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गर्भपात या मिसकैरेज के बाद सीधे गर्भ धारणकरने की कोशिश करने वाले कई कपल आमतौर पर फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं को लेकर चिंतित रहते हैं। समय से पहले मिसकैरेज होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन पहले कुछ हफ्तों में इसके होने का एक सामान्य कारण क्रोमोसोम का अनियमित होना होता है। लेकिन ऐसे मामलों में, एक महिला की गर्भावस्था को पूरे समय तक लाने की क्षमता कमजोर नहीं हो सकती है। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां स्वास्थ्य कारणों से गर्भपात होता है, यह भविष्य में महिला की फर्टिलिटी क्षमता पर प्रभाव डालता है।
मिसकैरेज की एक घटना से भविष्य में होने वाले गर्भपात के जोखिम की भविष्यवाणी करना संभव नहीं होता है। स्वस्थ महिलाएं जिनका गर्भपात हो चुका है, उनके बाद के गर्भधारण के सफलतापूर्वक होने की संभावना बहुत अधिक होती है। फिर भी, उन मामलों में जोखिम बढ़ने की संभावना है जहां महिलाएं 35 साल से अधिक हैं और गर्भपात की दो या अधिक घटनाएं हुई हैं।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जब पीरियड साइकिल नियंत्रित हो जाती है तो गर्भपात के बाद एक महिला की फर्टिलिटी क्षमता बढ़ सकती है, जबकि कुछ इस धारणा को पूरी तरह से गलत मानते हैं। हालांकि, इस संबंध में कोई पूर्ण स्पष्टता नहीं है क्योंकि अलग-अलग स्टडीज से अलग-अलग परिणाम सामने आते हैं। किसी भी निर्णायक सबूत के अभाव में निश्चित रूप से यह बताना मुश्किल हो जाता है कि गर्भपात के बाद फर्टिलिटी क्षमता में सुधार हुआ है या नहीं।
हालांकि, डॉक्टर दोबारा गर्भधारण करने से पहले मिसकैरेज के बाद कुछ महीने इंतजार करने की सलाह देते हैं। सही तरीके से, गर्भपात के बाद डॉक्टर को महिला की शारीरिक स्थिति और मेडिकल इतिहास का आकलन जरूर करना चाहिए और उसके अनुसार यह तय करना चाहिए कि क्या वह दूसरी गर्भावस्था के लिए मेडिकल रूप से फिट है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और इसमें कई तरह के मुकाबला करने और इलाज के तंत्र होते हैं। कुछ महिलाएं कुछ हफ्तों में तैयार हो सकती हैं, जबकि कुछ को ठीक होने में अधिक समय लगता है।
2018 में की गई एक स्टडी ने सुझाव दिया कि गर्भपात के बाद गर्भधारण करने की क्षमता बरकरार रहती है, 3 या अधिक लगातार गर्भपात के बाद फर्टिलिटी क्षमता का लेवल प्रभावित होता है। ऐसे में स्टडी में कहा गया है कि अगर गर्भावस्था (लगभग 6 महीने) के बीच पर्याप्त समय रखा जाए तो फर्टिलिटी क्षमता के लेवल को बनाए रखा जा सकता है।
फर्टिलिटी क्षमता को बेहतर होने की अवधि में कपल को दूसरी प्रेगनेंसी की कोशिश नहीं करनी चाहिए। शारीरिक पहलू से अधिक कई लोग भावनात्मक पहलू पर ध्यान देना पसंद करते हैं क्योंकि गर्भपात के बाद गर्भधारण करने के लिए महिला का भावनात्मक स्वास्थ्य उसकी संभावना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिन कपल का गर्भपात हुआ है, उनके अपराधबोध, उदासी और नुकसान के कई तरह के भावनाओं से जूझने की संभावना बढ़ती है। यह महत्वपूर्ण है कि वो कपल एक और गर्भावस्था पर विचार करने से पहले इन भावनाओं से निपटना सीख लें।
गर्भपात के बाद फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं।
मिसकैरेज के बाद फर्टिलिटी क्षमता की तीव्रता कम नहीं होती है। हालांकि, इमोशनल परेशानियां फर्टिलिटी क्षमता पर असर डालती हैं। बता दें कि सकारात्मक सोच रखने और तनाव कम करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है। आप हमेशा एक फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह ले सकती हैं जो किसी भी अंतर्निहित कारणों का पता लगाने के लिए सही फर्टिलिटी टेस्ट का सुझाव देते हैं और मेडिकल इलाज से जुड़ा सही मार्गदर्शन करते हैं।
स्रोत: Mayo Clinic
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