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गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाएं अपने आहार को लेकर बहुत ज्यादा सचेत रहती हैं। एक गर्भवती महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में हर कोई अपनी राय देता है। इसलिए जाहिर है आपको कन्फ्यूजन्स भी बहुत होती होंगी। यदि आपको गर्भावस्था के दौरान हम्मस या हमस खाने के बारे में कोई भी सवाल है तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं। यहाँ हम चर्चा करेंगे कि गर्भावस्था के दौरान हम्मस खाना कितना सुरक्षित है व इससे एक गर्भवती महिला को क्या फायदे और जोखिम हो सकते हैं? तो इंतजार किस बात का, आइए जानते हैं।
काबुली चने या छोले को मैश करके पेस्ट या स्प्रेड के रूप में तैयार किया जाता है जिसे हम्मस या चने की चटनी कहते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में तिल का पेस्ट, नींबू का रस, ऑलिव ऑयल, लहसुन और थोड़ा सा नमक भी मिलाया जाता है। यदि आप गर्भावस्था के दौरान हम्मस खाने से डर रही हैं तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि आप इसे खा सकती हैं। इसे सही से बनाए, पैक किए और स्टोर किए जाने पर यह खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होता है। इस बात का ध्यान रखें कि आप इसे तभी खाएं जब आपको इसकी किसी भी सामग्री से कोई एलर्जी न हो।
जिन्हें इसकी सामग्रियों से कोई भी एलर्जी नहीं है उन्हें हम्मस खाने से न्यूट्रिशन मिलता है।
क्या गर्भावस्था के दौरान हम्मस खाना सुरक्षित है? नीचे दिए हुए चार्ट में हम्मस की न्यूट्रिशनल वैल्यू बताई गई है जिससे यह पता लगता है कि हम्मस एक बेहतर खाद्य पदार्थ है और इसे गर्भावस्था की डायट में भी शामिल किया जा सकता है। 100 ग्राम हम्मस में कितना न्यूट्रिशन होता है, आइए जानें;
न्यूट्रिएंट्स | मात्रा (प्रति 100 ग्राम) |
कार्बोहाइड्रेट | 15.7 ग्राम |
प्रोटीन | 6.1 ग्राम |
फैट | 11.9 ग्राम |
फाइबर | 4 ग्राम |
फोलेट | 69 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी | 2.2 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 29 मिलीग्राम |
आयरन | 1.6 मिलीग्राम |
आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान हम्मस या चने की चटनी का सेवन करने के क्या फायदे होते हैं।
हम्मस शरीर को एनर्जी प्रदान करता है इसलिए अक्सर गर्भवती महिलाओं को यह खाने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान हम्मस खाने के कुछ फायदे, इस प्रकार हैं;
ऊपर दिए हुए चार्ट के अनुसार 100 ग्राम हम्मस में लगभग 4 ग्राम प्रोटीन होता है। यह सभी जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन खाना कितना जरूरी होता है। शरीर में सेल्स का निर्माण करने के लिए प्रोटीन सबसे मुख्य न्यूट्रिएंट है और यह गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में भी मदद करता है। इसलिए विशेषकर गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना जरूरी है।
हम्मस में डायटरी फाइबर भी होता है। हम सभी जानते हैं कि ज्यादा से ज्यादा फाइबर का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं कम हो जाती हैं। यदि आप गर्भवती हैं और आपको कब्ज हो जाता है तो आप फाइबर-युक्त सब्जियों, जैसे गाजर के साथ हम्मस खा सकती हैं। यह आपकी पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक कर देगा।
गर्भावस्था के दौरान फॉलिक एसिड का सेवन करना भी अच्छा होता है और इससे न्यूरल ट्यूब के विकास में विकारों की संभावना कम होती है (भ्रूण की रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क से संबंधित विकार)। अक्सर गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भ में पल रहे बच्चे में न्यूरल ट्यूब से संबंधित विकार होते हैं जिसमें सबसे सामान्य स्पाइना बिफिडा और अभिमस्तिष्कता (ऐनेनसेफैली) है। हम्मस खाने से जन्म से संबंधित यह विकार भी ठीक हो जाते हैं।
गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भाग उसकी हड्डियों का विकास होता है। हम्मस में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है और यह हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है।
हम्मस काबुली चने या छोले से बनाया जाता है जिसमें कॉलिन नामक न्यूट्रिएंट होता है। कॉलिन मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के फंक्शन को सुधारने में मदद करता है और यह मांसपेशियों, मूड व याददाश्त के लिए भी बहुत अच्छा है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान डिप्रेशन से ग्रसित महिलाओं के लिए यह एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है।
यद्यपि हम्मस में कुछ न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो गर्भावस्था के लिए भी फायदेमंद हैं पर इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे कौन से साइड-एफ्फेक्ट्स हैं।
वैसे तो हम्मस बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है पर इसके कुछ जोखिम व साइड-इफेक्ट्स भी हैं। पैक किए हुए हम्मस में लिस्टिरिया होता है जो एक बैक्टीरिया होता है और यह बैक्टीरिया आपके गर्भ में पल रहे बच्चे व आपके लिए हानिकारक हो सकता है। यह बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है और इसकी वजह से ‘लिस्टरियॉसिस’ नामक बीमारी भी हो सकती है। इसलिए हम आपको सलाह देंगे कि आप घर में बनाया हुआ फ्रेश हम्मस ही खाएं।
यदि आप मार्केट से लाया हुआ हम्मस खा लेती हैं तो आपको खुद में लिस्टिरिया के लक्षण देखने की आवश्यकता है, जैसे बुखार, रैशेस, मुंह में सूजन, खांसी और सर्दी। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं क्योंकि आपको लिस्टरियॉसिस हो सकता है जिससे मिसकैरेज, प्रीमैच्योर डिलीवरी या मृत बच्चे का जन्म भी हो सकता है।
हम्मस में ताहिनी सॉस नामक एक सामग्री डाली जाती है जो तिल से बनती है। इसलिए जिन महिलाओं को तिल से एलर्जी होती है उन्हें हम्मस नहीं खाना चाहिए। यदि आप इसके कोई भी लक्षण, जैसे खांसी, मतली, उल्टी, चेहरे पर लालपन, पेट में दर्द या सांस लेने में समस्या दिखाई देते हैं तो इसका मतलब है कि आपको तिल के पेस्ट से एलर्जी है और आपको तुरंत इलाज करवाने की आवश्यकता है।
यदि आपको हम्मस या इसकी सामग्रियों से कोई भी एलर्जी नहीं है तो आप इसे घर में बनाकर भी खा सकती हैं। हम्मस को घर पर ही कैसे बनाया जा सकता है आइए जानते हैं।
आप गर्भवती हैं या नहीं हैं, हमेशा घर में हम्मस बनाएं और फ्रेश खाएं। आप अपने घर पर ही हम्मस कैसे बना सकती हैं, आइए जानें;
सामग्री
विधि
हम्मस विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के साथ खाने के लिए बेहतरीन है। यहाँ बताया गया है कि आप गर्भावस्था के दौरान किन खाद्य पदार्थों के साथ हम्मस खा सकती हैं और कौन से खाद्य पदार्थ आपके लिए सुरक्षित हैं। अपनी सुरक्षा के लिए आप किसी भी सामग्री को अच्छी तरह से धोने के बाद ही उसे खाएं या पकाएं।
आप फ्रेश हम्मस को डिप के रूप में नान के साथ खा सकती हैं। यदि आप नान नहीं खाना चाहती हैं तो इसके बजाय वेजिटेबल स्टिक्स ले सकती हैं। हम्मस के साथ आप गाजर, खीरा, शिमला मिर्च, मूली, शलजम, चेरी टोमैटो और इत्यादि हेल्दी सब्जियां भी खा सकती हैं। इसे सैंडविच में लगाकर भी खाया जा सकता है। आप सैंडविच में टमाटर और चीज़ के साथ हम्मस लगाकर खा सकती हैं और यह आपका एक बेहतर स्नैक रहेगा।
हम्मस या चने की चटनी बहुत हल्की, स्वादिष्ट और न्यूट्रिशियस होती है और इसे आप गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में भी शामिल कर सकती हैं। हालांकि आपको हमेशा अपने आहार से संबंधित आवश्यकताओं के बारे में ध्यान रखना चाहिए और गर्भावस्था में कोई भी चीज बहुत ज्यादा नहीं खानी चाहिए। इसके अलावा हमेशा फ्रेश और घर पर बनी हुई हम्मस संयमित मात्रा में ही खाएं ताकि आपको स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं न हों।
स्रोत: Livestrong
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