बच्चों में फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स – डेवलपमेंटल माइलस्टोन

बच्चों में फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स - डेवलपमेंटल माइलस्टोन

जब बच्चे चीजों को पकड़ना और उठाना शुरू कर देते हैं तब आप जानती हैं कि बच्चों में मोटर स्किल्स का विकास हो रहा है। यद्यपि कभी-कभी कुछ बच्चों को टॉयज पकड़ने का अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया जाता है। बच्चों में मोटर मोशन व मूवमेंट्स की सक्षमता को मोटर स्किल्स कहा जाता है और इसे फाइन मोटर स्किल्स व ग्रॉस मोटर स्किल्स में विभाजित किया गया है। इन दो स्किल्स को विकसित करने का मतलब है कि बच्चे में वृद्धि और विकास के जरूरी माइलस्टोन पूरे हो रहे हैं। इस आर्टिकल में मोटर स्किल्स को कब व कैसे विकसित किया जाता है और इसके प्रकार के बारे में बताया गया है, जानने के लिए आगे पढ़ें। 

फाइन मोटर स्किल्स क्या है?

फाइन मोटर स्किल्स में बच्चा छोटे-छोटे मूवमेंट्स करता है और इसमें इसी के अनुसार बच्चे के शरीर की छोटी-छोटी मसल्स मदद करती हैं। बच्चे में फाइन मोटर स्किल्स का विकास होने के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं, जैसे बच्चा अपनी उंगलियों से पेरेंट्स की उंगली पकड़ता है, बच्चा छोटी चीजें उठाता और पकड़ता है या बच्चा खाने के लिए मुंह और जीभ को हिलाता है। 

ग्रॉस मोटर स्किल्स क्या है? 

ग्रॉस मोटर स्किल्स में बच्चा अपने शरीर की बड़ी मसल्स का उपयोग करके बड़े मूवमेंट्स करता है। बच्चा अपने हाथ को बढ़ाकर टॉयज तक पहुँचने की कोशिश करता है, सीधे बैठने की कोशिश करता है, क्रॉल या रोल होने की कोशिश करता है जिसमें हाथों, कंधों, टॉर्सो व पैरों की महत्वपूर्ण और बड़ी मसल्स का उपयोग किया जाता है इसलिए इसे ग्रॉस मोटर स्किल्स का नाम दिया गया है। 

हम जान चुके हैं कि बच्चों में मोटर स्किल्स कैसे मदद करती हैं। आइए अब जानते हैं कि पेरेंट्स बच्चों में यह स्किल्स विकसित करने में कैसे मदद कर सकते हैं। 

फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स के विकास के लिए एक्टिविटीज 

फाइन मोटर एक्टिविटीज की मदद से छोटे व बड़े बच्चों में मोटर स्किल्स का विकास होता है। इन एक्टिविटीज में बच्चा छोटी-छोटी मसल्स का उपयोग करके छोटे व महत्वपूर्ण मूवमेंट करेगा जिससे उसके हाथ और आंख का कोऑर्डिनेशन अच्छा होगा। इसमें सबसे आसान एक्टिविटी है कि आप बच्चे को क्ले से खेलने दें। जब बच्चा क्ले से खेलना शुरू करेगा तो वह अपनी उंगलियों से क्ले को आटे की तरह गूंथेगा, उसे दबाएगा, उसे रोल करेगा या अलग-अलग शेप बनाएगा जिससे उसमें फाइन मोटर स्किल्स विकसित होंगी। 

छोटे व बड़े बच्चों में ग्रॉस मोटर स्किल्स का विकास करने के लिए उन्हें ग्रॉस मोटर एक्टिविटीज करने के लिए प्रेरित किया जाता है। ये एक्टिविटीज करने के लिए बच्चा अपनी बड़ी मसल्स का उपयोग करके बड़े-बड़े मूवमेंट्स करता है। कुछ एक्टिविटीज हैं जिनकी मदद से बच्चे में ग्रॉस मोटर स्किल्स विकसित हो सकती हैं, जैसे किसी चीज को टारगेट बनाकर बच्चे को उस पर सॉफ्ट बॉल फेंक कर मारने के लिए कहें। 

फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स के विकास के लिए एक्टिविटीज

यहाँ पर आयु के अनुसार फाइन मोटर स्किल्स और ग्रॉस मोटर स्किल्स की एक्टिविटीज बताई गई हैं जिनसे आपको बहुत आसानी होगी, आइए जानें;

1. छोटे बच्चे और टॉडलर 

  • 24 महीने के बच्चों में ग्रास्प रिफ्लेक्स विकसित होता है और इस समय उन्हें छोटी-छोटी चीजें देनी चाहिए ताकि वे इसे सही से पकड़ सकें। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों को दी जाने वाली चीज बहुत छोटी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वे इसे निगल भी सकते हैं। बच्चे को चीजें पकड़ना शुरू करने में समय लग सकता है पर वह धीरे-धीरे यह करने लगेगा। 
  • 4 से 8 महीने के बच्चों को छोटी चीजों से खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। अब वे चीजों को एक हाथ से दूसरे हाथ में ले सकते हैं, मध्यम आकार की चीजों को पकड़ सकते हैं और किसी भी चीज को अपने मुंह में डाल सकते हैं या कंटेनर्स को बाहर खींच सकते हैं। बच्चों को चोकिंग के खतरे से बचाने के लिए आप उन्हें ऐसी छोटी चीजें देने से बचें जिन्हें निगल भी सकता है। 
  • 7 से 9 महीने की आयु में बच्चे आगे और साइड तक पहुँचने में सक्षम होते हैं। इस समय आप बच्चे कोई थोड़ी दूर से बॉल या किसी छोटी चीज तक पहुँचने के लिए प्रेरित करें। इस समय बच्चे चीजों को कंटेनर में डाल सकते हैं और इसलिए उन्हें ऐसी ही एक्टिविटीज में व्यस्त रखना चाहिए। 
  • 12 महीने के बच्चे को आप ऐसी एक्टिविटीज करने के लिए दें जिसमें चीजों की तरफ इशारा करना शामिल हो। इस समय बच्चा अपने अंगूठे का उपयोग करना सीखता है इसलिए आप उसे क्रेयॉन्स या अन्य पतली चीजें उठाने दें। 
  • 18 महीने की आयु में बच्चा क्रेयॉन्स पकड़ने लगता है इसलिए आप उसे ड्रॉइंग या कलरिंग जैसी एक्टिविट्स करने के लिए प्रेरित करें। 

2. प्रीस्कूलर या किंडरगार्टेन 

प्रीस्कूलर के लिए फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स का विकास करने की कुछ एक्टिविटीज निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • बच्चों को ड्रॉइंग और कलरिंग की एक्टिविटीज करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करना चाहिए। 
  • बच्चों को चम्मच से खाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 
  • बच्चों को मोजे व जूते खुद पहनने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 
  • बच्चों को बड़ी चीजों का स्टैक बनाने जैसी एक्टिविटीज में व्यस्त रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 
  • यद्यपि यह कठिन है पर बच्चे को धागे में मोती डालने जैसी एक्टिविटीज करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 
  • बच्चों को क्ले मॉडलिंग से खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 
  • बच्चों को कैंची से पेपर काटने जैसी एक्टिविटीज करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 
  • ऐसे खेल खेलें जिनमें बॉल को फेंकना हो। 
  • बच्चों को हॉरिजॉन्टल व वर्टिकल लाइन ड्रॉ करना सिखाना चाहिए। 
  • बच्चों को खुद से कपड़े बदलने व तैयार होने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 

प्रीस्कूलर या किंडरगार्टेन 

फाइन बनाम ग्रॉस मोटर स्किल्स 

  • ग्रॉस मोटर स्किल्स में बच्चे बड़े-बड़े मूवमेंट्स या बड़ी एक्टिविटीज के लिए बड़ी मसल्स का उपयोग करते हैं, जैसे बैठना, क्रॉल करना, रोल करना। फाइन मोटर स्किल्स में छोटे-छोटे काम व आसान मूवमेंट्स के लिए छोटी मसल्स का इस्तेमाल करते हैं, जैसे पकड़ना, छोटी चीजें उठाना। 
  • ग्रॉस और फाइन मोटर स्किल्स के विकास की शुरुआत बचपन (4 महीने की आयु) से ही हो जाती है। फाइन मोटर स्किल्स के कुछ उदाहरण हैं, जैसे टॉयज उठाना, चीजें इधर-उधर रखना और पिंसर ग्रास्प जो बच्चे में ग्रॉस मोटर स्किल्स को विकसित करने में मदद करते हैं। 
  • बच्चे को कुछ एक्टिविटीज और गेम्स में व्यस्त करने से उनमें फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स विकसित हो सकती हैं। 

बच्चे में विकास व वृद्धि के लिए ग्रॉस और फाइन मोटर स्किल्स बहुत जरूरी हैं। वैसे तो मोटर स्किल्स प्राकृतिक ही विकसित होती हैं पर फिर भी पेरेंट्स को यह सलाह दी जाती है कि बच्चे के विकास पर ध्यान देते रहें। प्लेटाइम और गेम्स जैसी कुछ एक्टिविटीज की मदद से बच्चे में फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल्स का विकास किया जा सकता है। यदि कुछ मोटर स्किल्स धीरे-धीरे डेवलप होती हैं तो कुछ मोटर स्किल्स का विकास बहुत तेजी से होगा। इस बात का ध्यान रखें कि हर बच्चे में अलग-अलग तरीके व समय से विकास होता है। यदि आपके बच्चे में देरी से विकास हो रहा है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय आप पेडिअट्रिशन से संपर्क करें जो आपको बच्चे में बेहतर विकास से संबंधित जानकारी देने में मदद करेंगे। 

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