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अगर आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हर बार टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव आ रहा है और हर बार टेस्ट किट पर गुलाबी रेखाएं नहीं दिख रही हैं, तो ऐसे में आप सोच रही होंगी कि आपसे कहां गलती हो रही है। अगर आप गर्भवती होने के लिए संघर्ष कर रही हैं, तो संभावना है कि आपके सब कुछ ‘सही’ करने के बाद भी आप ओवुलेट नहीं कर पा रही हैं। जब एक महिला ओवुलेट करती है, तो उसका शरीर ओवरी यानी अंडाशय से एक अंडा या डिंब छोड़ता है, जो फैलोपियन ट्यूब से होते हुए अपना रास्ता बनाता हुआ आगे बढ़ता है, जो संभोग के बाद स्पर्म के जरिए फर्टिलाइज होने के लिए तैयार हो जाता है। जब अंडे का फर्टिलाइजेशन हो जाता है, तो यह यूट्रस तक पहुंचने का अपना सफर शुरू करता है और यूट्रस में इम्प्लांट होता है। लेकिन क्या हो अगर एक महिला ओवुलेट नहीं करती है? क्या वह प्रेग्नेंट हो सकती है? आइए आगे ऐसे ही सवालों के जवाब का पता लगाएं!
क्या गर्भधारण के लिए महिलाओं को ओवुलेट करना जरूरी होता है?
आमतौर पर एक स्वस्थ महिला जिसके पीरियड भी नियमित हों, वह महीने में कम से कम एक बार ओवुलेट जरूर करती है। हर महिला को कंसीव करने के लिए ओवुलेट करना ही होता है। अगर आप ओवुलेशन से 5 दिन पहले और ओवुलेशन के 1 दिन बाद अपने साथी के साथ संबंध बनाती हैं तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक पुरुष का स्पर्म महिला के बर्थ कैनाल में लगभग 5 दिनों तक जीवित रह सकता है।
लेकिन अगर महिला ओवुलेट नहीं पा कर रही है तो वह गर्भधारण नहीं कर सकेगी। ऐसे में ओवुलेशन के लिए जरूरी है कि अंडे को फर्टिलाइजेशन के लिए स्पर्म पूरी तरह से सक्षम हो। कई महिलाएं जानना चाहती हैं कि क्या वे गर्भवती हो सकती हैं अगर वे फर्टिलाइज हों, लेकिन ओवुलेट नहीं कर पा रही हों? दुर्भाग्य से, ऐसी स्थिति में कोई भी महिला गर्भवती नहीं हो सकती है अगर वह ओवुलेट नहीं कर पा रही है। यदि आप फर्टाइल यानी गर्भधारण में सक्षम हैं, तो इसका मतलब हुआ कि आप अंडाणु का उत्पादन करने में तो सक्षम हैं, लेकिन आप तभी प्रेग्नेंट हो सकती हैं जब आप अपने ओवुलेशन के समय संबंध बनाती हैं।
ओवुलेशन कब होता है?
एक महिला की पीरियड साइकिल औसतन 28 दिनों की होती है। इस साइकल में, पीरियड का पहला दिन 1 दिन माना जाता है। जबकि 28 दिनों की साइकिल में, ओवुलेशन 11 से 21 दिनों के बीच कभी भी होता है। यह अगला पीरियड शुरू होने से लगभग 14 से 15 दिन पहले होता है। हालांकि, सभी महिलाओं का पीरियड साइकल 28 दिनों का नहीं होता है। ऐसे में साइकिल की समय सीमा 21 से 35 दिनों तक अलग-अलग हो सकती है। 21 दिन की पीरियड साइकिल में, ओवुलेशन 5वें दिन से 12वें दिन के बीच होता है, जबकि 35 दिनों की साइकिल में ओवुलेशन 18वें दिन से लेकर 26वें दिन के बीच होता है।
ओवुलेशन का सही समय आपकी पीरियड साइकिल की लंबाई, आपके शरीर का बेसल तापमान, सर्विक्स और सर्वाइकल म्यूकस में होने वाले बदलाव को देखकर और फार्मेसी पर उपलब्ध ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट का उपयोग करके इसे समस्या को संभाला जा सकता है।
सबसे ज्यादा फर्टाइल दिन कौन से होते हैं?
ओवुलेशन के समय महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है। एक महिला का गर्भधारण में सक्षम होना, उसके पीरियड साइकिल की लंबाई पर निर्भर करती है, जो सभी महिलाओं में अलग अलग समय पर होती है। इनमें से 3 दिन ओवुलेशन से ठीक पहले और 1 दिन ओवुलेशन के बाद का शारीरिक संबंध करने के लिए बहुत जरूरी होता है। ये दिन सबसे ज्यादा फर्टिलाइज होने वाले होते हैं क्योंकि एक स्पर्म महिला के बर्थ कैनाल में 5 दिनों तक जीवित रह सकता है जबकि अंडा ओवुलेशन के 24 से 48 घंटों के बीच खराब हो जाता है। इस प्रकार, सबसे ज्यादा फर्टिलाइज वाले दिनों की गणना पीरियड साइकिल की लंबाई के आधार पर की जा सकती है।
ओवुलेशन के बारे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यहां ओवुलेशन के बारे में कुछ बेहद महत्वपूर्ण और आम सवाल-जवाब दिए गए हैं:
1. ओवुलेशन के लक्षण क्या हैं?
ओवुलेशन के कुछ प्रमुख लक्षण नीचे बताए गए हैं:
- ओवुलेशन से पहले शरीर के बेसल तापमान में कमी और ओवुलेशन के बाद बेसल तापमान में बढ़ोतरी होना एक सामान्य स्थिति होती है।
- सर्वाइकल म्यूकस की स्थिति में बदलाव होना ओवुलेशन का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है। ओवुलेशन एक समय यह गाढ़ा और पारदर्शी हो जाता है अंडे की सफेदी जैसा दिखता है।
- ओवुलेशन के समय, आप अपने सर्विक्स में भी बदलाव देखेंगी। ओवुलेशन के समय आपका सर्विक्स गीला और नरम महसूस होगा। हालांकि, कई पीरियड साइकिल तक जांच करने के बाद ही महिलाओं को सर्विक्स का सटीक अनुमान लग सकता है।
- कुछ महिलाओं को ओवुलेशन के दौरान अन्य लक्षणों का भी अनुभव होता है, जैसे कि कामेच्छा में वृद्धि, हल्का दर्द या पेल्विक के एक तरफ ऐंठन होना, पेट फूलना, स्पॉटिंग और गंध, स्वाद या देखने की शक्ति बढ़ी हुई महसूस होना।
2. ओवुलेटरी डिसऑर्डर क्या हैं?
जो सामान्य ओवुलेशन प्रक्रिया को रोकने और अनियमित या असफल ओवुलेशन का कारण बनता है उसे ओवुलेटरी डिसऑर्डर कहा जाता है। ‘एनोव्यूलेशन’ एक ओवुलेटरी डिसऑर्डर है जहां ओवुलेशन की अनुपस्थिति होती है। जबकि ‘ओलिगो-ओवुलेशन’ एक ऐसा डिसऑर्डर है जहां ओवुलेशन तो होता है, लेकिन हर महीने नहीं। यहां ओवुलेशन अनियमित होता है।
3. एनोव्यूलेशन क्या है?
एनोव्यूलेशन तब होता है जब एक महिला को ओवरी उसके पीरियड्स के दौरान अंडे रिलीज नहीं करती हैं। एनोव्यूलेशन के मामले में, अंडे ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं और अंडाशय के जरिए वो बाहर नहीं आ पाते हैं। एनोव्यूलेशन के कुछ कारणों में पीसीओएस, ओवेरियन इंसफिसिएंशी, हाइपोगोनैडोट्रोपिक हाइपोगोनाडिज्म, खराब डाइट और मोटापा आदि शामिल हैं। एनोव्यूलेशन एक महिला के लिए गर्भवती होना मुश्किल बना सकता है। यहां तक कि अगर महिला कभी-कभी ओवुलेट करती है, तो अनियमित पीरियड्स के कारण समय पर संभोग करना मुश्किल हो सकता है।
4. ओवुलेटरी डिसऑर्डर के कारण क्या हैं?
अधिकतर ओवुलेटरी डिसऑर्डर पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के कारण होते हैं। यह एक हार्मोनल विकार है जो ओवरियन सिस्ट, टेस्टोस्टेरोन जैसे पुरुष सेक्स हार्मोन के बहुत ज्यादा उत्पादन और अनियमित पीरियड की वजह से होता है। ओवुलेटरी विकारों के अन्य कारणों में हार्मोनल समस्याएं,यूरिन इंफेक्शन, अंतःस्रावी और पिट्यूटरी ग्लैंड का खराब होना, ज्यादा व्यायाम करना, मोटापा, कम वजन होना और एनोरेक्सिया या बुलिमिया जैसे खाने के विकार हैं।
5. ओवुलेटरी डिसऑर्डर का इलाज कैसे किया जाता है?
ओवुलेटरी डिसऑर्डर का इलाज उसके मूल कारणों पर निर्भर करता है। अगर किसी महिला को हार्मोनल समस्या के कारण ओवुलेटरी डिसऑर्डर है, तो डॉक्टर हार्मोनल समस्या के इलाज के लिए उसे दवाएं दे सकते हैं। बाजार में ऐसी गोलियां भी उपलब्ध हैं जो शरीर में ओवुलेशन को सक्रिय करने वाले ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) जैसे हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करती हैं।
6. आप कैसे जानेंगी कि आप ओवुलेट नहीं कर पा रही हैं?
यह जांचने के लिए कि आप ओवुलेट कर रही हैं या नहीं, इसके लिए सबसे पहले आपको अपने पीरियड साइकिल और ओवुलेशन के समय के आसपास अपने शरीर के बेसल तापमान का चार्ट बनाना होगा। इससे आपको अपने ओवुलेशन और पीरियड साइकिल का रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी। अगर आपके बेसल बॉडी टेम्परेचर में सामान्य से ज्यादा गिरावट नहीं आती है, तो हो सकता है कि आप ओवुलेट नहीं कर रही हों। इसके अलावा आप फॉर्मेसी में उपलब्ध ओवुलेशन टेस्ट किट का प्रयोग करके अपने ओवुलेशन के बारे में बेहतर तरीके से जान सकती हैं।
7. क्या बिना पीरियड्स के भी ओवुलेशन हो सकता है?
ओवुलेशन बिना पीरियड के हो सकता है। उदाहरण के लिए, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मांओं को डिलीवरी के बाद कुछ महीनों तक पीरियड नहीं आते हैं, लेकिन वे ओवुलेट करती हैं और असुरक्षित संबंध बनाने पर वह फिर से प्रेगनेंट हो सकती हैं। अगर आपको पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो ओवुलेशन के समय को ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो सकता है और आपको अपने बेसल टेम्परेचर और सर्विक्स की स्थिरता की जांच करके इसका पता लगाना होगा। अगर आप ओवुलेट करती हैं तो पीरियड जरूर आ सकता है, लेकिन जब तक आपको पीरियड्स आएंगे, तब तक 14 दिनों का गैप हो जाएगा और अगर आप उन 14 दिनों में साथी के साथ संबंध बनाती हैं, तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। इसलिए, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को थोड़ा सावधान रहना चाहिए।
8. क्या पीरियड्स होने के बावजूद ओवुलेशन न होना संभव है?
बिना ओवुलेशन के पीरियड होना संभव है। कुछ महिलाओं को पीरियड में ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है लेकिन ओवुलेट बिल्कुल नहीं होता। इसे एनोव्यूलेटरी साइकिल कहा जाता है। एनोव्यूलेशन, शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में कमी या यूटेराइन लाइनिंग के संचय के कारण होता है जिसे जरूर साफ किया जाना चाहिए।
9. क्या पीरियड्स के तुरंत बाद ओवुलेशन हो सकता है?
जिन महिलाओं की पीरियड साइकिल छोटी होती है उनमें ओवुलेशन जल्दी हो सकता है। इसलिए एक अवधि के तुरंत बाद ओवुलेट करना संभव है। लेकिन जो महिलाएं जल्दी ओवुलेट करती हैं, वह पीरियड्स के तुरंत बाद असुरक्षित संंबंध बनाकर गर्भवती हो सकती हैं।
10. क्या एक महिला एक साइकिल में एक से अधिक बार ओवुलेट कर सकती है?
आमतौर पर महिलाएं हर पीरियड साइकिल में केवल एक बार ही ओवुलेट करती हैं। यह साबित करने के लिए कोई ठोस स्टडी तो नहीं की गई है, कि महिलाएं एक पीरियड साइकिल में कई बार ओवुलेट करती हैं। हालांकि, एक महिला ओवुलेशन साइकिल में एक से अधिक अंडे रिलीज कर सकती है। जिससे यह एक से अधिक बच्चों के गर्भधारण वाले कारणों में से एक बन सकता है। अगर एक महिला अपने साइकिल में दो अंडे रिलीज करती है और वे दोनों स्पर्म के जरिए फर्टिलाइज हो जाते हैं, तो वे जुड़वां बच्चे बनते हैं।
11. क्या पीरियड्स के दौरान ओवुलेशन हो सकता है?
पीरियड्स के दौरान ओवुलेशन नहीं हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पीरियड्स तब होता है जब ओवुलेशन के लगभग 11 से 15 दिनों के बाद गर्भाशय अपनी इनर लाइनिंग को निकाल देता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को साइकिल के बीच में भी हल्की ब्लीडिंग महसूस हो सकती है, जिसे ओवुलेटरी ब्लीडिंग कहा जाता है। यह ओवुलेशन के समय होता है। यह अक्सर कई महिलाओं के पीरियड साइकिल के लिए गलत साबित होता है।
ओवुलेशन के बिना प्रेगनेंसी बिल्कुल संभव नहीं है क्योंकि स्पर्म से फर्टिलाइज होने के लिए अंडाशय से पहले अंडे का निकलना जरूरी होता है। गर्भधारण करने के लिए एक महिला को ओवुलेशन के समय अपने साथी के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने चाहिए। ऐसे में अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं, तो पता करें कि आप कब ओवुलेट करती हैं और तब अपने संभोग करने पर आपको जल्द ही खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।
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