गर्भावस्था

गर्भावस्था के बारे में 15 सबसे आम मिथक और फैक्ट्स

हम सब जानते हैं, कि गर्भावस्था का समय जितना एक्साइटिंग होता है, यह उतना ही कन्फ्यूजिंग भी होता है। आपकी पहचान का लगभग हर व्यक्ति प्रेगनेंसी के बारे में कुछ ना कुछ जानकारी देता रहता है और आपके मन में असमंजस पैदा होना, कि किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं, बिल्कुल सामान्य है। जहां प्रेगनेंसी के बारे में कुछ मिथकों को साबित करने के लिए तथ्य उपलब्ध नहीं हैं, वहीं इनमें से केवल कुछ बातें ही विश्वसनीय होती हैं। 

गर्भावस्था के बारे में आम मिथक जो आपको पता होने चाहिए:

1. मिथक: गर्भवती होने के दौरान कभी-कभी एक गिलास वाइन पी लेने में कोई बुराई नहीं है। 

कुछ लोगों का मानना है, कि गर्भावस्था के दौरान कभी कभार वाइन पीना कोई नुकसान नहीं करता है और बच्चे पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। 

तथ्य: गर्भावस्था के दौरान किसी भी कीमत पर शराब से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इस दौरान शराब की कितनी मात्रा सुरक्षित होती है इसे लेकर कोई अध्ययन नहीं किए गए हैं। जो महिला प्रेगनेंसी के दौरान अल्कोहल का सेवन करती है, उसके बच्चे को एफएएसडी (फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर) का खतरा हो सकता है। जो महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, उनके बच्चों में जन्मजात बीमारियों और मस्तिष्क और सेल्स में खराबी की संभावना अधिक होती है। 

2. मिथक: गर्भावस्था में 2 लोगों का खाना खाना चाहिए। 

अधिकतर समाज में ऐसी मान्यता है, कि गर्भवती होने पर आपको 2 लोगों के लिए खाना खाना चाहिए। 

तथ्य: गर्भवती महिला को बच्चे को सपोर्ट करने के लिए केवल अपनी कैलोरी की मात्रा थोड़ी बढ़ाने की जरूरत होती है और 2 लोगों के लिए खाना खाने की जरूरत नहीं होती है। इस दौरान जरूरी कैलोरी की उचित मात्रा मां के कद, वजन और गतिशीलता के साथ-साथ इस बात पर भी निर्भर करती है कि वह गर्भावस्था की किस तिमाही में है। औसतन महिला को गर्भावस्था के दौरान लगभग 300 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती है। 

3. मिथक: गर्भवती महिला को बार-बार नहाना नहीं चाहिए। 

अक्सर गर्भवती महिला को हर दिन न नहाने की सलाह दी जाती है। 

तथ्य: इस मिथक का कोई भी आधार नहीं है। नहाने से आपका शरीर साफ रहता है और कीटाणुओं से मुक्त रहता है, जो कि आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह साफ सफाई का एक अच्छा तरीका है और गर्भावस्था के दौरान भी यह बिल्कुल उसी तरह जारी रहना चाहिए जैसे कि अन्य दिनों में रहता है। 

लेकिन आपको अधिक गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए, क्योंकि इससे आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है और बच्चे में विकास संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। नियम के अनुसार नहाने का पानी इतना गर्म नहीं होना चाहिए, कि आपके शरीर का तापमान 102.2 फारेनहाइट तक बढ़ जाए। गर्भवती महिला के लिए 98.6 फारेनहाइट तापमान का पानी सुरक्षित माना जाता है। 

4. मिथक: बच्चे का लिंग उसके हार्ट रेट और आपके पेट के आकार पर निर्भर करता है। 

ऐसा कहा जाता है, कि अगर आपका पेट नीचे की ओर झुका हुआ हो, तो लड़का होता है और अगर वह ऊपर की ओर हो, तो लड़की होती है। ऐसा भी माना जाता है, कि अगर बच्चे की हृदय गति तेज हो तो लड़की होती है और अगर धीमी हो तो लड़का होता है। 

तथ्य: पेट का उभार पूरी तरह से महिला की शारीरिक बनावट पर निर्भर करता है। इसमें आपका मसल टोन, पेट की मांसपेशियों की मजबूती, डिलीवरी की संख्या, शरीर की पोजीशन और यूटराइन मसल्स की बनावट शामिल है। जहां तक गर्भस्थ शिशु की हृदय गति की बात है, तो यह पूरी प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के स्वास्थ्य और उम्र पर निर्भर करता है। इसलिए यह भी प्रेगनेंसी से संबंधित केवल एक मिथक है। 

5. मिथक: पपीता और अनानास खाने से मिसकैरेज हो सकता है। 

माना जाता है, कि पपीता और अनानास खाने से लेबर प्रेरित हो सकता है या मिसकैरेज हो सकता है और इसलिए महिला को गर्भवती होने के दौरान इन्हें नहीं खाना चाहिए। 

तथ्य: कच्चे पपीते के लेटेक्स में ककिमोपेपेन नामक एक पदार्थ होता है, जिसे गर्भाशय के कॉन्ट्रैक्शन से जोड़ा जाता है। अनानास में ब्रोमलेन नामक एक एंजाइम होता है, जिसे अधिक मात्रा में खाने से गर्भाशय में कॉन्ट्रैक्शन हो सकते हैं। लेकिन ऐसे नकारात्मक प्रभाव केवल तभी दिखते हैं, जब इन्हें असामान्य रूप से बड़ी मात्रा में लिया जाए। इन दोनों को अगर सीमित मात्रा में लिया जाए तो गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद ही होते हैं। 

6. मिथक: गर्भावस्था के दौरान संतरा और केसर खाने से बच्चा गोरा पैदा होता है। 

भारत में एक आम मान्यता है, कि गर्भवती महिला के केसर वाला दूध पीने से या संतरे खाने से बच्चे का रंग साफ होता है।

तथ्य: बच्चे का रंग आनुवंशिक रूप से निर्धारित होता है और किसी खास खाद्य पदार्थ के सेवन से इस पर कोई असर नहीं होता है। 

7. मिथक: गर्भावस्था के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए। 

ऐसा माना जाता है, कि गर्भावस्था के दौरान यौन संबंध बनाने से मिसकैरेज हो सकता है या लेबर शुरू हो सकता है। 

तथ्य: सेक्स लेबर इंड्यूस नहीं करता है। प्रेगनेंसी के दौरान अपने साथी के साथ इंटरकोर्स में शामिल होना पूरी तरह सुरक्षित है। बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए, कि इसके लिए ऐसी पोजीशन चुननी चाहिए जिसमें आपके पेट पर ज्यादा दबाव न पड़े। आपका बच्चा एक पानी की थैली के अंदर होता है, जो उसे सुरक्षित रखती है। इसके अलावा आपके सर्विक्स में भी एक म्यूकस प्लग होता है, जो कि बच्चे को संक्रमण से सुरक्षित रखता है। लेकिन अगर आपको प्लेसेंटा प्रीविया, डाइलेटेड सरविक्स, सर्वाइकल इंसफिशिएंसी, रप्चर्ड मेंब्रेन, एबनॉर्मल डिस्चार्ज जैसी जटिलताएं हैं और प्रीमैच्योर लेबर का खतरा है, तो डॉक्टर आपको शारीरिक संबंध बनाने से मना कर सकते हैं। 

8. मिथक: घी या मक्खन खाने से आप की डिलीवरी आसान हो जाती है। 

ऐसा माना जाता है, कि घी खाने से गर्भाशय कॉन्ट्रैक्ट होता है और सर्विक्स मुलायम बनता है, जिससे डिलीवरी आसानी से हो जाती है। 

तथ्य: एक नॉर्मल डिलीवरी कई बातों पर निर्भर करती है, जैसे पेट में पल रहे शिशु का आकार, उसकी पोजीशन, उसकी स्थिति, आपके पेल्विस का आकार आदि। घी या मक्खन खाने से इन सब बातों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 

9. मिथक: गर्भावस्था के दौरान आपकी त्वचा ग्लो करने लगती है। 

ऐसा माना जाता है, कि गर्भवती होने के कारण आपकी त्वचा चमकदार हो जाती है और आपको एक खूबसूरत प्राकृतिक ग्लो देती है। 

तथ्य: प्रेगनेंसी ग्लो वाली बात में थोड़ी सच्चाई है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून का प्रवाह तेज हो जाता है, जिससे आपकी त्वचा को नमी और पोषण मिलता है। इसके साथ ही हार्मोन्स में आने वाला उछाल भी आपकी त्वचा को अधिक स्वस्थ और चमकीला दिखाता है। 

लेकिन हर महिला को ऐसा ही अनुभव हो ऐसा जरूरी नहीं है। कई महिलाओं को मुहांसों की समस्या और त्वचा की अन्य समस्याएं होती हैं, जिससे उनकी त्वचा की स्थिति बिगड़ जाती है। अच्छी बात यह है कि गर्भावस्था के बाद यह सब सामान्य हो जाता है। 

10. मिथक: गर्भवती महिला को एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। 

प्रेगनेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से बच्चे को नुकसान हो सकता है और मिसकैरेज या प्रीमैच्योर लेबर प्रेरित हो सकता है। 

तथ्य: गर्भवती होने के दौरान नियमित रूप से सीमित मात्रा में एक्सरसाइज करना बिल्कुल सुरक्षित है। यह आपको डिलीवरी के लिए तैयार रहने में मदद करता है। डॉक्टर अक्सर इसी कारण से महिलाओं को सीमित मात्रा में एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। लेकिन यह जरूरी है, कि आप खुद पर अधिक जोर न डालें। किसी भी तरह की एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। 

11. मिथक: गर्भावस्था के दौरान आपको फ्लाइट की यात्रा नहीं करनी चाहिए। 

गर्भवती होने के दौरान सफर करना बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं होता है। एयरपोर्ट के स्कैनर के रेडिएशन और कुछ हवाई यात्राओं की लंबी अवधि के कारण ऐसा कहा जाता है। 

तथ्य: यह सच है कि लंबी दूरी की हवाई यात्रा (5 घंटे से अधिक) समस्याएं पैदा कर सकती है। खासकर अगर आपको ब्लड क्लॉट बनने की समस्या हो तो। इसलिए लंबी दूरी की हवाई यात्रा से बचना सबसे अच्छा है। लेकिन अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा है और आपकी प्रेगनेंसी नॉर्मल है, तो आप आसानी से हवाई यात्रा कर सकती हैं। अधिकतर एयरलाइंस लेट प्रेगनेंसी (तीसरी तिमाही) से गुजर रही गर्भवती महिलाओं पर रोक लगाते हैं, ताकि रास्ते में लेबर से बचा जा सके। 

12. मिथक: तीखा और मसालेदार खाना खाने से लेबर शुरू हो सकता है। 

ऐसा माना जाता है कि गर्म और तीखा खाना खाने से गर्भपात हो सकता है और लेबर शुरू हो सकता है। 

तथ्य: इसे सच साबित करने वाला कोई भी सबूत उपलब्ध नहीं है। तीखा और मसालेदार खाने का सिर्फ एक ही नुकसान है और वह है बाद में होने वाली गैस और हार्टबर्न की समस्या। अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अपने खाने में सीमित मात्रा में तीखा खाना शामिल करती हैं, तो इससे आपको कोई नुकसान नहीं होता है। 

13. मिथक: गर्भवती महिलाओं को पालतू बिल्लियां नहीं रखनी चाहिए। 

गर्भवती महिलाओं को अक्सर बिल्लियों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, ताकि पैरासाइट के संपर्क से बचाव हो सके। 

तथ्य: बिल्लियों से दूर रहने की बात आंशिक रूप से सच है। बिल्ली के मल में एक वायरस होता है, जिससे टॉक्सोप्लास्मोसिस नामक इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए सबसे अच्छा यही है, कि वायरस से बचने के लिए आप अपनी बिल्ली के मल से दूर रहें। 

14. मिथक: अगर आपको हार्टबर्न की समस्या है, तो आपके बच्चे के सिर पर अधिक बाल होंगे। 

ऐसा माना जाता है कि अगर आप को नियमित रूप से हार्टबर्न की समस्या होती है, तो आपके बच्चे के सिर पर घने बाल होते हैं। 

तथ्य: इस मिथक के पीछे कोई भी वैज्ञानिक सबूत उपलब्ध नहीं है। बच्चे के सिर पर कितने बाल होंगे, यह सब आनुवांशिक बातों पर निर्भर करता है। जब गर्भस्थ शिशु का आकार बढ़ता है और पेट पर दबाव पड़ता है और इसोफेगस में एसिड फोर्स होता है, तब हार्टबर्न की समस्या देखी जाती है। यह प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में आने वाली बढ़ोतरी के कारण भी हो सकता है, जो कि इसोफेगस और पेट के बीच वाल्व को रिलैक्स करती है और स्टमक एसिड को इसोफेगस तक आसानी से पहुंचने में मदद करती है। 

15. मिथक: गर्भावस्था के दौरान आपको अपने हाथों को सिर के ऊपर नहीं ले जाना चाहिए। 

ऐसा माना जाता है, कि गर्भवती होने के दौरान अपने हाथों को सिर के ऊपर फैलाने से अंबिलिकल कॉर्ड बच्चे की गर्दन में लिपट सकती है। 

तथ्य: इस मिथक को सपोर्ट करने वाले सबूत उपलब्ध नहीं हैं और अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर फैलाना बिल्कुल सुरक्षित है। 

प्रेगनेंसी की जानकारी देने के साथ ही, इससे जुड़े मिथक और अजीब बातों की बारिश होना आम बात है। जहां इनमें से कुछ बातों में थोड़ी सच्चाई होती है, वहीं अन्य बातें बिल्कुल सुनी सुनाई बात होती है, जिनका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं होता है। इसलिए ऐसे किसी भी मिथक पर विश्वास करने से पहले डॉक्टर से बात करने और मदद लेने की सलाह दी जाती है। 

स्रोत 1: Healthline
स्रोत 2: Medical News Today

यह भी पढ़ें: 

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पूजा ठाकुर

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