गर्भावस्था की तीसरी तिमाही – लक्षण, शारीरिक परिवर्तन और आहार

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही

गर्भधारण एक महिला के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास होता है। इस दौरान आपके चेहरे पर मुस्कान रहती है और आपका चेहरा दमकता है। और, जब आपको समझ आता है कि आपका पेट बढ़ रहा है और आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में प्रवेश कर रही हैं, आप एक ही समय में भावनाओं से अभिभूत भी होती हैं और चिंतित भी हो सकती हैं। परन्तु, आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह लेख आपके सभी संदेह व चिंताओं को दूर करने में आपकी मदद करेगा।

तीसरी तिमाही क्या है?

गर्भावस्था पूरे 9 महीने की होती है अर्थात लगभग चालीस सप्ताह की और इस अवधि को तीन तिमाहियों में विभाजित किया जाता है। तीसरी तिमाही के सप्ताहों की बात करें तो, इसमें गर्भावस्था के 28वें से लेकर 40वां सप्ताह शामिल होता है। सरल शब्दों में, यह गर्भावस्था के अंतिम तीन महीने हैं जो अत्यंत महत्वपूर्ण है।

गर्भावस्था की यह तीसरी तिमाही भ्रूण के विकास की अंतिम अवस्था के कारण महिला के लिए मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से चुनौतीपूर्ण हो सकती है। सामान्यतः, 37वें सप्ताह के अंत तक भ्रूण पूरी तरह विकसित हो जाता है, और उसके बाद आप कभी भी माँ बन सकती हैं। यह जानना कि आप इस अवधि में क्या कुछ तैयारियां कर सकती हैं वास्तव में आपके लिए सहायक हो सकता है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के लक्षण

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही, गर्भावस्था का वह चरण है जब अधिकतम देखभाल और सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। एक महिला को दर्द, चिंता और शरीर के कुछ क्षेत्रों में सूजन भी महसूस हो सकती है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के लक्षण

परन्तु गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में कदम रखते समय आपको निम्नलिखित प्रमुख लक्षणों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:

  • भ्रूण की गतिविधि में वृद्धि जिसे कभी-कभी आप लात मारना भी कह सकते हैं।
  • गर्भाशय संकुचन हो सकता है जिसे समुचित रूप से ब्रैक्सटन-हिक्स संकुचन के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन वे सामान्यतः दर्दनाक नहीं होते हैं।
  • बार-बार मूत्र आने के कारण आपको कई बार वॉशरूम जाना पड़ सकता है।
  • सीने में जलन या एसिडिटी जो पिछले दो तिमाहियों से बरकरार है।
  • टखनों, जोड़ों या अँगुलियों में सूजन। ये आपके शरीर के तीव्र बदलाव के दुष्प्रभाव हैं।
  • कोमल या संवेदनशील स्तन जिससे अभी से ही दूधिया तरल निकलना शुरू हो जाता है।
  • अनिद्रा जो चिंता या हार्मोनल परिवर्तन के कारण हो सकती है।
  • बवासीर, अर्थात मलद्वार के पास की नसों में सूजन।

भ्रूण का विकास

तीसरी तिमाही में कदम रखते हुए शिशु पहले से काफी बड़ा हो जाता है और इस समय भ्रूण के वजन वृद्धि में भिन्नता आ सकती है, 28वें सप्ताह में भ्रूण लगभग ढाई पाउंड और सोलह इंच लंबा और 40वें सप्ताह में छह से नौ पाउंड और उन्नीस से बाईस इंच लंबा हो सकता है।

यह परिवर्तन आपको चकित कर सकता है, परन्तु गर्भावस्था के दौरान एक शिशु की वृद्धि इसी प्रकार से होती है। तीसरे तिमाही में भ्रूण के विकास के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए आगे पढ़ें।

  • हड्डियाँ: जब आप अपनी गर्भावस्था के 32वें सप्ताह में प्रवेश करती हैं, तब तक आपके शिशु की हड्डियाँ पूरी तरह विकसित हो चुकी होती हैं। भ्रूण की उपास्थि पूर्णतः हड्डियों में बदल जाती है, और स्वस्थ हड्डियों को विकसित करने के लिए आवश्यक कैल्शियम आपके कैल्शियम युक्त आहार से आता है।
  • बाल, त्वचा और नाखन: जब आपकी गर्भावस्था का 32वां सप्ताह शुरू हो जाता है, तो शिशु की त्वचा पूरी तरह से विकसित हो जाती है, जिसमें बालों का विकास और नाखून का निर्माण भी शामिल है।
  • पाचन तंत्र: जब आप अपनी गर्भावस्था के अंतिम सप्ताह तक पहुँचती हैं, तब शिशु का पहला शौच, जिसमें रक्त कोशिकाएं, भ्रूणमल, और गर्भरोम शामिल हैं, अब शिशु की आंतों में दिखाई देने लगेगा जो पूरी तरह बन चुका है।
  • इंद्रियां: गर्भावस्था के 29वें या 30वें सप्ताह में भ्रूण की स्पर्श संवेदनशीलता विकसित हो सकती है। और, 21वें सप्ताह तक आपका अजन्मा ज्ञात संवेदनाओं के प्रति प्रतिक्रिया दिखाना शुरू कर सकता है, अर्थात प्रकाश को देखने और अनुभव करने, स्वाद इंद्रियां, सुनने और सूंघने की क्षमता।
  • मस्तिष्क: तीसरी तिमाही में मस्तिष्क में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, क्योंकि भ्रूण सपने देखने या अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकता है।
  • अंग: गर्भावस्था के 37वें सप्ताह तक, शिशु के अंग पूर्णतः विकसित हो जाते हैं।
  • सिर की स्थिति: 36वें सप्ताह तक, भ्रूण का सिर नीचे की ओर होना चाहिए। और, यदि एक अल्ट्रासाउंड स्कैन के बाद, आपका चिकित्सक आपको बताता है कि बच्चे की सिर की स्थिति नीचे की ओर नहीं है, तो वह इस स्थिति को सुधारने की पूरी कोशिश करता है या आपको सी-सेक्शन प्रसव करवाने का सुझाव दे सकता है।

भ्रूण का विकास

शारीरिक परिवर्तन

तीसरी तिमाही में आपके पेट का आकार बढ़ने के साथ-साथ शरीर में बहुत से अन्य परिवर्तन भी आ सकते हैं, पर हो सकता है वह आतंरिक बदलाव हो और बाहर से नजर न आए । निम्नलिखित बिन्दुएं ऐसे कुछ शारीरिक परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हैं:

  • पेट दर्द: पेट के निचले हिस्से को सहारा देने वाले स्नायुबंधन इस हद तक खिंचने लगते हैं कि आपको तेज असहनीय पेट दर्द महसूस हो सकता है। यह खिंचाव विकासशील शिशु को समायोजित करने के लिए होता है। ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे आप इस दर्द से बच सकें, ऐसी स्थिति में आपको बस धैर्य बनाए रखना होगा ताकि आप दर्द के प्रति सहनशील बनें।
  • थकान: गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में, आपको अपने वजन के साथ साथ शिशु के बढ़ते वजन को भी उठाना पड़ता है। इसे संभालना आपके लिए कठिन हो सकता है और जिसके परिणामस्वरूप आपको थकान महसूस होगा। इस असुविधा के कारण सोने में कठिनाई भी हो सकती है, लेकिन यह आपकी बुद्धिमत्ता पर निर्भर है कि व्यवस्थित ढंग से किस प्रकार आगे बढ़ना है। इस समय उचित आहार लेने, अपने आप को क्रियाशील रखने (लेकिन सीमा में) और अपनी नींद को अच्छी तरह से व्यवस्थित करने की सलाह दी जाती है।
  • ब्रैक्सटन-हिक्स संकुचन: यह एक ऐसा शारीरिक परिवर्तन है जो वास्तविक प्रसवपीड़ा शुरू होने तक जारी रहेगा। यह ऐसा संकुचन है जिसे आप बार-बार महसूस कर सकते हैं और जिस कारण आपको धोखा हो सकता है कि यह प्रसव का समय है।
  • स्ट्रेच मार्क्स: शिशु के बढ़ते आकार को समायोजित करने के लिए, आपके शरीर में खिंचाव होती है और स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। ये निशान आपके शिशु के विकास का संकेत है। आप स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइजर लगा सकती हैं। 
  • कमर दर्द: इस दौरान आप अपने वजन के साथ-साथ अपने बच्चे का वजन भी उठाती हैं जिसके परिणामस्वरूप तीव्र कमर दर्द हो सकता है। “रिलैक्सिन” नामक गर्भावस्था के हार्मोनों के उच्च स्राव के कारण भी कमर दर्द हो सकता है; आपके जोड़ ढीले होना शुरू हो जाते हैं, और विकसित पेट शरीर के गुरुत्वाकर्षण केंद्र को आगे की ओर खींच सकता है।
  • बार बार वॉशरूम जाना: आपकी तीसरी तिमाही में एक छींक से भी आपके कपड़ों में मूत्र त्याग हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि श्रोणि पर अतिरिक्त भार के कारण मूत्र नियंत्रण अप्रतिरोध्य हो जाता है।
  • स्तनों से दूध का स्राव: आपके स्तन दूध स्रावित करना शुरू कर सकते हैं, और यह संकेत हो सकता है, कि आप जल्द ही माँ बनने वाली हैं।

वजन बढ़ना

तीसरी तिमाही में वजन तीव्रता से बढ़ता है। यह वह समय होता है जब शिशु का वजन अधिकतम बढ़ता है। एक शोध के अनुसार, शिशु का वजन 27वें सप्ताह में लगभग 2 पाउंड से 32वें सप्ताह में 4 पाउंड तक होता है। गर्भावस्था के अंत तक यानि 40वें सप्ताह तक, शिशु का वजन 6-10 पाउंड से भिन्न हो सकता है।

शिशु के वजन के अलावा, आपके शरीर का वजन तरल पदार्थ, गर्भाशय द्रव, गर्भाशय का बढ़ा आकर, या अधिक रक्त का निर्माण के कारण बढ़ता है। यही कारण है कि एक चिकित्सक प्रथम दो तिमाहियों के दौरान तन्दुरुस्त रहने की सलाह देता है ताकि तीसरी तिमाही में पूरे शरीर का वजन सहन करना आसान हो जाए। यदि आप अतिरिक्त वजन बढ़ाना रोकना चाहते हैं तो सक्रिय और गतिशील रहना महत्वपूर्ण है।

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में करने योग्य व्यायाम

वे गर्भवती महिलाएं जो 40वें सप्ताह की अवधि के दौरान व्यायाम करना पसंद करती हैं उनका समग्र स्वास्थ्य उत्तम, वजन में नियंत्रण और मनोदशा भी अच्छी बानी रहती है। चिकित्सक गर्भवती महिलाओं को हमेशा हल्के व्यायाम करने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान अनुशंसित व्यायाम निम्नलिखित हैं :

  • टहलना और हल्का जॉगिंग: गर्भवती महिलाओं के लिए टहलना सबसे अच्छा व्यायाम है। आपको बस एक आरामदायक जूता पहनना है और एक समतल मैदान या घर के आसपास टहलना है। ध्यान रहें तेजी से न चलें नहीं तो आप जल्दी थक सकती हैं। अगर आपकी गर्भावस्था में कोई जटिलताएं नहीं हैं, तो आप धीमी गति से जॉगिंग भी कर सकती  हैं।
  • तैराकी: यदि आपके आसपास स्विमिंग पूल है, तो इसका उपयोग क्यों न करें? आप या तो स्विमिंग पूल में तैराकी कर सकती हैं या आसान जलीय गतिविधियां भी कर सकती हैं। ध्यान रहें, शरीर पर ज्यादा दबाव न डालें। 
  • योग: यह सबसे उत्तम व्यायामों में से एक है, जो आपको तंदरुस्त रहने, तनाव मुक्त करने और अपनी मनोदशा को ठीक रखने में मदद करता है। योग आपको कम दर्दनाक तरीके से प्रसव पीड़ा का सामना करने के लिए भी तैयार करता है। लगभग 20 मिनट तक ध्यान और योग करना पर्याप्त होगा लेकिन इसे दिन में दो बार करना अत्यधिक लाभदायक है।
  • शारीरिक भार व्यायाम: गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में आप स्क्वाट्स, दीवार के सहारे पुश-अप या दण्डासन को भी अपना सकती हैं। ये व्यायाम प्रसव पीड़ा के दौरान आवश्यक सहनशीलता बढ़ाने में मदद करते हैं। गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में क्रंचेज या किसी भी तरह के पेट की मांसपेशिओं से संबंधित व्यायाम करने से बचें।

बताए गए व्यायामों को करने से पहले अपने डॉक्टर या स्त्रीरोग विशेषज्ञ से सलाह लेने की सिफारिश की जाती है, जो आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद रहेगा। 

टेस्ट व स्कैन

तीसरी तिमाही में आपकी गर्भावस्था के वे अंतिम तीन महीने शामिल हैं जिनमें अत्यधिक देखभाल और सावधानी की आवश्यकता होती है। आवश्यक परीक्षणों और स्कैन के लिए नियमित रूप से चिकित्सक के पास जाना इन देखभालों में से एक है। निम्नलिखित टेस्ट और स्कैन हैं, जिनके बारे में आपको ज्ञात होना चाहिए:

  • अल्ट्रासाउंड स्कैन: तीसरी तिमाही का अल्ट्रासाउंड स्कैन पिछली दो तिमाहियों में किए गए स्कैन के समान ही होगा। इस परीक्षण से शिशु के सिर की स्थिति और वृद्धि की प्रगति को जानने में मदद मिलेगी।
  • इलेक्ट्रॉनिक फीटल हार्ट रेट मॉनिटरिंग: यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की जाती है कि शिशु का ह्रदय सामान्य मानकों के अनुसार हृदय गति के साथ उचित ढंग से काम कर रहा है या नहीं।
  • ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस स्क्रीनिंग: ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया सामान्य रूप से आंत्र, योनि, गले या मलाशय में पाए जाते हैं। यह वयस्कों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन विकासशील शिशु को संक्रमित कर सकता है। इस प्रकार एक डॉक्टर भ्रूण का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए इस बैक्टीरिया की जांच कर सकते हैं। 
  • एसटीआई परीक्षण: चिकित्सक यौन संचारित संक्रमणों जैसे क्लैमिडिया, एचआईवी, सूजाक और उपदंश की भी जाँच कर सकते हैं क्योंकि यह शिशु को भी प्रसारित हो सकता है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही का आहार

संपूर्ण गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पौष्टिक आहार आपको तीसरी तिमाही में प्रगतिशील रहने में मदद करेगा। इस दौरान आपको पता होना चाहिए कि आप क्या खाएं व क्या नहीं, क्योंकि यह आपके शिशु की सेहत का सवाल है जिसे आप जोखिम में नहीं डाल सकते हैं।

 क्या खाएं

  • दालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि वे फाइबर और प्रोटीन से समृद्ध होते हैं।
  • फल जैसे अमरूद, सेब, संतरा, कीवी या खरबूजे जैसे फलों को नियमित आहार योजना में शामिल किया जा सकता है क्योंकि वे ऊर्जा और आवश्यक विटामिन प्रदान करते हैं। वैसे, हम सलाह देंगे कि आप ताजे मौसमी फलों का ही सेवन करें। 
  • सूखे मेवे जैसे कि अखरोट, बादाम, किशमिश भी अपने आहार में शामिल करें क्योंकि ये विटामिन और फाइबर से समृद्ध होते हैं।
  • आहार में अवोकाडो को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यह फाइबर, विटामिन सी और विटामिन ई से समृद्ध है।
  • अंडे गर्भावस्था के दौरान आवश्यक वसा प्रदान करते हैं, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि केवल पूरी तरह पके हुए अंडों का ही सेवन करें।
  • सादा दही भी गर्भवती महिलाओं के लिए एक अनुशंसित विकल्प है क्योंकि यह पोषक तत्वों और स्वस्थ वसा का एक समृद्ध स्रोत है।

क्या न खाएं

  • अपास्चुरीकृत दूध और इससे बने किसी भी उत्पाद से बचें क्योंकि वे रोग उन्मुख सूक्ष्मजीवियों से भरे हो सकते हैं।
  • कच्ची मछली, मुर्गा या माँस खाने से बचें।
  • संसाधित भोजन और अस्वास्थ्यकर खाद्य पूर्णतः मना है।
  • अनानास, पपीता या अंगूर का भी परहेज करें।
  • कैफीन वाले किसी भी उत्पाद का सेवन न करें।
  • ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें क्योंकि इससे जल प्रतिधारण हो सकता है जिससे पैरों और उंगलियों में सूजन हो सकती है।

गर्भावस्था की अंतिम तिमाही की कार्य सूची

तीसरी तिमाही में गर्भावस्था की देखभाल बेहद महत्वपूर्ण है, यहाँ आपके लिए तीसरी तिमाही में स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कार्य सूची दी गई है:

  • निश्चित आहार योजना का पालन करके अपने वजन को नियंत्रित रखें और सलाह के अनुसार व्यायाम करें।
  • अपने और अपने शिशु के उत्तम स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी टेस्ट व स्कैन जरूर करवाएं।
  • अपने शिशु के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे कपड़े, डायपर, तौलिया, पाउडर, साबुन, क्रीम आदि खरीदें।
  • प्रसव पीड़ा के प्रबंधन के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें।
  • अपने अस्पताल के थैले को कंबल, बोतल और शिशु के आवश्यक सामान के साथ तैयार रखें।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में देखभाल

आपकी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान जिन प्रमुख सावधानियों को अपनाने की आवश्यकता है, उन्हें महीने दर महीने विभाजित किया गया है ताकि आप उनका आसानी से अनुवर्तन कर सकें।

गर्भावस्था का सातवां महीना

  • गर्भावस्था के सातवें महीने में, किसी भी तरह के भारी सामान को उठाने से बचें, जो आपके पेट और आपकी पीठ पर दबाव डाल सकता है।
  • सीढ़ियों से ऊपर या नीचे जाते समय रेलिंग का सहारा लें और यदि संभव हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल करें और सीढ़ियों को पूरी तरह परहेज करें।
  • सोते समय अपनी बाईं करवट पर सोएं क्योंकि इससे रक्त प्रवाह को बढ़ाने में सहायता मिलेगी और यह आपको बेहतर नींद दिलाने में भी मदद करेगा।
  • अधिक खाने से बचें क्योंकि इससे सीने में जलन या वजन में वृद्धि हो सकती है।

गर्भावस्था का आठवां महीना

  • अपने आप को बहुत अधिक थकाने से बचें और अपने शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें।
  • जब भी आप ब्रैक्सटन हिक्स संकुचन का अनुभव करना शुरू करें तो अपनी पीठ के बल लेट जाएं ।
  • अपने स्वास्थ्य का विवरण रखने के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार अपने चिकित्सक के पास अवश्य जाएं।
  • व्यायाम करना बंद न करें बल्कि अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद इसे जारी रखें।
  • लंबी यात्राओं पर जाने से परहेज करें और हवाई यात्राओं पर जाना रोक दें।
  • धूल भरे वातावरण में जाने से बचें क्योंकि यह भ्रूण के लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है।
  • जैसा कि पहले बताया गया है एक स्वस्थ आहार योजना बनाए रखें लेकिन अधिक नहीं खाएं।

गर्भावस्था का नौवां महीना

  • टहलने जाएं और स्वयं सकारात्मक सोच व मनोदशा बनाए रखें।
  • गर्भावस्था के नौवें महीने के दौरान यात्रा करना पूरी तरह से निषिद्ध है।
  • प्रसव की प्रक्रिया पर निर्णय लें और अंतिम क्षण की घबराहट से बचने के लिए पहले से ही सभी व्यवस्थाएं करें।
  • अंतिम चरणों में बच्चे के विकास का विवरण रखने के लिए साप्ताहिक जांच के लिए जाएं।
  • अधिक ताजे फल व प्राकृतिक जूस पिएं और एक स्वस्थ आहार बनाए रखें।
  • इस दौरान अकेले न रहें और किसी को हमेशा अपने पास रखें।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में ध्यान देने योग्य बातें

कभी-कभी जटिलताओं या अन्य अज्ञात कारणों के कारण, आपकी गर्भावस्था जोखिम के दायरे में आ सकती है। ध्यान देने योग्य चेतावनी के संकेत निम्नलिखित हैं जो चिकित्सक से मिलने की आवश्यकता को इंगित करते हैं :

  • तीसरी तिमाही में गर्भावस्था के दौरान सफेद स्राव होना सामान्य है, परन्तु यदि आप ध्यान दें कि यह स्राव बहुत अधिक है, और थोड़े ही समय में आपका अंतर्वस्त्र गीला हो जाता है तो चिकित्सक से परामर्श करना न भूलें।
  • किसी भी तरह के रक्तस्राव पर ध्यान दें और तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
  • यदि आपका चेहरा लाल हो जाता है, या आपकी साँस फूलती है और आप संकुचन अनुभव करती हैं, तो यह प्रसव का समय हो सकता है।
  • यदि आप गर्भावस्था के दौरान गंभीर पेट दर्द का अनुभव करती हैं, विशेषतः तीसरी तिमाही में, तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
  • चक्कर आना, जी मिचलना या उल्टी भी ध्यान देने योग्य खतरे के लक्षण हैं।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में देखभाल के टिप्स

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही को वजन में वृद्धि और हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होने वाली असुविधाओं से संबंधित होने के कारण जाना जाता है। तीसरी तिमाही की असुविधा का सामना करने में आपकी सहायता हेतु यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • अधिक सहनशील बनें और धैर्य रखें। घबराहट व दर्द से तुरंत परेशान होना सहायक नहीं होगा। इस समय असुविधाएं होंगी ही, आपको  बस सकारात्मक और शाँत रहना है। 
  • सोने से पहले बहुत अधिक पानी न पिएं क्योंकि इससे आपके बार बार शौचालय जाना पड़ सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष काउंसलिंग कक्षाओं में भाग ले सकती हैं जहाँ आपको कई विश्राम व्यायामों के साथ असुविधा का सामना करना सिखाया जाएगा।
  • अपने प्रियजनों को हमेशा पास रखें क्योंकि गर्भावस्था की यह अवधि असुविधाएं, नकारात्मक सोच या अन्य जटिलताओं को भी प्रेरित कर सकती हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
  • एक उचित मुद्रा में बैठें और अपनी कमर को सहारा देने के लिए एक कुर्सी का उपयोग करें क्योंकि इससे कमर दर्द से राहत मिल सकती है।

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही एक नाजुक अवधि होने के कारण, यह मार्गदर्शिका आपको 28वें सप्ताह से 40वें सप्ताह तक को पूर्णतया जानने में मदद करेगी। चिंता न करें, एक सुंदर शिशु के रूप में जब नई खुशी आपके जीवन में प्रवेश करेगी तब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

यह भी पढ़ें:

प्रसव के कुछ लक्षण जिन पर आपको नज़र रखनी चाहिए
प्रसव वेदना प्रेरित करने के सबसे अच्छे तरीके