शिशु

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कॉफी/कैफीन का सेवन

कॉफी के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे होते हैं। कॉफी में मौजूद कैफीन एक एनर्जाइजर के रूप में काम करता है और शरीर में फिजियोलॉजिकल या नर्वस एक्टिविटी के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए हर किसी को इसे सावधानी से लेना चाहिए। विशेषकर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सोच समझकर इसका सेवन करना चाहिए। 

कुछ बच्चे दूसरे बच्चों की तुलना में कैफीन के प्रति अधिक सेंसिटिव होते हैं। ये बच्चे, मां के दूध से अपने ब्लड स्ट्रीम में आने वाली कैफीन से छुटकारा पाने में सक्षम नहीं होते हैं। जिससे उन्हें परेशानी होती है और वे सो नहीं पाते हैं। कुछ बच्चों को इससे एसिड रिफ्लक्स या कोलिक की समस्या भी हो सकती है। वास्तव में जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान कैफीन से बचती हैं, उनके बच्चे इसके प्रति अधिक सेंसेटिव होते हैं। लेकिन उम्र के साथ यह सेंसटिविटी घटती जाती है। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कॉफी/कैफीन का सेवन सुरक्षित है?

क्या कैफीन के सेवन से स्तनपान प्रभावित हो सकता है? यह सवाल दूध पिलाने वाली हर माँ के मन में जरूर आता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं, कि सीमित मात्रा में कॉफी या कैफीन का सेवन (एक दिन में कॉफी या चाय के लगभग 1 से 3 कप या एनर्जी ड्रिंक जैसे अन्य कैफीनेटेड प्रोडक्ट की लगभग इतनी ही मात्रा) सुरक्षित होता है। हालांकि 4 महीने से कम उम्र के बच्चे को दूध पिलाने वाली मां को इससे बचना चाहिए। क्योंकि जो बच्चे बहुत छोटे होते हैं, वे अपने खून में आने वाली थोड़ी सी भी कैफीन को झेलने में सक्षम नहीं होते हैं। अपने बच्चे पर नजर रखकर भी इसे समझा जा सकता है। अगर आपका बच्चा अधिकतर समय, विशेषकर उसे ब्रेस्टफीड कराने के बाद, जगा हुआ रहता है, या वह बेचैन और परेशान रहता है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है, कि मां को अपने कैफीन के सेवन को कम करने की जरूरत है। 

आपके द्वारा खाया या पिया गया कैफीन क्या आपके दूध में जा सकता है?

खाए या पिए गए कैफीन का लगभग 10% मां के ब्रेस्ट मिल्क में चला जाता है, जो कि बच्चे के पीने के बाद उसके खून में चला जाता है। कॉफी पीने के बाद कैफीन मां के खून में अब्जॉर्ब हो जाता है और इसके सेवन के लगभग 15 मिनट के अंदर-अंदर यह उसके दूध में आ जाता है। 

क्या कैफीन बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है?

ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद कैफीन की मात्रा के कम होने का यह अर्थ नहीं है, कि यह मात्रा आपके बच्चे के लिए सुरक्षित है। इसके अलावा एक नवजात शिशु में कैफीन मेटाबॉलिज्म बहुत ही धीमा होता है, जो कि औसतन 3 से 4 दिनों का होता है और प्रीमैच्योर बच्चों में यह और भी धीमा हो सकता है। हालांकि बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे यह मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता जाता है। 

क्या कैफीन दूध की सप्लाई को कम कर सकता है?

कम या सीमित मात्रा में लिया जाने वाला कैफीन ठीक है। लेकिन अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाए, तो यह आपके शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है और इससे दूध का बनना भी कम हो सकता है। कैफीन युक्त ब्रेस्ट मिल्क पीने से बच्चा चिड़चिड़ा और परेशान हो सकता है। इससे बच्चे के दूध पीने की इच्छा में कमी आ सकती है, जिसके कारण मां के दूध की सप्लाई में कमी दिख सकती है। 

कैफीन की कितनी मात्रा सुरक्षित होती है?

हर मां-बच्चे के जोड़े में कैफीन के प्रभाव भिन्न हो सकते हैं, जिसके पीछे कई तरह के कारण होते हैं। अधिकतर बच्चे, मां के एक दिन में 1 से 3 कैफीन युक्त ड्रिंक पीने के बाद भी ठीक रहते हैं। लेकिन कुछ बच्चों में एक दिन में 4 से 6 कैफीन युक्त ड्रिंक लेने के बाद बेचैनी और अनिद्रा के संकेत दिखने लगते हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वह कैफीन को अधिक प्रभावी रूप से मेटाबोलाइज करने में सक्षम हो जाता है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है, कि किसी मां और बच्चे के जोड़े के लिए कैफीन की सुरक्षित मात्रा को समझने से पहले कई तरह के फैक्टर्स पर अध्ययन करना जरूरी है। 

आपके पसंदीदा खाने और पीने की चीजों में कैफीन की मात्रा

खाद्य/पेय पदार्थ साइज कैफीन (मिलीग्राम)
ब्रिउड कॉफी 237 मिलीलीटर 95-165
एस्प्रेसो 30 मिलीलीटर 47-64
इंस्टेंट कॉफी 237 मिलीलीटर 63
लाटे/मोका 237 मिलीलीटर 63-126
ब्रिउड ब्लैक टी 237 मिलीलीटर 25-48
ग्रीन टी 237 मिलीलीटर 25-29
कोला 237 मिलीलीटर 24-46
एनर्जी ड्रिंक 237 मिलीलीटर 27-164
कोल्ड कॉफी 237 मिलीलीटर 55-65
लेमन टी 474 मिलीलीटर 37
एनर्जी ग्रेनोला बार 1 बार (34 ग्राम) 50
डार्क चॉकलेट 1 बार 4

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन से दूर रहने के कारण

ऐसा कहा जाता है, कि कैफीन चाय और कॉफी के साथ-साथ खाने की बहुत सारी चीजों और दवाओं में भी मौजूद होता है। लोग चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थों को अधिक पसंद करते हैं, क्योंकि इनमें मौजूद कैफीन लोगों को सतर्क और तरोताजा रखता है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन युक्त सभी खाने और पीने की चीजों से दूरी बना कर रखना ही सबसे बेहतर होता है। इसके कुछ कारण नीचे दिए गए हैं: 

  • मां के द्वारा खाई और पी गई चीजों में से कैफीन की थोड़ी सी मात्रा ब्रेस्ट मिल्क में भी चली जाती है, जिसे बच्चा पीता है। जिसके कारण बच्चे की नींद कम हो जाती है और वह चिड़चिड़ा भी हो जाता है।
  • एक परेशान और रोता हुआ बच्चा ठीक तरह से दूध नहीं पी पाता है। इसलिए कम डिमांड के कारण दूध का प्रोडक्शन भी घटता जाता है।
  • कैफीन के कारण बच्चों में एलर्जी हो सकती है। इसलिए जिस बच्चे को मां के दूध से कैफीन मिल रही हो, उसे रैशेस हो सकते हैं या उसकी पॉटी में समस्याएं आ सकती हैं।
  • कैफीन की मात्रा अधिक होने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिसके कारण आगे चलकर ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई घट सकती है।

कैफीनेटेड पेय पदार्थों के हेल्दी विकल्प

चूंकि ब्रेस्टफीडिंग के साथ कॉफी का सेवन सुरक्षित नहीं है, ऐसे में यहां पर कुछ ऐसे विकल्पों की सूची दी गई है, जो कि कॉफी की तरह ही काम करते हैं, लेकिन इनमें कैफीन नहीं होता है: 

  • कच्चे नारियल का पानी: यह आपकी प्यास बुझाने के साथ-साथ आपको ताकत भी देता है।
  • लिकोराइस टी: यह असल में कैफीन फ्री होता है। यह एड्रेनल ग्लैंड के लिए टॉनिक के रूप में काम करता है और एनर्जी को बढ़ाता है।
  • व्हीटग्रास जूस: यह एक नेचुरल एनर्जाइजर है, जो कि जरूरी विटामिन, मिनरल्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
  • कैरोब पाउडर: यह कैफीन मुक्त होता है और यह कोको पाउडर से मिलता-जुलता है। इसे अगर दूध में मिलाकर शहद के साथ लिया जाए, तो आप को ताकत मिलती है।
  • नींबू पानी: यह आपको तुरंत ताजगी देता है। यह एक इंस्टेंट एनर्जी ड्रिंक है।
  • ग्रीन स्मूदी: ताजी सब्जियों और फलों का यह मिश्रण आपको ताजगी और ताकत देने का एक झटपट तरीका है।
  • पिपरमेंट टी: पुदीने वाला यह पेय पदार्थ न केवल आपकी सांसो में ताजगी भरता है, बल्कि अपने ठंडे एहसास से यह आपको शांति भी देता है।
  • जिनसेंग टी: यह ब्लड फ्लो को बढ़ाती है और कॉफी की तरह उत्तेजक प्रभाव डालती है।
  • कैमोमाइल टी: यह कैफीन फ्री होती है और यह शरीर को आराम देकर नींद संबंधी समस्याओं को दूर करती है।
  • ग्रीन टी: इसमें कैफीन की बहुत ही कम मात्रा होती है और यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।

कैफीन एक ऐसा पदार्थ है, जो कि ज्यादातर पेय पदार्थों में पाया जाता है। इसे बेहतरीन एनर्जी बूस्टर माना जाता है। लोग हर सुबह गरमा गरम चाय या कॉफी के एक कप का आनंद लेना बहुत पसंद करते हैं। लेकिन कैफीन युक्त खाने या पीने की चीजों से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे के स्वास्थ्य को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा भी अत्यधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए, अगर आपको लगता है, कि आप बहुत अधिक कैफीन का सेवन कर रही हैं, तो आपको इसमें कमी लानी चाहिए और अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके बेहतरीन परिणामों का स्वागत करना चाहिए। 

यह भी पढ़ें: 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान नींबू पानी पीने के 9 फायदे
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चॉकलेट खाना – यह सही है या गलत?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एप्पल साइडर विनेगर पीना – फायदे और साइड इफेक्ट्स

पूजा ठाकुर

Recent Posts

जादुई हथौड़े की कहानी | Magical Hammer Story In Hindi

ये कहानी एक लोहार और जादुई हथौड़े की है। इसमें ये बताया गया है कि…

4 days ago

श्री कृष्ण और अरिष्टासुर वध की कहानी l The Story Of Shri Krishna And Arishtasura Vadh In Hindi

भगवान कृष्ण ने जन्म के बाद ही अपने अवतार के चमत्कार दिखाने शुरू कर दिए…

4 days ago

शेर और भालू की कहानी | Lion And Bear Story In Hindi

शेर और भालू की ये एक बहुत ही मजेदार कहानी है। इसमें बताया गया है…

4 days ago

भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी | The Hungry King And Poor Farmer Story In Hindi

भूखा राजा और गरीब किसान की इस कहानी में बताया गया कि कैसे एक राजा…

4 days ago

मातृ दिवस पर भाषण (Mother’s Day Speech in Hindi)

मदर्स डे वो दिन है जो हर बच्चे के लिए खास होता है। यह आपको…

4 days ago

मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

मोगली की कहानी सालों से बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। सभी ने इस…

4 days ago