं सुन पाती हैं। इसे लेकर ज्यादा तो कुछ किया नहीं जा सकता है लेकिन यह जरूर है कि आप उनके हृदय को स्वस्थ रखने का प्रयास जरूर कर सकती हैं और इसके लिए आप निम्नलिखित बातों का पालन करें।
याद रखें कि अपने बच्चे के दिल की धड़कन सुनने के लिए छठा सप्ताह बहुत जल्दी हो सकता है। लेकिन अगर आप 8वें सप्ताह के बाद भी उनकी हार्टबीट नहीं सुन पाती हैं, तो संभावित कॉम्प्लीकेशन्स का पता लगाने के लिए अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से परामर्श करें।
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