In this Article
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट की एक पुरानी समस्या होती है जिसमें पेट में ऐंठन, सूजन, पेट फूलना और कब्ज या दस्त जैसे लक्षण होते हैं। इस समस्या की वजह से आपको पेट में तेज दर्द, बेचैनी और असुविधा हो सकती है। लेकिन अभी तक इसका सही कारण कोई नहीं जनता है और इस स्थिति का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। हालांकि, अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने के साथ ही कुछ इलाज हैं, जो लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतों की बीमारी है। इसके मुख्य लक्षण पेट दर्द, दस्त और कब्ज हैं। यह किसी भी तरह से आपकी लाइफ के लिए खतरा नहीं होते हैं, पर इस समस्या से पीड़ित लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी जरूर प्रभावित होती है। इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। जिन लोगों में हल्के लक्षण दिखते हैं उनको इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है वहीं गंभीर लक्षणों वाले लोगों को इलाज और अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना पड़ता है।
प्रेगनेंसी की शुरुआत में आईबीएस अपने साथ बहुत सारी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे मॉर्निंग सिकनेस, जलन, कब्ज या दस्त लाता है। ऐसे में आपको इस बात पर अधिक ध्यान देना होगा कि आप अच्छा और हेल्दी खाना खाती हैं। इस दौरान आईबीएस के लक्षण को कम करने के लिए आप एक कप अदरक की चाय पी सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में आईबीएस और दस्त काफी आम हैं। हालांकि, इसके दो पहलू होते हैं। जिन महिलाओं को गर्भावस्था से पहले आईबीएस होता है, उन्हें प्रेगनेंसी के समय गंभीर लक्षण होने की संभावना अधिक होती है या फिर इससे राहत मिलती है।
आईबीएस जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या गर्भवती महिलाओं में काफी सामान्य है। यह कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे –
गर्भवती महिलाओं में आईबीएस के लक्षण तिमाही के अनुसार होते हैं।
गर्भावस्था में आईबीएस का निदान करने के लिए कोई विशेष टेस्ट नहीं हैं। आईबीएस पहचान के लिए डॉक्टर मरीजों के लक्षणों पर अधिक भरोसा करते हैं। हालांकि इसका पता लगाने के लिए कोई टेस्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ टेस्ट ऐसे हैं जो ऐसे ही लक्षण वाले मेडिकल समस्या को पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
डॉक्टर आपसे इन टेस्ट के लिए कह सकते हैं जैसे –
इसके अलावा, महीने में तीन या अधिक दिनों के लिए गर्भावस्था से गैर सम्बंधित पेट दर्द के साथ दस्त और कब्ज गर्भावस्था के दौरान आईबीएस के मुख्य लक्षण है।
आईबीएस गर्भावस्था में रिस्क पैदा कर सकता है। यह केवल आपको प्रभावित करेगा। आईबीएस से लंबे समय तक दस्त हो सकते हैं जिसके कारण आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो कि समय से पहले डिलीवरी का कारण बनता है। दूसरी ओर गर्भावस्था के दौरान आईबीएस के कारण कब्ज की वजह से आपको रेक्टल ब्लीडिंग हो सकती है और यहां तक कि बवासीर भी हो सकता है। यह पेल्विक मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है जो बच्चे के जन्म के दौरान महत्वपूर्ण होती हैं। आईबीएस से प्रभावित महिलाओं में मिसकैरेज होने का खतरा भी अधिक होता है।
हालांकि, यह बात साबित करने के लिए कुछ भी सबूत नहीं है कि आईबीएस गर्भ में पल रहे बच्चे को प्रभावित करता है या नुकसान पहुंचाता है। आईबीएस किसी महिला की फर्टिलिटी क्षमता या उसके गर्भवती होने की क्षमता को प्रभावित नहीं करता है।
गर्भावस्था के दौरान आईबीएस, प्रेगनेंसी हार्मोन की वजह से अधिक गंभीर हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे दस्त, मतली, कब्ज, सूजन, गैस, पेट में जलन या एसिडिटी आदि का अनुभव हो सकता है। आपके अंदर बढ़ रहे बच्चे की वजह से आपकी आंतों और पाचन तंत्र पर दवाब पड़ता है जिससे मल त्याग में समस्या आती है।
ऐसा कहा जाता है कि आईबीएस के कारण प्रेगनेंसी में महिलाओं को दस्त के कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है, जिसकी वजह से माँ और बच्चे दोनों को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में महिला की समय से पहले डिलीवरी हो सकती है जो कई बार बच्चे के लिए घातक साबित होता है। कुछ मामलों में, बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी कॉम्प्लिकेशन भी हो जाते हैं। इन्ही सब कारणों की वजह से गर्भपात या अस्थानिक यानी एक्टोपिक गर्भावस्था की समस्या बढ़ जाती है।
आईबीएस को रोकना थोड़ा मुश्किल भरा काम है। हालांकि, आप उन खाने वाली चीजों से बचकर इसे रोक सकती हैं जो आईबीएस के लक्षणों को ट्रिगर करते हैं। संतुलित और स्वस्थ डाइट का पालन करना, ढेर सारा पानी पीना, व्यायाम करना और तनाव मुक्त रहना गर्भावस्था के दौरान आईबीएस को रोकने के कुछ बेहतरीन तरीके हैं।
हालांकि, यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है या आपको गंभीर लक्षण हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। किसी भी तरह की दवा लेने से पहले भी आपको डॉक्टर से पूछना चाहिए।
आईबीएस का कोई स्थाई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
आईबीएस एक ऐसी स्थिति है जो जिंदगी भर रह सकती है, लेकिन इसे नियंत्रित करने के तरीके हैं। आईबीएस की वजह से आपको चिंता करने या उदास होने की जरूरत नहीं है। आपको यह याद रखना होगा कि गर्भावस्था के दौरान आईबीएस को संभालने वाली आप अकेली नहीं हैं। आप जैसे कई या कुछ ऐसे हैं जो गर्भावस्था के दौरान आईबीएस के गंभीर लक्षणों से जूझ रही होंगी। गर्भावस्था के दौरान आईबीएस को संभालना कठिन हो सकता है लेकिन सही नजरिया, अच्छी डाइट, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव और थोड़े से उपचार के साथ आप इसे नोटिस भी नहीं करेंगी।
यह भी पढ़ें:
गर्भावस्था के दौरान पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस)
गर्भावस्था के दौरान साइटोमेगालोवायरस (सीएमवी) होनाय
गर्भावस्था के दौरान टॉर्च इन्फेक्शन होना – समस्याएं और आवश्यक जानकारियां
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…
8 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित का एक अहम हिस्सा है, जो उनकी गणना…
गणित में पहाड़े याद करना बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयोगी अभ्यास है, क्योंकि…
3 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के मूलभूत पाठों में से एक है। यह…