गर्भावस्था

प्रीमैच्योर जन्म के आम कारण

जैसे ही आपको अपने गर्भवती होने की खबर मिलती है, आप बस अपने बच्चे को गोद में लेने और उसे गले लगाने के सपने देखने लगती हैं। कुछ मामलों में, आपका बच्चा जल्दी या समय से पहले जन्म ले सकता है इसलिए अगर आपके बच्चे का जन्म प्रेगनेंसी के 37 सप्ताह से पहले हुआ है, तो उसे प्रीमी (प्रीमैच्योर बेबी) कहा जाता है। अगर कोई बच्चा गर्भावस्था के 23वें सप्ताह से पहले जन्म लेता है, तो उसका मां के गर्भ के बाहर जीवित रहना नामुमकिन होता है, लेकिन वहीं समय से पहले लेकिन गर्भावस्था के 28वें सप्ताह के बाद जन्म लेने वाले बच्चे की बाद जीवित रहने की दर 90 प्रतिशत तक होती है। अब, यहां यह सवाल उठता है कि बच्चों के जल्दी पैदा होने का कारण क्या है? प्रीटर्म डिलीवरी के कई कारण होते हैं। नीचे दिए गए लेख में, हम समय से पहले बच्चे के जन्म के विभिन्न सामान्य कारणों पर चर्चा करेंगे।

प्रीमैच्योर डिलीवरी होने के सामान्य कारण क्या हैं?

आमतौर पर बच्चे के जन्म की तारीख से तीन सप्ताह पहले होने वाली डिलीवरी को समय से पहले होने वाली डिलीवरी (प्रीमैच्योर लेबर) कहा जाता है और यह देखा गया है कि जो बच्चे जल्दी पैदा होते हैं उनमें कुछ मेडिकल समस्याएं हो सकती हैं। ये अलग- अलग हो सकती हैं, जिसका अर्थ है कि बच्चे का जन्म जितनी जल्दी होगा, उसे विभिन्न बीमारियों का खतरा भी उतना ही ज्यादा होगा। हम नीचे समय से पहले जन्म के कुछ सामान्य कारणों पर बात करेंगे और जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है:

1. प्रीनेटल डिस्ऑर्डर

प्रेगनेंसी से जुड़ी कुछ समस्याएं या डिलीवरी से पहले के विकार होते हैं जो समय से पहले प्रसव का कारण बन सकते हैं जैसे:

  • सर्विक्स और यूट्रस में असामान्यताएं

कभी-कभी यूट्रस यानी गर्भाशय के असामान्य आकार के कारण या कुछ मामलों में, अगर सर्विक्स डिलीवरी से पहले खुल जाता है, तो इससे कॉन्ट्रैक्शन जल्दी शुरू हो सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आपके बच्चे का समय से पहले जन्म हो सकता है।

  • प्री-एक्लेमप्सिया

यह स्थिति प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर और पेशाब में प्रोटीन के जमा होने के कारण बन सकती है। समय से सही इलाज न मिल पाने पर, प्री-एक्लेमप्सिया समय से पहले प्रसव का कारण बन सकता है।

  • एचईएलएलपी सिंड्रोम

यह एक बहुत ही दुर्लभ और जानलेवा बीमारी है, जिसमें तीन स्थितियां शामिल होती हैं। जहां एच का अर्थ हेमोलिसिस या लाल रक्त कोशिकाओं का टूटना होता है, ईएल का मतलब ऐलिवेटेड लिवर एंजाइम होता है और एलपी का मतलब प्लेटलेट्स के सबसे निचले स्तर से होता है। इन सभी स्थितियों के एक साथ होने पर समय से पहले डिलीवरी हो सकती है।

  • योनि में इंफेक्शन

बैक्टीरियल वेजाइनोसिस और जेनिटल्स यानी जननांगों में होने वाले अन्य इंफेक्शन भी समय से पहले डिलीवरी होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

2. प्रेगनेंसी का इतिहास

आपकी प्रेगनेंसी का इतिहास भी प्रीटर्म लेबर होने का कारण बन सकता है, इसमें शामिल बातें हैं : 

  • मिसकैरेज

अगर आपकी पहली किसी प्रेगनेंसी में मिसकैरेज हुआ है, तो ऐसे में अब आपकी प्रीमैच्योर डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है और अगर यह मिसकैरेज गर्भावस्था के काफी आगे बढ़ने के बाद हुआ था तो जोखिम और भी ज्यादा है।

  • अबॉर्शन

अगर आपने अबॉर्शन का रास्ता चुना था, तो समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बढ़ जाता है और अगर आप अबॉर्शन कराने के छह महीने में ही दोबारा गर्भवती हो जाती हैं तो जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ सकता है।

  • पिछली प्रीटर्म डिलीवरी

अगर आपकी पहले की डिलीवरी भी समय से पहले हुई थी, तो इस बात की आशंका काफी बढ़ जाती है कि वर्तमान की डिलीवरी भी समय से पहले हो। इससे आपके अविकसित बच्चे का जन्म होने की संभावना भी बढ़ जाती है या बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।

3. जुड़वां या उससे अधिक बच्चों के साथ गर्भवती होना

अगर आप जुड़वां या उससे ज्यादा बच्चों को जन्म देने वाली हैं, तो ऐसे में आपकी समय से पहले डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है। आमतौर पर देखा गया है कि लगभग 60 फीसदी जुड़वां बच्चे और 90 फीसदी तीन बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं। जहां एक बच्चा लगभग 39 सप्ताह में जन्म लेता है, वहीं जुड़वा बच्चे लगभग 36 सप्ताह में जन्म लेते हैं, तीन बच्चे लगभग 32 सप्ताह में और लगभग 30 सप्ताह में चार बच्चे जन्म लेते हैं। अगर आप एक से अधिक बच्चों की मां बनने वाली हैं, तो ऐसे में आपके डॉक्टर को आपके स्वास्थ्य पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए, क्योंकि एक से ज्यादा बच्चे के साथ, आपकी प्रेगनेंसी का समय कम हो सकता है।

4. समय से पहले बच्चे के जन्म का पारिवारिक इतिहास होना

पारिवारिक इतिहास और जेनेटिक्स भी यह तय करने में बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं कि आप समय से पहले बच्चे को जन्म देंगी या नहीं। अगर परिवार में समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों का इतिहास मौजूद है, जिसमें प्रीमी भाई-बहन शामिल हो सकते हैं या आप स्वयं भी प्रीमी थीं तो इससे आपकी डिलीवरी भी प्रभावित हो सकती है। 

5. उम्र

ऊपर बताए गए कारणों के अलावा एक अन्य कारण है जो आपकी प्रीटर्म डिलीवरी होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है वह है आपकी उम्र। अगर आप एक युवा माँ हैं और आपकी उम्र 17 वर्ष से कम है, तो समय से पहले डिलीवरी होने की आशंका अधिक होती है और दूसरी डिलीवरी के समय में यह खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अगर आपकी आयु 35 वर्ष या उससे अधिक है, तो आपका प्रीमी बेबी होने की संभावना बढ़ जाती है। 40 वर्ष की आयु पार करने पर जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है, तो भी आपकी समय से पहले डिलीवरी होने संभावना बढ़ जाती है

6. गर्भावस्था के दौरान तनाव

तनाव हमारे शरीर के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता है और प्रेगनेंसी के दौरान तो बेहद नुकसानदेह साबित होता है। गर्भावस्था के दौरान जब भी आप तनाव में होती हैं, तो आपका शरीर कोर्टिसोल और एपिनेफ्रीन नामक हर्मोन छोड़ता है, इसके साथ ही यह कॉर्टिकोट्रोफिन हार्मोन को भी रिलीज करने में मदद करते हैं। कॉर्टिकोट्रोफिन शरीर में एस्ट्रिऑल और प्रोस्टाग्लैंडीन के स्तर को बढ़ाता है। ये सब हार्मोन आपके शरीर पर नकारात्मक असर डालते हुए आपकी डिलीवरी को समय से पहले करवा सकते हैं। इसलिए, एक होने वाली मां को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना भी जरूरी है।

7. गर्भधारण के बीच कम अंतर होना

गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर कई सारे बदलावों से गुजरता है। ऐसे में डिलीवरी के बाद शरीर में आने वाली कमजोरी और बार-बार स्तनपान करवाने से शरीर अपने जरूरी पोषक तत्वों को पूरी तरह से खो देता है, इसलिए अगर आप दूसरे बच्चे को जन्म देने की योजना बना रही हैं, तो पहले अपने शरीर को ठीक और रिकवर करना बहुत जरूरी है, जिसका सीधा अर्थ है कि दूसरी डिलीवरी से पहले खुद को पूरी तरह से तैयार करना। अगर आप अपनी पिछली डिलीवरी के तुरंत बाद ही गर्भधारण कर लेती हैं, तो हो सकता है कि आपका शरीर बच्चे को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार न हो। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि प्रजनन प्रणाली (रिप्रोडक्टिव सिस्टम) नए बच्चे को सहारा देने के लिए तैयार नहीं हो सकती है और इस तरह समय से पहले डिलीवरी हो सकती है। अगर आप दोबारा गर्भवती होने के बारे में सोच रही हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि आप फिर से कंसीव करने के लिए कम से कम डेढ़ साल (18 महीने) तक इंतजार करें।

8. शराब और धूम्रपान

जब आप गर्भवती हो जाती हैं, तो आपसे एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए जरूरी अलग-अलग चीजों को जीवनशैली में बदलाव करके अपनाने की अपेक्षा की जाती है जबकि अल्कोहल और स्मोकिंग को अपनी जीवनशैली से बाहर करने की जरूरत होती है। इससे समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है और आपकी प्रेगनेंसी या बच्चे में भी कई सारे कॉम्प्लिकेशन्स उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे कि बच्चे का कम वजन, प्लेसेंटा से जुड़ी जटिलताएं और कुछ मामलों में बच्चे की मृत्यु होना भी। गर्भावस्था के दौरान न केवल एक्टिव स्मोकिंग बल्कि पैसिव स्मोकिंग भी खतरनाक होती है।

यहां कुछ कारण बताए गए हैं जो आपके समय से पहले डिलीवरी की संभावना को बढ़ा सकते हैं। ऐसे कई और कारण भी हो सकते हैं और समय से पहले डिलीवरी होने पर कई बार मेडिकल कॉम्प्लिकेशन्स भी उत्पन्न हो सकते हैं। अगर आप गर्भवती हैं और आपको प्रीटर्म डिलीवरी होने का खतरा है, तो अपने खतरे के बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं, ताकि वह भी आपकी हेल्थ पर बारीकी से नजर बनाए रख सकें। साथ ही वह प्रीमैच्योर डिलीवरी के अधिकतर कॉम्प्लिकेशन्स का ध्यान रखते हुए सही मेडिकल देखभाल और मदद कर सकें।

यह भी पढ़ें:

प्रीटर्म लेबर से कैसे बचें
मेडिकल अबॉर्शन: प्रक्रिया, जोखिम और साइड इफेक्ट्स
गर्भावस्था के दौरान प्रीटर्म प्रीमैच्योर रप्चर ऑफ मेंब्रेन (पीपीआरओएम)

समर नक़वी

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