गर्भावस्था

गर्भावस्था की पहली तिमाही में देखभाल

गर्भावस्था के पहले तीन महीने के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। आपकी सारी एनर्जी कम होने लगेगी क्योंकि आपका शरीर आपके बच्चे के विकास पर ज्यादा ध्यान देगा और यह प्रक्रिया अगले नौ महीनों तक जारी रहेगी। इतना ही नहीं, आपके बच्चे के शरीर के जरूरी अंग भी इस समय ही विकसित होते हैं।

माँ होने के नाते आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है अपने बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना। आप अपनी गर्भावस्था के पहले तीन महीने के दौरान क्या करती हैं, विशेष रूप से यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में, यह देखा गया है कि पैदा होने के बाद भी गर्भ में इन-यूटरो न्यूट्रिशन बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है! आप अपनी देखभाल कैसे करती हैं, आप क्या खाती हैं और अपने आप को किस चीज के संपर्क में आने देती हैं, यह सब आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है।

गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान 20 चीजें जरूर करें

एक माँ के रूप में, कुछ चीजें हैं जो आपको अपने बच्चे की देखभाल शुरू करने के लिए अपनी पहली तिमाही से ही करनी चाहिए। भविष्य में होने वाले कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए सावधानी बरती जानी चाहिए और बहुत ही गंभीरता से इस स्थिति को लेना चाहिए। यदि आप एक नई माँ हैं और यह नहीं जानती हैं कि गर्भावस्था के पहले महीने में क्या करना है, तो यहाँ आपकी मदद करने के लिए 20 सुझाव दिए गए हैं:  

1. डबल-चेक

एक महिला की पीरियड साइकिल यह पुष्टि करती है कि उसके ओवुलेशन के दो सप्ताह बाद पीरियड्स आएं। यदि आपको संदेह है कि आप गर्भवती हैं क्योंकि आपने अपना पीरियड मिस किया है, तो घर पर ही प्रेगनेंसी टेस्ट किट से जांच करें। ये प्रभावी रूप से बता सकते हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं।

2. प्रीनेटल मल्टीविटामिन लेना शुरू करें

इनमें कई तरह के विटामिन और मिनरल्स होते हैं जिससे आपके होने वाले बच्चे का विकास स्वस्थ रूप से होता है। गर्भधारण करने की कोशिश करते समय और अपने पहले तीन महीने के दौरान आपके लिए फोलिक एसिड लेना बेहद जरूरी है। फोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स (एनटीडी), रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क में होने वाली गंभीर परेशानी को रोकने में मदद करता है। एक माँ को अच्छी मात्रा में आयरन और कैल्शियम की भी आवश्यकता होती है और यदि इसे डाइट में शामिल नहीं किया जा सकता है, तो उन्हें मल्टीविटामिन के रूप में लेना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। हालांकि, आयरन आमतौर पर पहली तिमाही के बाद शुरू होता है।

3. हेल्थ बीमा की जांच करें

गर्भवती महिलाओं को बहुत सारे चेकअप की आवश्यकता होती है और प्रेगनेंसी के दौरान देखभाल से लेकर डिलीवरी के बाद तक माँ और बच्चे दोनों की देखभाल पर खर्च करने के लिए अच्छे खासे पैसे की जरूरत होती है। इसलिए आपका हेल्थ इन्शुरन्स इन सभी खर्चों को कवर करता है। यह भविष्य में बहुत अधिक टेंशन से बचाएगा और साथ ही आपको अपनी जरूरत की सभी देखभाल मिल सकेगी। 

4. डॉक्टर से सलाह करें

प्रेग्नेंसी के पहले महीने में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। एक ऐसे डॉक्टर को ढूंढें जिसके साथ आप सहज हों और जिस पर आप भरोसा करती हों। आपका और आपके बच्चे का स्वास्थ्य इस पर निर्भर करता है। बार-बार डॉक्टर बदलने से बचें और एक पर ही टिकी रहें। आपके डॉक्टर को आपकी मेडिकल हिस्ट्री और बच्चे को प्रभावित करने वाली किसी भी अन्य समस्या के बारे में अपडेट करना जरूरी है। अगर आप अलग-अलग डॉक्टरों को मिलाकर अपनी स्थिति के बारे में नहीं बताएंगी तो चीजें आपके लिए स्मूद हो जाएंगी। किसी स्पेशल केस में या यदि आपको दूसरी राय की आवश्यकता हो तो ही किसी अन्य डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।

5. प्रसवपूर्व अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें

अपने डॉक्टर के अपॉइंटमेंट्स को पहले से शेड्यूल करना न भूलें। अपने आखिरी पीरियड के दिन को नोट करें ताकि डॉक्टर आपकी ड्यू डेट तय करने में आपकी सहायता कर सके। गर्भावस्था के पहले तीन महीनों के दौरान देखभाल यह निर्धारित करेगी कि आपकी गर्भावस्था कितनी अच्छे रूप से चलेगी, क्योंकि यह आपके बच्चे के विकास का सबसे महत्वपूर्ण चरण है।

6. पहले से चल रही दवा के बारे में बताएं

ज्यादातर दवाएं, चाहे वे प्रिस्क्रिप्शन में लिखी गई हों, काउंटर पर ली जाती हों या किसी अन्य प्रकार की हों, गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित नहीं हैं। आप जिस भी दवा का सेवन कर रही हैं उसके बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करें, जिसमें मल्टीविटामिन, सप्लीमेंट और जड़ी-बूटियां शामिल हैं।

7. धूम्रपान न करें

आजकल बहुत सी महिलाएं स्मोकिंग करती हैं, इसलिए यदि आप भी उनमें से एक हैं, तो इसे छोड़ना सबसे अच्छा है। धूम्रपान की वजह से मिसकैरेज, प्लेसेंटा संबंधी समस्याएं और प्रीमैच्योर डिलीवरी जैसी दिक्कतें होती है। यह भ्रूण के विकास को धीमा कर देता है और स्टिलबर्थ और बच्चे की मृत्यु की संभावना को बढ़ जाती है।

8. शराब छोड़ें

छोटे से छोटा ड्रिंक भी आपके बच्चे पर असर डाल सकता है, इसलिए सावधान रहें कि गर्भवती होने पर कभी भी अल्कोहल का सेवन न करें! शराब बच्चों में जन्म के समय कम वजन का कारण बनती है और उन्हें बोलने और भाषा सीखने में समस्या होने लगती है, साथ ही उन्हें एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) विकसित होने की अधिक संभावना होती है।

9. कैफीन की मात्रा कम करें

कॉफी लवर्स को इस समय सावधान रहना चाहिए। कैफीन का अधिक सेवन आपके ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट को बढ़ाता है और डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है क्योंकि इससे आपको अधिक पेशाब लगती है, जो कि  गर्भावस्था के दौरान हेल्दी नहीं होता है। यदि आप बहुत अधिक कॉफी पीने की आदी हैं तो यह प्लेसेंटल बैरियर को भी पार कर सकता है। जिसका असर सीधा आपके बच्चे पर होगा और वो इसे संभाल नहीं पाएगा। कैफीन चाय, सोडा और चॉकलेट के साथ-साथ कॉफी में भी पाया जाता है।

10. काम की जगह पर खतरों से सावधान रहें

वे मांएं जो कि अधिकतर मेडिकल फील्ड, रिसर्च फैसिलिटी में काम करती है और यहाँ तक ​​कि जो बहुत सफाई करती है उन्हें बेहद सावधान रहने की जरूरत है। जो महिला केमिकल और अन्य हानिकारक पदार्थों के संपर्क में होती है, उन्हें तुरंत कुछ बदलाव करने की आवश्यकता है। अपने डॉक्टर को अपने डेली रूटीन के बारे में बताएं और अपने बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित तरीके से काम करने का तरीका ढूंढे।

11. बैलेंस डाइट लें

यदि आपको किसी खास पदार्थ से कोई एलर्जी है, तो आपको अपने आहार के बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए, लेकिन आगे के लिए आपको बैलेंस डाइट का पालन करना पड़ेगा। किसी भी खाने के सामान को खाने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट चेक करना न भूलें, हालांकि हमेशा ताजा खाना ही खाना सबसे अच्छा माना जाता है। ढ़ेर सारे फल और सब्जियां खाएं क्योंकि ये आपके बच्चे के विकास को मजबूत रखने का सबसे सुरक्षित और हेल्दी तरीका है।

12. मॉर्निंग सिकनेस के लिए तैयार रहें

मॉर्निंग सिकनेस प्रेगनेंसी के छह हफ्ते से शुरू हो जाती है और आमतौर पर आठवें या नौवें हफ्ते के आसपास चरम पर होती है। कुछ महिलाओं के लिए यह एकदम से रुक जाती है, लेकिन कुछ के लिए पूरी गर्भावस्था के दौरान बनी रहती है। इसी तरह कुछ महिलाएं पूरे दिन अस्वस्थ रहती हैं जबकि अन्य दिन में केवल कुछ घंटों के लिए या यदि उन्हें पर्याप्त आराम नहीं मिलता है तब बीमार महसूस करती है। अपने आप को हाइड्रेटेड रखें और खाने की ऐसी चीजों की तलाश करें जिन्हें आपका पेट संभाल सके। आप मतली के लिए बी 6 विटामिन लेने के बारे में भी अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं।

13. आराम करें

आपका शरीर इस समय बहुत कुछ कर रहा है और पर्याप्त आराम करना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एक स्टडी में बताया गया है कि जो महिलाएं हर  रात छह घंटे से कम नींद लेती हैं, उन्हें कम से कम सात घंटे सोने वालों की तुलना में दस गुना अधिक समय तक लेबर का अनुभव होता है। यही कारण है कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में सबसे अहम नियम है आराम करना!

14. गर्भावस्था के टेस्ट शेड्यूल करें

अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए जांच और टेस्ट को मिस न करें क्योंकि वे डाउन सिंड्रोम और अन्य बर्थ डिफेक्ट्स जैसी समस्याओं की पहचान करने और उसके लिए तैयार करने में आपकी मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (सीवीएस) गर्भावस्था के 10वें और 12वें सप्ताह के बीच किया जाता है और यह आपके बच्चे में किसी भी जेनेटिक या क्रोमोसोम संबंधी समस्याओं का पता लगा सकता है। यदि आपका बच्चा स्पेशल चाइल्ड है या आपकी गर्भावस्था में कोई समस्या है, तो आपको अपने जीवन में कई बदलाव करने होंगे। इनमें प्रीनेटल देखभाल शामिल है जिसे सामान्य मामले की तुलना में अधिक ध्यान रखना होगा।

15. गर्भावस्था की समस्याओं के लक्षणों की पहचान करना सीखें

यदि आप पहले से ही अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों के कारण दर्द महसूस करने लगी हैं, तो बता दें इनमें से कुछ वास्तव में अधिक गंभीर समस्याओं के संकेत हो सकते हैं। आपको खुद को उन विभिन्न समस्याओं से अवगत रखना चाहिए जो उत्पन्न हो सकती हैं और किसी भी लक्षण को कैसे देखें। कुछ भी संदिग्ध लगने पर अपने डॉक्टर के पास जाएं ताकि आप ऐसी किसी भी होने वाली परेशानी से बच सकें या निपट पाएं। 

16. अपने पति से बात करें

गर्भावस्था के पहले तीन महीने आपके बच्चे के लिए सबसे नाजुक होते हैं क्योंकि महत्वपूर्ण अंग और प्लेसेंटा अभी भी बढ़ रहे हैं। इस समय के दौरान, अपने बच्चे के विकास के तरीके के बारे में आप जो कुछ भी कर सकती हैं, उस पर अधिक ध्यान दिया करें और यदि कोई विशेष आवश्यकता होगी तो आपको और आपके पति को मिलकर संभालना होगा। आप दोनों अन्य महत्वपूर्ण चीजों पर भी निर्णय ले सकते हैं जैसे कि यदि आप काम करना जारी रखना चाहती हैं तो यह बात सबको बताना। 

17. बर्थ क्लब में शामिल हों

किसी ऐसे व्यक्ति का होना हमेशा अच्छा होता है जो समझता हो कि आप किस दौर से गुजर रहीं हैं। यदि आप एक बर्थ क्लब में शामिल होती हैं, तो आप अन्य गर्भवती माताओं के साथ दोस्ती कर सकती हैं और यहां तक ​​कि प्रेगनेंसी के अनुकूल कुछ एक्टिविटीज में भी शामिल हो सकती हैं। इस तरह न केवल आप एक विशेष बॉन्ड बनाएंगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेंगी कि आपके बच्चे के पास उसी उम्र के भविष्य के दोस्त हों और उसके पालन-पोषण की गतिविधियों के लिए आपके पास हमेशा साथ रहेगा।

18. बेबी के लिए बजट बनाएं

यह तो स्वाभाविक है कि एक नया बच्चा बहुत सारे खर्चों के साथ आएगा। आपको और आपके पार्टनर को आपके बजट के बारे में बात करना होगा ताकि आप उन सभी चीजों को जान सके कि आपका बच्चा घर आने के बाद कितना खर्च बढ़ने वाला है।

19. खरीदारी के लिए जाएं

जिन चीजों में आपको इन्वेस्ट करने की जरूरत है उनमें से एक मैटरनिटी के कपड़े हैं। गर्भावस्था के दौरान आपके सामान्य कपड़े आपको नहीं होंगे क्योंकि आपका शरीर तेजी से बढ़ने वाला है। इतना ही नहीं, आपके पास ऐसे कपड़े होने चाहिए जिन्हें पहनकर समय आने पर आप अपने बच्चे को पालने में सहज महसूस करें। साथ ही इन सब बातों को ध्यान रखने के साथ अपने लिए नए अंडरगारमेंट्स खरीदना न भूलें।

20. रोजाना व्यायाम करें

भले ही आपको इस बात का डर हो कि आपकी हर छोटी-छोटी हरकत से आपके बच्चे को चोट लग सकती है, फिर भी आपको व्यायाम करने की जरूरत है। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और आपको बच्चे के जन्म के लिए भी आपको तैयार कर सकता है। कुछ अच्छी एक्सरसाइज देखें या ऐसे व्यायाम कार्यक्रम में शामिल हों जो गर्भावस्था के अनुकूल हो। इससे पहले कि आप वास्तव में इसमें शामिल हों, अपने डॉक्टर से सलाह लें ताकि यदि आपको गर्भावस्था के दौरान कोई समस्या है तो आप किसी भी ऐसे व्यायाम से अवगत हो सकें जो आपको नहीं करना चाहिए।

यह सभी को मालूम है कि एक महिला के शरीर को एक नए जीवन को बनाने और बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन शरीर में होने वाले परिवर्तनों का सामना करना कभी-कभी मुश्किल होता है। आपकी गर्भावस्था के दौरान परिवार और दोस्तों का अच्छा समर्थन मिलने से आपके लिए सब कुछ बहुत आसान हो जाता है। आप अनिवार्य रूप से शारीरिक और मानसिक बदलाव से गुजरती हैं। यहाँ तक ​​कि आपको बहुत सारे त्याग और लाइफस्टाइल में बदलाव भी करने पड़ते है। हालांकि, यदि आप प्रेगनेंसी के शुरूआती तीन महीनों में अपना अच्छे से ध्यान रखती हैं जैसे कि क्या करें और क्या न करें तो कोई कारण नहीं है कि आपकी प्रेगनेंसी में कोई दिक्कत आए। आपका बच्चा आपको स्वस्थ और फिट देखना चाहता है ताकि वह बदले में एक स्वस्थ बच्चे के रूप में बढ़ कर सके।

यह भी पढ़ें:

गर्भावस्था की पहली तिमाही में योगा करना
गर्भावस्था की पहली तिमाही – सावधानियां और कुछ खास टिप्स
गर्भावस्था की पहली तिमाही का आहार: क्या खाए और क्या नहीं

समर नक़वी

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

22 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

22 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

22 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago