गर्भावस्था

गर्भावस्था में सप्लीमेंट्स – आवश्यकता, क्या सुरक्षित हैं एवं क्या असुरक्षित

एक गर्भवती महिला को हर जगह सही तरह के पोषण और संतुलित आहार के बारे में सलाह मिलती रहती है और ऐसे में उसे इन सब बातों को समझने में और सही फैसला करने में बहुत दुविधा महसूस हो सकती है। कुछ सी-फूड, शराब और सिगरेट जैसी ज्यादातर चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, यह तो सभी जानते हैं। लेकिन ऐसे कुछ खास विकल्प होते हैं, जो कि देखने पर हेल्दी महसूस हो सकते हैं, लेकिन इनका सेवन करने से निश्चित रूप से बचना चाहिए। ये ज्यादातर प्रेगनेंसी में आयरन सप्लीमेंट एवं अन्य सप्लीमेंट के सेवन से संबंधित होते हैं। इनमें से कौन सुरक्षित होते हैं और कौन असुरक्षित होते हैं? यह जानने के लिए आगे पढ़ें। 

गर्भावस्था में सप्लीमेंट्स की जरूरत क्यों होती है?

प्रेगनेंसी में सप्लीमेंट्स जरूरी क्यों होते हैं, इसकी जानकारी नीचे दी गई है: 

  • हर महिला के खानपान की जरूरतें अलग होती हैं और उसे खास पोषक तत्वों की जरूरत हो सकती है। विभिन्न माध्यमों से नियमित रूप से अच्छी मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मिलना गर्भवती महिला के लिए बेहद जरूरी है।
  • गर्भावस्था की पूरी अवधि के दौरान प्रोटीन बेहद जरूरी होता है, क्योंकि यह पूरा समय एक नए जीवन के विकास का समय होता है और इसमें बहुत प्रोटीन की जरूरत होती है। इनमें से अधिकतर प्रोटीन को मीट, अंडे और अन्य स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन अगर इसकी मात्रा पर्याप्त न मिले या अगर आप शाकाहारी हैं, तो आपको प्रोटीन की उचित मात्रा को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट की जरूरत हो सकती है।
  • वहीं दूसरी ओर सब्जियों में बहुत अधिक मिनरल्स होते हैं, खासकर हरी पत्तेदार सब्जियों में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि फोलेट और आयरन, जो कि गर्भस्थ शिशु के स्वस्थ विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। लेकिन सब्जियों में इनकी मात्रा उतनी नहीं होती है, जितने की आपको जरूरत होती है और ऐसे में विटामिन और मिनरल्स के अन्य स्रोतों की जरूरत हो सकती है।
  • हर फैट बुरा नहीं होता है और इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ फैट की अच्छी मात्रा के सेवन की जरूरत होती है, न कि ट्रांस फैट्स की। शिशु में अंगों के विकास, उसके मस्तिष्क के विकास और मां के शरीर में दूध के उत्पादन के लिए फैट काफी जरूरी होते हैं। फैट को बहुत से स्रोतों से पाया जा सकता है, लेकिन अगर आप शरीर में दूध के उत्पादन से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं या आपके डॉक्टर बच्चे के विकास को देखकर संतुष्ट नहीं हैं, तो हो सकता है कि आप फैट का कम सेवन कर रही हों।

गर्भावस्था में सुरक्षित सप्लीमेंट

अगर आप गर्भवती होने के दौरान सप्लीमेंट के सेवन पर विचार कर रही हैं, तो यहां पर इसके लिए कुछ सुरक्षित विकल्प दिए गए हैं: 

1. फोलेट

गर्भावस्था में फोलिक एसिड सप्लीमेंटेशन बहुत ज्यादा रेकमेंड किए जाते हैं, खासकर प्रेगनेंसी के बेहद शुरुआती पड़ाव में। शुरुआती सप्ताहों के दौरान आपके बच्चे के शरीर में स्पाइनल कॉर्ड बनता है। स्पाइनल कॉर्ड की बनावट सही तरह से होने के लिए फोलिक एसिड बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह सप्लीमेंट मल्टीविटामिन का एक हिस्सा भी हो सकता है। यहां पर यह याद रखना जरूरी है, कि प्रेगनेंसी में अधिकतम 1200 माइक्रोग्राम फोलेट को सुरक्षित माना जाता है। 

2. प्रीनेटल मल्टीविटामिन

आमतौर पर, हर जगह ये सप्लीमेंट सभी मांओं को अधिकतर डॉक्टरों द्वारा रेकमेंड किए जाते हैं। प्रीनेटल मल्टीविटामिन लेना अच्छा होता है, क्योंकि इससे गर्भवती मां और गर्भ में पल रहे बेबी के स्वस्थ विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं। ये एक वास्तविक संतुलित और पौष्टिक खानपान के साथ एक सप्लीमेंट के रूप में काम करते हैं और ये कभी भी न्यूट्रिशन का एकमात्र स्रोत नहीं हो सकते हैं। यानी कि, प्रीनेटल मल्टीविटामिन के सेवन के साथ ही आपको स्वस्थ और पौष्टिक भोजन भी लेना चाहिए। 

3. ओमेगा 3

ओमेगा 3 गर्भावस्था की यात्रा में जरूरी फैटी एसिड्स में से एक है। ऐसे कई सप्लीमेंट्स स्रोत हैं, जो कि आपको ओमेगा 3 उपलब्ध करा सकते हैं। लेकिन सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित होता है कॉड लिवर ऑयल। वैज्ञानिक रूप से यह पाया गया है, कि कॉड लिवर ऑयल मस्तिष्क के विकास और बढ़त में गर्भावस्था से ही सहयोग करता है और इससे आने वाले जीवन में बच्चा स्मार्ट बनता है। इस तेल में डीएचए और ईपीए जैसे एसिड होते हैं, जो कि मां में मानसिक तनाव के स्तर को कम रखते हैं और साथ ही डिलीवरी के बाद डिप्रेशन से बचने में भी मदद करते हैं। 

4. विटामिन ‘डी3’

आज की जीवनशैली में लोग कमरे के अंदर अधिक रहते हैं, जिसके कारण हम सुबह की धूप से वंचित रह जाते हैं और ऐसा भोजन लेते हैं, जिसमें विटामिन ‘डी’ नहीं होता है। जिसके कारण हममें से ज्यादातर लोगों में विटामिन ‘डी3’ की कमी पाई जाती है। अच्छे और स्वस्थ बोन स्ट्रक्चर को पाने के लिए विटामिन ‘डी3’ बेहद जरूरी है, जो कि केवल शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अब्जॉर्प्शन से ही पाया जा सकता है। हड्डियों के अलावा यह सेल ग्रोथ, मांसपेशियों और इम्यूनिटी को भी बेहतर बनाता है और इनके अलावा भी कई तरह से फायदेमंद होता है। प्रेगनेंसी में विटामिन ‘डी3’ प्रीमैच्योर लेबर, जेस्टेशनल डायबिटीज और अन्य इन्फेक्शन से बचने में मदद करता है। शिशु को भी अच्छा बोन मास मिलता है, जिससे आगे चलकर उसका शरीर स्वस्थ रहता है। सही मात्रा में विटामिन ‘डी3’ का सेवन करना भी जरूरी है और इसकी मात्रा जरूरत से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

5. कैल्शियम

हड्डियों के विकास और दांतों की मजबूती के अलावा, कैल्शियम ब्लड क्लॉटिंग मेकैनिज्म को बेहतर बनाता है और हाई ब्लड प्रेशर से बचाता है। बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए बहुत सारे कैल्शियम की जरूरत होती है। अगर यह जरूरत पूरी न हो, तो ऐसे में गर्भस्थ शिशु मां की हड्डियों से कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने लगता है, जिसके कारण आगे चलकर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जैसे प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में क्रैंप्स। प्रेगनेंसी में खाली पेट में कैल्शियम सप्लीमेंट लेना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि ऐसे में शरीर इसे आसानी से और जल्दी अब्जॉर्ब कर लेता है। 

6. मैग्नीशियम

प्रेगनेंसी के दौरान मैग्नीशियम का सेवन भी बहुत जरूरी है। सही मात्रा में मैग्नीशियम लेने से पैरों में दर्द और जकड़न की समस्या कम होने में और अच्छी नींद मिलने में मदद मिलती है, जो कि मां में ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन से सीधे-सीधे संबंधित है। कुछ खास कैलशियम सप्लीमेंट्स में पहले से ही मैग्नीशियम मौजूद हो सकता है या नहीं भी हो सकता है। 

7. नारियल का तेल

नारियल के तेल में गुड सैचुरेटेड फैट के साथ लॉरिक एसिड मौजूद होता है, जो कि मां और बच्चे दोनों को ही पोषण देता है। एक तरफ यह आपके शरीर में प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरूरी फैट को स्टोर करता है और साथ ही एनर्जी लेवल को भी अच्छा बनाए रखता है। वहीं दूसरी ओर यह मां के दूध में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों का निर्माण करता है, जो कि शिशु में इम्यूनिटी बनाने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। 

8. प्रोबायोटिक्स

सभी बैक्टीरिया बुरे नहीं होते हैं। ऐसे कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी होते हैं, जिन्हें सही मात्रा में आपकी आँतों में मौजूद होना जरूरी है। ये बैक्टीरिया बीमारियों से लड़ने में और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। जब शिशु जन्म लेते हैं, तब उनमें कोई बैक्टीरिया मौजूद नहीं होते हैं और इनका बैक्टीरिया से पहला संपर्क तब होता है, जब वे बर्थ कैनाल से बाहर आ रहे होते हैं। इसलिए आँतों के साथ-साथ ब्रेस्ट मिल्क में सही मात्रा में गुड बैक्टीरिया का मौजूद होना बेहद जरूरी है। सभी सप्लीमेंट्स की तरह ही प्रोबायोटिक्स को भी उनके जेनस और स्ट्रेंस को पढ़कर सावधानी पूर्वक चुनें। 

गर्भवती होने पर किन सप्लीमेंट के सेवन से बचें?

प्रेगनेंसी के लिए फायदेमंद सप्लीमेंट की लिस्ट के अलावा कुछ खास सप्लीमेंट होते हैं, जिनसे निश्चित रूप से बचना चाहिए। गर्भवती होने पर कई असुरक्षित हर्बल सप्लीमेंट से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि ये आगे चलकर कॉम्प्लिकेशंस का कारण बन सकते हैं: 

1. विटामिन ‘ए’

जी हां, विटामिन ‘ए’ उन सभी जरूरी पोषक तत्वों में से एक है, जो कि प्रेगनेंसी के दौरान जरूरी होते हैं। बच्चे की आंखों और उनकी इम्यूनिटी फंक्शन के विकास के लिए ये बेहद जरूरी हैं। लेकिन अधिक मात्रा में विटामिन ‘ए’ का सेवन फायदे से ज्यादा नुकसान का कारण बन सकता है। फैट में विटामिन ‘ए’ की घुलनशीलता के कारण लिवर में बहुत सारा विटामिन ‘ए’ इकट्ठा हो सकता है। यह स्टोरेज टॉक्सिक बनना शुरू हो जाता है और यह लिवर को डैमेज कर सकता है। यह शिशु में कई तरह के जन्म दोषों का एक कारण भी बन सकता है। अधिकतर मल्टीविटामिन और स्वस्थ भोजन में विटामिन ‘ए’ की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए इसके लिए सप्लीमेंट्स के सेवन की सलाह आमतौर पर नहीं दी जाती है। 

2. विटामिन ‘ई’

यह विटामिन भी शरीर की बहुत सारे फंक्शन को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा इम्यूनिटी की फंक्शनिंग और जीन एक्सप्रेशन जैसे कुछ महत्वपूर्ण फंक्शन भी इस पर आश्रित होते हैं। लेकिन बाहरी स्रोतों से इसके सप्लीमेंट लेने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसे सप्लीमेंट शायद ही बच्चे पर कोई सकारात्मक असर दिखाते हैं, बल्कि इसके कारण पेट में दर्द के साथ-साथ मां के शरीर में समय से पहले एमनियोटिक सैक के फटने की स्थिति भी देखी जाती है। 

3. ब्लैक कोहोश

बहुत से लोग विभिन्न कारणों से ब्लैक कोहोश पौधे के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। इनमें से ज्यादातर कारणों में हॉट फ्लैशेस पर नियंत्रण के साथ-साथ मासिक धर्म के क्रैंप्स से आराम पाना शामिल है। लेकिन ब्लैक कोहोश के कारण लोगों में लिवर डैमेज भी देखा जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में ब्लैक कोहोश के इस्तेमाल से गर्भाशय का कॉन्ट्रैक्शन हो सकता है, जिससे प्रीमैच्योर लेबर भी शुरू हो सकता है। 

4. गोल्डन सील

इस पौधे को सप्लीमेंट के रूप में लोगों के खानपान के हिस्से के रूप में जाना जाता है, जो कि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन से बचने में मदद करता है और साथ ही डायरिया से भी राहत देता है। लेकिन प्रेगनेंसी पर इसके साइड इफेक्ट को लेकर कुछ संदेह है। गोल्डन सील पौधे में बरबरीन नामक एक पदार्थ पाया जाता है। यह अकेला ही शिशुओं में जॉन्डिस के गंभीर मामलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अलावा यह करनिक्टेरस नामक ब्रेन डैमेज की स्थिति का भी कारण बन सकता है, जो कि दुर्लभ होती है और जानलेवा मानी जाती है। 

5. डोंग क्वाई

डोंग क्वाई उन एग्जॉटिक जड़ों में से एक है, जिसका इस्तेमाल लोग हजारों वर्षों से करते आ रहे हैं। अपने पारंपरिक औषधीय गुणों के लिए यह चीन में बेहद लोकप्रिय है। इसे भी पीरियड के क्रैंप्स के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर को काफी हद तक कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। हालांकि इसका कोई प्रमाण अब तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इस हर्बल सप्लीमेंट के सेवन से गर्भाशय में स्टिमुलेशन हो सकती है, जिससे कॉन्ट्रैक्शन हो सकता है और दुर्भाग्यपूर्ण मिसकैरेज हो सकता है। 

6. योहिम्बे

यह सप्लीमेंट अफ्रीका के सुदूर क्षेत्रों में पाया जाता है। कहा जाता है, कि यह एक पेड़ की छाल होती है, जो कि उसी क्षेत्र में पाया जाता है। इस क्षेत्र के कई हर्बल उपचारों का यह एक लोकप्रिय घटक है और ऐसी धारणा है कि यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के साथ-साथ लोगों में मोटापे को कम करने में भी मदद करता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए इसकी सख्त मनाही होती है, क्योंकि यह हर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसे ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना, हार्ट अटैक ट्रिगर हो जाना या फिर सीजर्स (दौरे) भी। 

7. कई अन्य

ऊपर बताए गए सप्लीमेंट्स के अलावा ऐसे कई अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स हैं, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान बेहद मददगार माना जाता है, लेकिन सेवन करने के लिए ये पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होते हैं। इनमें से कुछ है – सॉ पलमेट्टो, टेंसी, रेड क्लोवर, एंजेलिका, यारोव, वर्मवुड, ब्लू कोहोश, पेनिरॉयल, एफेड्रा, मगवोर्ट एवं कई अन्य।  

एक स्वस्थ जीवनशैली और एक पौष्टिक खानपान प्रेगनेंसी के दौरान निश्चित रूप से बेहद जरूरी होते हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है। कुछ खास सप्लीमेंट्स अच्छे विकास के लिए निश्चित रूप से जरूरी और फायदेमंद होते हैं, लेकिन हर सप्लीमेंट के साथ ऐसा नहीं है। सप्लीमेंट केवल मौजूदा खानपान का एक सपोर्ट सिस्टम होते हैं और इन पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होना चाहिए। एक अच्छी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज, मेडिटेशन, रिलैक्सेशन, गहरी नींद, और स्वस्थ भोजन निश्चित रूप से इन कुछ सप्लीमेंट्स के सेवन से कहीं अधिक जरूरी हैं। अन्य सभी चीजों की तरह ही बेहतर होगा, कि इनके चुनाव को आप अपने डॉक्टर पर छोड़ दें और अपने मामले के आधार पर उनकी प्रोफेशनल सलाह लें, ताकि आप हमेशा सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें। 

यह भी पढ़ें:

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पूजा ठाकुर

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